कर्नाटक रिश्वत कांडः रद्द हो सकती है BJP विधायक की जमानत! सुप्रीम कोर्ट ने लोकायुक्त की याचिका पर मांगा जवाब
लोकायुक्त पुलिस ने बीजेपी विधायक के बेटे प्रशांत मदल को केएसडीएल कार्यालय में अपने पिता की ओर से 40 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। बेटे की गिरफ्तारी के बाद विधायक विरुपकाशप्पा ने केएसडीएल के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।
कर्नाटक रिश्वत कांड में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कर्नाटक लोकायुक्त की उस याचिका पर बीजेपी विधायक मदल विरुपक्षप्पा से जवाब मांगा, जिसमें उच्च न्यायालय द्वारा उन्हें दी गई अग्रिम जमानत को चुनौती दी गई थी। बीजेपी विधायक कर्नाटक साबुन और डिटर्जेंट कॉन्ट्रैक्ट घोटाले में आरोपी हैं।
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस सुधांशु धूलिया की खंडपीठ ने बीजेपी विधायक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। शीर्ष अदालत 14 मार्च को इस मामले में कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ लोकायुक्त द्वारा दायर याचिका पर विचार करने पर सहमत हो गई थी।
लोकायुक्त पुलिस ने बीजेपी विधायक के बेटे प्रशांत मदल को केएसडीएल कार्यालय में अपने पिता की ओर से कथित रूप से 40 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। अपने बेटे की गिरफ्तारी के बाद विरुपकाशप्पा ने केएसडीएल के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। प्रशांत मदल बैंगलोर जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड के मुख्य लेखा अधिकारी हैं।
मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट ने बीजेपी विधायक की याचिका पर सुनवाई के बाद उन्हें अग्रिम जमानत दे दी थी और उन्हें आदेश की कॉपी प्राप्त होने के 48 घंटे के भीतर मामले में जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया था। उच्च न्यायालय ने विरुपाक्षप्पा को जमानत पर रहते हुए सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करने का भी निर्देश दिया।
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