मध्य प्रदेश में बीजेपी सरकार आते ही गोडसे जयंती मनाई गई, कमलनाथ ने की कार्रवाई की मांग
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गोडसे जयंती मनाए जाने पर सख्त ऐतराज जताते हुए कहा कि शिवराज सरकार में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे गोडसे की जयंती मनाना एक बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। हम मांग करते हैं कि दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो। लॉकडाउन में इस तरह का आयोजन कैसे हुआ, इसकी भी जांच हो।”
देश के सामने मुंह बाए खड़े कोरोना संकट के चलते लागू देशव्यापी लॉकडाउन के बीच मध्य प्रदेश के ग्वालियर में मंगलवार को महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की जयंती मनाई गई। इस अवसर पर हिंदू महासभा के कार्यालय में दीप भी जलाए गए। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस घटना की निंदा करते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से स्पष्ट करने को कहा है कि वह राष्ट्रपति की सोच के साथ हैं या गोडसे की सोच के साथ।
मंगलवार को ग्वालियर के दौलतगंज स्थित हिंदू महासभा के कार्यालय में गोडसे की जयंती मनाई गई। इस दौरान कार्यालय में दीपक जलाए गए। मौके पर मौजूद महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयवीर भारद्वाज ने कहा, "आज नाथूराम गोडसे की 142वीं जयंती मनाई है। हिंदू महासभा के कार्यकर्ताओं ने तीन हजार लोगों को गोडसे का चित्र वितरित किया। सभी ने इस मौके पर अपने घरों में दीपक जलाए।" भारद्वाज ने आगे कहा कि देश के विभाजन के लिए कांग्रेस जिम्मेदार है, ऐसा हिंदू महासभा मानती है।
इस घटना पर राज्य की बीजेपी सरकार को घेरते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गोडसे की जयंती मनाए जाने पर सख्त ऐतराज जताया है। उन्होंने कहा, "शिवराज सरकार में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की प्रदेश के ग्वालियर में जयंती मनाना, उसकी तस्वीर पर दीये जलाना एक बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। हम मांग करते हैं कि इसके दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो। लॉकडाउन में इस तरह का आयोजन कैसे हुआ, इसकी भी जांच हो।"
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस इस तरह के कृत्यों पर चुप नहीं बैठेगी और इसका हर मंच पर पुरजोर विरोध करेगी। उन्होंने आगे कहा, "हमारी सरकार में हमने ऐसा करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की थी और ऐसा करने वालों को चेताया था। प्रदेश में बापू के हत्यारे का महिमामंडन कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। शिवराज सरकार स्पष्ट करे कि वह बापू की सोच के साथ है या गोडसे की विचारधारा के साथ?"
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