मोदी की ₹ 2000 वाली किसान योजना के लाभार्थियों में शामिल हो रहे हैं पत्रकार और पूर्व सरकारी कर्मचारी
मोदी सरकार की किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत 24 फरवरी को होने वाली है। पीएम मोदी यूपी के गोरखपुर में इस योजना को लांच करेंगे। लेकिन, इसके लाभार्थियों में ऐसे लोग शामिल किए गए हैं जो किसी भी तरह इसके पात्र नहीं हो सकते।
लखनऊ से प्रकाशित होने वाले एक अंग्रेजी अखबार में काम करने वाले पत्रकार को हाल ही हमें उसके गृह निवास बिहार के सीवान से बैंक मैनेजर ने फोन करके बताया कि वह अपना खाता ‘ऑपरेशनल’ करा ले ताकि उसे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का फायदा मिल सके।
यह पत्रकार रहने वाला तो बिहार का है, लेकिन न तो वह कोई छोटा किसान है और न ही किसान सम्मान निधि के पात्र किसानों की शर्त के मुताबिक उसकी आमदनी 10,000 रुपए से कम है।
इसी तरह लखनऊ में ही रहने वाले हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के एक रिटायर्ड कर्मचारी को भी बक्शी का तालाब स्थित एक बैंक मैनेजर ने फोन कर के कहा कि वह बैंक की ग्रामीण शाखा में अपने खाते को आधार से लिंक करा लें, ताकि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का फायदा उन्हें मिल सके। हालांकि उन्होंने खाते का केवाईसी करा लिया, लेकिन उन्हें पता है कि वे इस योजना के पात्र हैं ही नहीं।
दरअसल 24 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में अपनी महत्वाकांक्षी योजना किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत करने वाले हैं। इस साल पेश किए गए अंतरिम बजट की घोषणा के मुताबिक इस योजना के तहत छोटे किसानों को हर साल 6000 रुपए दिए जाने हैं। यह रकम तिमाही किश्तों में दी जाएगी और सीधे किसानों के खाते में पहुंचेगी।
इस योजना का सबसे अहम बिंदु यह है कि इसे पिछली तारीखों से यानी पहली दिसबंर 2018 से लागू किया गया है। यानी इस योजना के तहत किसानों को पहली तिमाही किस्त 31 मार्च को खत्म हो रहे वित्त वर्ष में ही मिल जाएगी। दूसरे शब्दों में कहें तो लोकसभा चुनाव से पहले ही किसानों के खाते में 2000 रुपए आ जाएंगे।
बजट भाषण में इस योजना का ऐलान करते हुए अंतरिम वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि इससे करीब 12.5 करोड़ ऐसे छोटे किसानों को फायदा होगा जिनके पास 2 हेक्टेयर से कम जमीन है, जिनकी पारिवारिक आमदनी 10,000 रुपए से कम है। इस योजना में सरकार को 75,000 करोड़ खर्च करने हैं।
इस योजना का सबसे ज्यादा फायदा उत्तर प्रदेश के किसानों को हो सकता है, क्योंकि एक अनुमान के मुताबिक यूपी में करीब 2.35 करोड़ छोटे किसान हैं, जो इस योजना के दायरे में आते हैं।
सूत्रों का कहना है कि प्राथमिक स्कूलों के अध्यापकों को किसानों के खातों को इस योजना से जुड़वाने का काम सौंपा गया है। योजना से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि, “प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षक सरकारी योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने का बड़ा माध्यम होते हैं। इसीलिए उन्हें इस योजना में शामिल किया गया है।”
इस बीच उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लांच की तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरु कर दिया है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि सभी लाभार्थियों की जानकारी प्रधानमंत्री किसान पोर्टल पर डाली जाए और इस योजना के दायरे में आने वाले किसानों के खाते आधार से लिंक किए जाएं, ताकि 24 फरवरी को इस योजना की शुरुआत वाले दिन ही उनके खाते में पैसे आ जाएं।
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