झारखंड BJP ने सोशल मीडिया पर झूठा और भ्रामक वीडियो पोस्ट किया, कांग्रेस की शिकायत के बाद प्राथमिकी दर्ज

निर्वाचन आयोग को कांग्रेस नेता जयराम रमेश से, 'बीजेपी 4 झारखंड' के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर झूठे और भ्रामक वीडियो पोस्ट करने के बारे में एक शिकायत मिली थी। आरोप लगाया गया था कि निराधार आरोपों वाला वीडियो मतदाताओं को अनुचित रूप से प्रभावित कर रहा है।

झारखंड BJP ने सोशल मीडिया पर झूठा और भ्रामक वीडियो पोस्ट किया, कांग्रेस की शिकायत के बाद प्राथमिकी दर्ज
झारखंड BJP ने सोशल मीडिया पर झूठा और भ्रामक वीडियो पोस्ट किया, कांग्रेस की शिकायत के बाद प्राथमिकी दर्ज
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पीटीआई (भाषा)

‘इंडिया’ गठबंधन के नेताओं के खिलाफ ‘बीजेपी 4 झारखंड’ सोशल मीडिया हैंडल पर कथित तौर पर झूठे और भ्रामक वीडियो पोस्ट करने को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की झारखंड इकाई के खिलाफ आदर्श आचार संहिता के दिशा-निर्देशों और कानूनी प्रावधानों के उल्लंघन के लिए रांची में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए 13 और 20 नवंबर को दो चरणों में मतदान होगा।

सूत्रों ने बताया कि साइबर अपराध पुलिस थाना रांची ने सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की धारा 69 (ए) के तहत आपत्तिजनक पोस्ट हटाने के लिए सोशल मीडिया मंच को एक पत्र भी लिखा है। निर्वाचन आयोग को रविवार को कांग्रेस नेता जयराम रमेश से, 'बीजेपी 4 झारखंड' द्वारा अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर झूठे और भ्रामक वीडियो पोस्ट किए जाने के बारे में एक शिकायत मिली थी। आरोप लगाया गया था कि निराधार आरोपों वाला वीडियो मतदाताओं को अनुचित रूप से प्रभावित कर रहा है।


सूत्रों ने बताया कि आदर्श आचार संहिता दिशानिर्देशों और संबंधित कानूनी प्रावधानों के उल्लंघन के लिए रविवार को रांची के साइबर अपराध पुलिस थाने में एक प्राथमिकी दर्ज की गई। निर्वाचन आयोग को सौंपे गए ज्ञापन में कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आग्रह किया कि आयोग विज्ञापन के सभी वीडियो को तत्काल हटाने के निर्देश जारी करे और बीजेपी एवं झारखंड के उसके आधिकारिक फेसबुक ‘हैंडल’ के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करे।

ऐसा प्रतीत होता है कि विज्ञापन में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव पर कटाक्ष करते हुए उनके जैसे दिखने वाले तीन पात्रों को दिखाया गया है। विज्ञापन में दर्शाया गया है कि वे ‘‘आदिवासी विरोधी’’ हैं और अब वे किस तरह से उनके वोट हासिल करना चाहते हैं।

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