कर्नाटकः स्वास्थ्य मंत्री के अपने क्षेत्र के लोगों के लिए बेड रिजर्व कराने पर बवाल, बीजेपी सरकार में उभरा मतभेद
राज्य की चिक्कबल्लापुर विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले स्वास्थ्य मंत्री सुधाकर ने कहा है कि स्वास्थ्य मंत्री होने के नाते उनके पास अपने क्षेत्र के मतदाताओं, जिले के लोगों को बचाने का अधिकार है और इसीलिए उन्होंने अस्पतालों में बेड ब्लॉक करवाए हैं।
कर्नाटक में कोरोना वायरस का कहर जारी है। कोरोना के नए मामलों और मौतों की संख्या बदहाल व्यवस्था की गवाही दे रहे हैं। राज्य में भयावह हो चुके हालात को संभालने में नाकाम रहने पर पहले ही बीजेपी सरकार सवालों के घेरे में हैं। अब एक और नए विवाद ने जहां सरकार की भारी किरकिरी करवा दी है, वहीं बीजेपी में भी भूचाल ला दिया है, जिससे पार्टी नेताओं में मतभेद उभर कर सामने आ गया है।
मामला राजधानी बंगलूरू का है जहां के तीन निजी अस्पतालों में 15 फीसदी बेड स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर के लिए ब्लॉक करने का मामला सामने आया है। पता चला है कि स्वास्थ्य मंत्री सुधाकर ने ये बेड अपने निर्वाचन क्षेत्र चिक्कबल्लापुर के मरीजों के लिए रिजर्व करवाए हैं। बेंगलुरू के एस्टर सीएमआई, कोलंबिया एशिया और बैप्टिस्ट अस्पताल को चिक्कबल्लापुर के मरीजों के लिए 15 फीसदी बेड आरक्षित रखने के लिए कहा गया है। स्वास्थ्य मंत्री ने इसके लिए नोडल अधिकारी भी नियुक्त किया है।
इस मामले के सामने आने के बाद बीजेपी के कई विधायकों समेत सरकार के कई मंत्रियों ने भी सुधाकर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और सीएम येदियुरप्पा से इस पर आपत्ति प्रकट की है।बीजेपी विधायक एसआर विश्वनाथ, कांग्रेस विधायक ब्यर्थि सुरेश और कुछ अन्य नेताओं ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री येदियुरप्पा और राजस्व मंत्री आर अशोक से चर्चा की है। आर अशोक ने इस पर बयान देते हुए कहा कि बंगलूरू खुद बढ़ते मामलों का सामना कर रहा है। मैं स्वास्थ्य मंत्री द्वारा ऐसे किसी कदम का समर्थन नहीं करूंगा।
वहीं, मुख्यमंत्री येदियुरप्पा के राजनीतिक सचिव एमपी रेणुकाचार्य ने स्वास्थ्य मंत्री सुधाकर पर बरसते हुए कहा कि सुधाकर को चिक्कबल्लापुर में ऐसी व्यवस्थाएं करनी चाहिए। मैं पहले भी मंत्री को गैरजिम्मेदाराना बयान देने के खिलाफ चेतावनी दे चुका हूं। मैंने न केवल सुधाकर बल्कि सीपी येगेश्वर से भी कहा है कि केवल दिल्ली में बैठेकर खेल मत खेलिए। अगर लोग वोट करते हैं तो हम विधायक बनते हैं और तब ही मंत्री बन सकते हैं। अगर वह लोगों की सेवा नहीं कर सकते तो उन्हें क्यों स्वास्थ्य मंत्री बनना चाहिए।
वहीं, इस मुद्दे पर पूर्व उपमुख्यमंत्री और बंगलूरू से विधायक रामलिंगा रेड्डी ने कहा कि सुधाकर को याद रखना चाहिए कि वह केवल चिक्कबल्लापुर के स्वास्थ्य मंत्री नहीं हैं। वह पूरे कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री हैं। मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को तत्काल इस मामले में दखल देनी चाहिए। रेड्डी ने कहा कि चिक्कबल्लापुर समेत सभी जगह के लोगों को अस्पतालों में बेड मिलने चाहिए।
इससे पहले इस मामले के सामने आने पर सुधाकर ने सफाई देते हुए कहा था कि अस्पतालों में जो 100 बेड आरक्षित किए गए हैं, वो उनके विधानसभा क्षेत्र चिक्कबल्लापुर से बंगलूरू के एस्टर अस्पताल आने वाले मरीजों के लिए हैं। सुधाकर ने अपने इस कदम को सही ठहराया है। फिलहाल यह विवाद खत्म होता नहीं दिख रहा। आने वाले दिनों मे इस मुद्दे को लेकर बीजेपी में अंतर्कलह बढ़ना तय है।
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