कमलनाथ ने अंतरिम बजट को बताया खजूर के पेड़ जैसा, कहा- बेरोजगारों, किसानों, महिलाओं और जवानों के लिए कुछ नहीं
युवाओं और महिलाओं का जिक्र करते हुए कमलनाथ ने कहा कि बजट में युवाओं, महिलाओं, बेरोजगारों, किसानों और जवानों के लिए कुछ भी नहीं है। सरकार ने देश के आर्थिक विकास का कोई खाका पेश नहीं किया है और जो बातें कही हैं, वह 15 और 20 साल दूर की बातें हैं।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार का अंतरिम बजट संसद में पेश किया। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस बजट को खजूर के पेड़ जैसा बताते हुए कहा कि इसमें न तो युवाओं के लिए रोजगार की बात की गई, न किसानों के लिए राहत की बात की गई। यह सिर्फ एक झुनझुना है।
कमलनाथ ने अंतरिम बजट पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा, "बड़ा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर। पंछी को छाया नहीं फल लागे अति दूर। मोदी सरकार के आज पेश किए गए अंतरिम बजट की स्थिति कुछ ऐसी ही है। हमें आशा थी कि चुनाव से पूर्व के इस बजट में वित्त मंत्री बताएंगी कि प्रधानमंत्री ने जो हर वर्ष दो करोड़ रोजगार देने का वादा किया था उस हिसाब से 20 करोड़ रोजगार देने का टारगेट कहीं पहुंचा भी या नहीं?"
कमलनाथ ने मध्यवर्ग की उम्मीदों का जिक्र करते हुए कहा मध्यम वर्ग को आशा थी कि सरकार इनकम टैक्स स्लैब में कोई छूट देगी, लेकिन एक बार फिर से अपना जन विरोधी चेहरा सामने लाते हुए मोदी सरकार ने आयकर में कोई छूट नहीं दी। मोदी सरकार ने वादा किया था कि 2022 में किसानों की आमदनी दोगुनी कर दी जाएगी लेकिन आज 2024 के बजट में भी किसानों के पक्ष में एक ढंग की बात भी सरकार नहीं बोल सकी।
युवाओं और महिलाओं का जिक्र करते हुए कमलनाथ ने कहा कि बजट में युवाओं, महिलाओं, बेरोजगारों, किसानों और जवानों के लिए कुछ भी नहीं है। सरकार ने देश के आर्थिक विकास का कोई खाका पेश नहीं किया है और जो बातें कही हैं, वह 15 और 20 साल दूर की बातें हैं। यह बजट नहीं है, सिर्फ एक झुनझुना है।
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