KCR की बेटी कविता महिला आरक्षण बिल के लिए कल दिल्ली में करेंगी भूख हड़ताल, धरना में 18 दलों के नेता होंगे शामिल

के कविता ने कहा कि इस समय जो सरकार है, वह पूर्ण बहुमत की सरकार है। जब इस सरकार को आधार बिल पास करना था तो उन्होंने आधार बिल को फाइनेंस बिल बता राज्यसभा को बाईपास करके पास करवाया। अगर बीजेपी सरकार मन से चाहती है तो जरूर महिला आरक्षण बिल पास करवा सकती है।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी और भारत राष्ट्र समिति की विधान परिषद सदस्य के कविता ने कल राजधानी दिल्ली में महिला आरक्षण बिल के समर्थन में प्रदर्शन करेंगे और भूख हड़ताल करेंगी। उनके इस धरना-प्रदर्शन में देश के 18 राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।

दिल्ली में आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कविता ने कहा कि 2 मार्च को हमने हैदराबाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पोस्टर रिलीज किया था कि हम 10 मार्च को दिल्ली में महिला आरक्षण बिल को लेकर भूख हड़ताल पर बैठेंगे। इस भूख हड़ताल में 18 राजनीतिक दलों के नेता हिस्सा लेंगे। मैं बहुत धन्यवाद देती हूं 18 राजनीतिक दलों का जिन्होंने इस भूख हड़ताल और प्रदर्शन में भाग लेने का निर्णय लिया है। तो हम कल से दिल्ली में महिला आरक्षण बिल के समर्थन में भूख हड़ताल पर बैठने के लिए तैयार हैं।

आगे कविता ने बताया कि कल सुबह 10 बजे सुबह सीताराम येचुरी साहब के हाथों से भूख हड़ताल धरना प्रदर्शन का शुभारंभ होगा। उसके बाद उसी समय प्रियंका चतुवेर्दी शिवसेना से आएंगी और इसके अलावा अट्ठारह राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि भूख हड़ताल में भाग लेंगे। और जिन महिलाओं ने महिला आरक्षण बिल लाने के लिए इस बिल को पारित करने के लिए हम से पहले कोशिश की है, उन सभी महिलाओं से भी हमने बात की है।


के कविता ने कहा कि जिस तरह से पूरी दुनिया में महिलाओं की हिस्सेदारी है, हर चीज में उस तरह हमारे देश में अभी हो नहीं पाया है। कविता ने कहा हम इसलिए यह निवेदन सरकार से कर रहे हैं कि इस समय जो सरकार है, वह पूर्ण बहुमत की सरकार है। जब केंद्र सरकार को आधार बिल पास करना था तो उन्होंने आधार बिल को फाइनेंस में घोषित करके राज्यसभा को बाईपास करके पास करवाया। अगर बीजेपी सरकार मन से चाहती है तो जरूर महिला आरक्षण बिल पास करवा सकती है।

अंत में कविता ने कहा कि मेरा बीजेपी से निवेदन है कि आप इसमें पार्टी को ना देखें सिर्फ महिलाओं को ध्यान में रखें। इस बात पर फोकस करें कि किस तरह महिलाओं की भागीदारी को राजनीतिक व्यवस्था में बढ़ाना है। अगर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आप देखें तो महिलाओं के आरक्षण के मामले में भारत बहुत पीछे है। हमारे पड़ोसी देश बांग्लादेश और पाकिस्तान में हमारे भारत से ज्यादा महिलाओं को आरक्षण प्राप्त है, ब्राजील में 50 फीसदी महिलाओं को आरक्षण प्राप्त है।

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