जूना अखाड़ा ने आखिरकार कुंभ के समापन का किया ऐलान, पीएम मोदी को करना पड़ा था आग्रह
जूना अखाड़ा के अवधेशानंद गिरि ने अपने संदेश में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर जूना अखाड़े ने कुंभ खत्म करने का फैसला किया है। जिन देवताओं का हमने आवाहन किया था, उनका विधिवत विसर्जन कर दिया है। विभिन्न अखाड़ों के अन्य संत भी इस पर सहमत हैं।
उत्तराखंड के हरिद्वार में जारी 'कुंभ' में कोरोना विस्फोट के बाद आज पीएम मोदी द्वारा किए गए आग्रह के बाज जूना अखाड़ा ने भी अपनी ओर से कुंभ के समापन का ऐलान कर दिया। इससे पहले कई साधुओं के संक्रमित होने पर शुक्रवार शाम को निरंजनी अखाड़ा और आनंद अखाड़ा ने अपनी ओर से कुंभ समाप्ति की घोषणा कर दी थी।
हिंदू धर्म आचार्य सभा के अध्यक्ष स्वामी अवधेशानंद गिरि ने अपने ट्विटर हैंडल और एक वीडियो संदेश के माध्यम से कुंभ समाप्ति की घोषणा करते हुए कहा, "अब जूना अखाड़े के लिए कुंभ मेला संपन्न हो गया है।" साथ ही उन्होंने आह्वान किया कि विभिन्न अखाड़ों से जुड़े अन्य संत भी पवित्र तीर्थयात्रा को समाप्त करने के लिए सहमत हों।
अवधेशानंद गिरि ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर जूना अखाड़े ने कुंभ खत्म करने का फैसला किया है। जिन देवताओं का हमने आवाहन किया था, उनका विधिवत विसर्जन कर दिया है। विभिन्न अखाड़ों के अन्य संत भी सहमत हैं। "उन्होंने कहा कि जिन संतों को आने वाले दिनों में शाही स्नान में हिस्सा लेना है, वे प्रतीकात्मक रूप से इसमें हिस्सा लेंगे। प्रधानमंत्री के आह्वान के बाद पूरा देश एकजुट है। पूरा देश कोविड-19 से मुक्त हो जाएगा। मैं कुंभ मेले से विश्व कल्याण की प्रार्थना कर रहा हूं।"
प्रधानमंत्री की यह अपील देश में कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच हरिद्वार में गंगा तट पर हजारों लोगों के जुटने को लेकर व्याप्त राष्ट्रव्यापी चिंता को देखते हुए आई है। बता दें कि कुंभ में आए कई साधू संत पॉजिटिव पाए गए हैं। अकेले आज डेढ़ सौ से ज्यादा साधू संक्रमित पाए गए हैं। वहीं अब तक कुल 229 साधू संक्रमित पाए गए हैं।
इससे पहले उत्तराखंड के हरिद्वार में कुंभ मेला आयोजन क्षेत्र से बड़ी संख्या में कोविड पॉजिटिव मामले सामने आने पर चौतरफा हो रही आलोचनाओं के बाद आज दिन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घातक वायरस के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने के लिए साधू-संतों से कुंभ मेला आयोजन को प्रतीकात्मक तरीके से मनाने की अपील की थी।
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia