जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष का खुलासा: धोखा है सरकार का फीस बढ़ोत्तरी वापस लेने का दावा

मोदी सरकार के शिक्षा सचिव ने ट्वीट करके ऐलान किया कि जेएनयू में ‘मेजर रोलबैक‘ किया गया है यानी बढ़े हुए शुल्क वापस लिए जा रहे हैं। लेकिन छात्र संघ अध्यक्ष एन साई बालाजी ने इसे एक धोखा करार दिया है। उन्होंने इस बारे में दो वीडियो जारी किए हैं।

फोटो : सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में फीस बढ़ोत्तरी समेत कई मुद्दों के खिलाफ बीते कई दिन से आंदोलन कर रहे छात्रों के सामने आखिरकार प्रशासन को झुकना पड़ा। ऐसी खबरें बुधवार दोपहर आनी शुरु हो गईं जब मोदी सरकार के शिक्षा सचिव आर सुब्रह्मण्यम ने ट्वीट कर कहा कि, “जेएनयू एक्जीक्यटिव कमेटी ने फीस आदि में बढ़ोत्तरी की वापसी का फैसला किया है। साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर तबके के विद्यार्थिंयों के लिए एक सहायता योजना लाने का फैसला किया है।”


लेकिन जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष एन साईबालाजी ने इस ऐलान को धोखा करार दिया है। उन्होंने वीडियो जारी कर इस ऐलान का पोस्टमार्टम किया है। देखिए इस वीडियो में


ध्यान रहे कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने हॉस्टल में इस्टैबलिशमेंट चार्जेज, क्रॉकरी और न्यूजपेपर आदि की कोई फीस नहीं बढ़ाई थी, लेकिन रूम रेंट में भारी बढ़ोत्तरी की थी। पहले जहां सिंगल सीटर हॉस्टल का रूम रेंट 20 रुपये था वो प्रशासन ने बढ़ाकर 600 रुपये कर दिया था। वहीं डबल सीटर का रेंट दस रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये किया गया था। ये पहले की अपेक्षा काफी ज्यादा था। इसके अलावा प्रशासन ने एक नई मद जोड़ी थी।

इतना ही नहीं हॉस्टल में पहले छात्रों को कभी सर्विस चार्ज या यूटिलिटी चार्जेज जैसे कि पानी और बिजली के पैसे नहीं देने होते थे। लेकिन जेएनयू प्रशासन ने इसमें भी बढोत्तरी की थी। यूटिलिटी चार्जेज के तौर पर यानी इस्तेमाल के अनुसार बिल का प्रावधान कर दिया गया था, जिसके अनुसार छात्रों को इस्तेमाल के हिसाब से इसका खर्च देना पड़ता। वहीं सेवा शुल्क के तौर हम महीने 1700 रुपए का खर्च जोड़ दिया गया था, जो पहले नहीं लिया जाता था। साथ ही प्रशासन ने वन टाइम मेस सिक्योरिटी को पहले के 5500 रुपये से बढ़ाकर 12000 रुपये कर दिया गया था।


गौरतलब है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों के विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर ताला जड़ दिया था। वहीं मंगलवार को प्रदर्शन के दौरान छात्रों के साथ बरती गई सख्ती की निंदा करते हुए बुधवार को शिक्षक संघ ने कुलपति से इस्तीफे की मांग की थी। शिक्षक संघ का कहना है कि शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे जेएनयू छात्रों के साथ पुलिस ने बर्बरता की, जिसमें अनेक छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए। शिक्षकों ने कहा कि, यह सब कुलपति के कहने पर हुआ है, इसलिए वह तुरंत अपने पद से इस्तीफा दें। पुलिस कार्रवाई स्पष्ट करती है कि वीसी छात्रों से बातचीत करने से बचने के लिए लगातार पुलिस का सहारा ले रहे हैं।‘’

इसके साथ ही शिक्षक संघ ने छात्रावास और मेस की फीस में हुई वृद्धि को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन का विरोध करते हुए छात्रसंघ की मांगों का समर्थन किया था।

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Published: 13 Nov 2019, 6:57 PM