JNU छात्र पीएम मोदी पर BBC डॉक्युमेंट्री की स्क्रीनिंग पर अड़े, प्रशासन ने काटी बिजली, इंटरनेट भी किया बंद
जेएनयू विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों से कहा है कि इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के कार्यक्रम को तुरंत रद्द कर दें, ऐसा नहीं करने पर विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जा सकती है।
राजधानी दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में मंगलवार को कुछ छात्रों ने छात्र संघ के कार्यालय में पीएम मोदी पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री 'इंडिया, द मोदी क्वेश्चन' की स्क्रीनिंग रखी थी, लेकिन प्रशासन द्वारा बिजली और इंटरनेट कनेक्शन काट दिया गया। जेएनयू ने इन छात्रों को स्क्रीनिंग रद्द करने को कहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों से सख्त लहजे में कहा है कि स्क्रीनिंग करने वाले छात्रों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
जेएनयू छात्र संघ से जुड़े कुछ छात्रों के एक समूह ने जेएनयूएसयू के नाम पर एक बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'इंडिया द मोदी क्वेश्चन' की स्क्रीनिंग के लिए एक पैम्फलेट जारी किया था। स्क्रीनिंग का समय 24 जनवरी, 2023 को रात 9 बजे निर्धारित किया गया था। लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों को ऐसा नहीं करने के लिए कहा। छात्रों द्वारा स्क्रीनिंग रद्द् नहीं करने पर तय समय पर बिजली काट दी गई और इंटरनेट कनेक्शन भी बंद कर दिया गया है।
विश्वविद्यालय प्रशासन का मानना है कि कैंपस में ऐसी अनाधिकृत गतिविधियों से विश्वविद्यालय की शांति और सद्भाव भंग हो सकती है। साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों से कहा है कि इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के कार्यक्रम को तुरंत रद्द कर दें, ऐसा न करने पर विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जा सकती है। हालांकि इस चेतावनी के बाद भी जब साथ अपनी जिद पर अड़े रहे तो विश्वविद्यालय प्रशासन ने कक्ष की बिजली और इंटरनेट कनेक्शन काटने का निर्णय लिया।
दरअसल विश्वविद्यालय में छात्रों का एक गुट पीएम मोदी पर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग करना चाहता था। इस पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों के इस गुट से डॉक्यूमेंट्री 'इंडिया द मोदी क्वेश्चन' की स्क्रीनिंग को रद्द करने को कहा है। जेएनयू के छात्रों का यह ग्रुप 24 जनवरी कि रात डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग करना चाह रहा था।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस संदर्भ में एडवाइजरी भी जारी की थी जिसमें छात्रों से कहा है कि इस कार्यक्रम के लिए जेएनयू प्रशासन से कोई पूर्व अनुमति नहीं ली गई है। यह इस बात पर जोर देने के लिए है कि इस तरह की अनधिकृत गतिविधि से विश्वविद्यालय परिसर की शांति और सद्भाव भंग हो सकता है। संबंधित छात्रों और व्यक्तियों को दृढ़ता से सलाह दी जाती है कि प्रस्तावित कार्यक्रम को तुरंत रद्द कर दें, ऐसा न करने पर विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जा सकती है।
गौरतलब है कि इस समय देश में पीएम मोदी पर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'इंडिया द मोदी क्वेश्चन' पर बवाल मचा हुआ है। सरकार ने इस पर भारत में प्रतिबंध लगा दिया है। इससे पहले भारत सरकार, बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को प्रधानमंत्री और देश के खिलाफ प्रोपेगेंडा बता चुका है। विदेश मंत्रालय इस संबंध में कह चुका है कि हम नहीं जानते कि डॉक्यूमेंट्री के पीछे क्या एजेंडा है, लेकिन यह निष्पक्ष नहीं है, यह दुष्प्रचार है।
जेएनयू एबीवीपी इकाई के अध्यक्ष रोहित कुमार का कहना है कि बीबीसी द्वारा जारी डॉक्यूमेंट्री की जो स्क्रीनिंग लेफ्ट संगठन कर रहे हैं, जेएनयू प्रशासन द्वारा उसको रोकने के लिए दिए निर्देश का एबीवीपी स्वागत करती है। ब्रिटिश ब्रॉडकास्ट कॉरपोरेशन, जो की भारत को वर्षों गुलाम बनाने वाली अंग्रेजी नीति पर काम करती आई है, फेक एजेंडा वाली डॉक्यूमेंट्री बना कर भारत की छवि धूमिल करने का काम कर रही है।
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