अखिलेश के समर्थन से राज्यसभा जाएंगे कपिल सिब्बल, भरा पर्चा, डिंपल और जावेद अली को सपा ने बनाया अपना उम्मीदवार
कपिल सिब्बल ने यूपी से राज्यसभा के लिए निर्दलीय के तौर पर नामांकन भरा है लेकिन उन्हें सपा का समर्थन हासिल है। उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि वे कांग्रेस से 16 मई को इस्तीफा दे चुके हैं और मोदी सरकार की नीतियों का विरोध निर्दलीय के तौर पर करते रहेंगे।
समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश से राज्यसभा की तीन सीट के लिए अपने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया है। पार्टी ने डिंपल यादव और जावेद अली खान को आधिकारिक उम्मीदवार बनाया है, जबकि तीसरी सीट के लिए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल को समर्थन दिया है, जिन्होंने अखिलेश यादव की मौजूदगी में आज अपना नामांकन दाखिल भी कर दिया है। सिब्बल ने निर्दलीय के तौर पर राज्यसभा के लिए नामांकन भरा है।
कपिल सिब्बल ने आज अखिलेश यादव की मौजूदगी में अपना नामांकन दाखिल किया। इससे पहले बुधवार दोपहर सिब्बल ने सपा कार्यालय पहुंचकर अखिलेश यादव से मुलाकात की। इसके बाद अखिलेश यादव के साथ नामांकन करने पहुंचे। इस दौरान राम गोपाल यादव भी मौजूद रहे। नामांकन के बाद कपिल ने कहा कि उन्होंने 16 मई को ही कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है और निर्दलीय के तौर पर मोदी सरकार की नीतियों का विरोध करते रहेंगे। विपक्ष में रहकर मोदी सरकार के खिलाफ बनाना चाहता हूं।
वहीं इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी को कपिल सिब्बल जैसे नेताओं की जरूरत है। कपिल सिब्बल अपनी बात अच्छे से रखते हैं। वह एक सफल वकील भी हैं। सिबब्ल के अलावा अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव और जावेद अली खान भी सपा से राज्यसभा जाएंगे। जावेद अली खान पहले भी सपा के राज्यसभा सदस्य रह चुके हैं।
बता दें कि राज्यसभा में यूपी की 11 सीटों के लिए चुनाव 10 जून को होगा। इन सदस्यों का कार्यकाल 4 जुलाई को समाप्त हो रहा है। अभी तक राज्यसभा में सपा के पांच सदस्य हैं। इनमें कुंवर रेवती रमन सिंह, विशंभर प्रसाद निषाद और चौधरी सुखराम सिंह यादव का कार्यकाल चार जुलाई को खत्म हो रहा है। इन 11 सीटों के लिए नामांकन 24 से 31 मई तक दाखिल किए जाएंगे। एक जून को नामांकन पत्रों की जांच होगी। 3 जून तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। 10 जून को सुबह 9 से शाम 4 बजे तक मतदान होगा। शाम 5 बजे से मतगणना शुरू होगी।
इन 11 सीटों में से बीजेपी को 7 और सपा को 3 सीटें मिलना लगभग तय है। आंकड़ों के मुताबिक एक सीट के लिए 36 विधायकों का वोट चाहिए। बीजेपी गठबंधन के पास 273 विधायक है। ऐसे में उन्हें 7 सीट जीतने में कोई परेशानी नहीं होगी। सपा के पास 125 विधायक हैं। उसे 3 सीट जीतने में कोई दिक्कत नहीं है। हालांकि 11वीं सीट पर पेंच फंसता दिख रहा है। इसके लिए बीजेपी और सपा एक-दूसरे के खेमे में सेंधमारी की कोशिश कर सकती हैं।
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