जेएनयूः पुलिस ने फोटो जारी कर लेफ्ट छात्रों को बताया जिम्मेदार, छात्रसंघ ने लगाया गुनाहगारों को बचाने का आरोप

जेएनयू हिंसा पर पुलिस ने फोटो जारी कर जेएनयूएसयू अध्यक्ष आइशी घोष समेत चारों लेफ्ट संगठनों के ही छात्रों को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं जेएनयूएसयू ने पुलिस के दावे को गलत बताते हुए असली गुनाहगारों को बचाने का आरोप लगाया।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

जेएनयू कैंपस में बीते रविवार को हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने शुक्रवार को एक प्रेंस कॉन्फ्रेंस कर लेफ्ट छात्र संगठनों के छात्रों पर ही सारा ठिकरा फोड़ दिया। पुलिस ने इस दौरान करीब 9 लोगों के फोटो जारी कर उनपर हिंसा में शामिल होने के आरोप लगाए। पुलिस द्वारा संदिग्ध बताए गए इन 9 लोगों में जेएनयू छात्र संघ आइशी घोष का भी नाम है, जो कि नकाबपोश हमलावरों के हमले में बुरी तरह घायल हैं। इनके अलावा पुलिस ने चुनचुन कुमार, पंकज मिश्रा, वास्कर विजय, सुचेता तालुकराज, विकास पटेल, योगेंद्र भारद्वाज, प्रिया रंजन, शिव पूजन मंडल के फोटो जारी कर हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया है।

पुलिस के इन दावों पर जेएनयू छात्रसंघ के चारों पदाधिकारियों ने प्रेस कांफ्रेंस कर सवाल उठाए हैं। जेएनयूएसयू अध्यक्ष आइशी घोष ने पुलिस पर जानबूझकर रविवार के हमलावरों को बचाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हमारे पास भी कई सबूत हैं, जो साबित करते हैं कि हिंसा कौन लोग फैला रहे थे। जेएनयूएसयू ने हिंसा पर पुलिस के दावों पर सवाल उठाते हुए पूछा कि हिंसा वाले दिन जब जेएनयूएसयू अध्यक्ष ने ने दोपहर 3 बजे ही स्थानीय एसएचओ को नकाबपोश हमलावरों के परिसर में हंगामा करने की सूचना दे दी थी, तो फिर पुलिस क्यों नहीं पहुंची। उन्होंन पूछा कि शाम में जब हमलावर अंदर घूम-घूमकर छात्रों को पीट रहे थे तब दो घंटे तक पुलिस अंदर आने की बजाय बाहर क्यों खड़ी रही।

आज के प्रेस कांफ्रेंस में दिल्ली पुलिस ने रविवार को हुई हिंसा के बजाय अपना सारा फोकस 4 जनवरी को जेएनयू के सर्वर रूम में हुई तोड़फोड़ की घटना पर रखा और दावा किया कि 4 जनवरी को चारों वाम छात्र संगठनों- एसएफआई, एआईएसए, एआईएसएफ और डीएसएफ के छात्रों ने हमला किया था। पुलिस ने कहा कि ये सभी छात्रों के रजिस्ट्रेशन का विरोध कर रहे थे। इस घटना के बाद इसके अगले दिन नकाबपोशों ने हमला कर दिया। पुलिस ने कहा 5 जनवरी को नकाबपोश हमलावरों को मालूम था कि किस-किस कमरे में जाना है। छात्रों को चुन चुनकर निशाना बनाया गया। साथ ही पुलिस ने ये भी कह दिया कि 5 जनवरी को परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे काम नहीं कर रहे थे।

आपको बता दें कि रविवार रात को जेएनयू में नकाबपोश हमलावरों ने छात्रों पर हमला किया था, जिसमें जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष समेत कई छात्र और कुछ प्रोफेसर भी बुरी तरह घायल हो गए थे। छात्रों का आरोप है कि जेएनएयू में हमला करने वाले नकाबपोश हमलावर आरएसएस के छात्र संगठन एबीवीपी से जुड़े थे, जिनके साथ कुछ दक्षिणपंथी प्रोफेसर भी शामिल थे। छात्रों का आरोप है कि बार-बार हमले की सूचना देने के बावजूद भी पुलिस पूरे हमले के दौरान जेएनयू गेट पर खड़ी रही और जब हमलावर अपना काम कर निकल गए तब अंदर दाखिल हुई।

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Published: 10 Jan 2020, 6:02 PM