झांसी हादसा: योगी सरकार पर बरसे रणदीप सुरजेवाला, कहा- यह हादसा नहीं यह एक संस्थागत हत्या है

रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि झांसी में दस नवजात बच्चे जलकर मर गए और दर्जनों बच्चे घायल हुए। कोई शब्द इस दर्दनाक हादसे को बयां करने के लिए काफी नहीं है। उन बच्चों की मां के आंसू और दर्द को मुझे नहीं लगता कि शब्दों में बयां किया जा सकता है।

रणदीप सुरजेवाला
रणदीप सुरजेवाला
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नवजीवन डेस्क

उत्तर प्रदेश के झांसी मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में आग लगने की वजह से नवजात शिशुओं की मौत को लेकर सियासत गर्मा गई है। विपक्षी दलों ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है।

नागपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर इसको लेकर जमकर हमला बोला।

उन्होंने कहा कि झांसी में दस नवजात बच्चे जलकर मर गए और दर्जनों बच्चे घायल हुए। कोई शब्द इस दर्दनाक हादसे को बयां करने के लिए काफी नहीं है। उन बच्चों की मां के आंसू और दर्द को मुझे नहीं लगता कि शब्दों में बयां किया जा सकता है। एक तरफ झांसी की उन माताओं का दर्द है और दूसरी तरफ बांटो और काटो के शगुफे छोड़ने वाले सीएम योगी आदित्यनाथ हैं। यह एक हादसा नहीं यह एक संस्थागत हत्या है।


उन्होंने आगे कहा कि जनता की सेवा की बजाय महाराष्ट्र के चुनाव में बंटोगे तो कटोगे की आग उगलने वाले योगी आदित्यनाथ काश यह देख लेते कि आग बुझाने वाला सिलेंडर पहले से ही एक्सपायर था। अगर यह देख लेते तो वह दस के दस बच्चे आज भी जिंदा होते। चश्मदीद और गवाह कह रहे हैं कि शॉर्ट सर्किट से यह बच्चे नहीं मरे बल्कि अग्नि सुरक्षा अलार्म ही नहीं था। एक आपराधिक लापरवाही इस हादसे का सबसे बड़ा कारण है।

रणदीप सुरजेवाला ने आगे पूछा कि क्या आदित्यनाथ के पास समय नहीं कि बांटने और काटने की बजाय उन माताओं के आंसू पोछ सकें? यह पहली बार नहीं है। उनकी खुद के संसदीय क्षेत्र गोरखपुर के अंदर 2017 में 60 बच्चे ऑक्सीजन की कमी से मर गए थे। उसके बाद 2017 में फिर फर्रुखाबाद उत्तर प्रदेश में 49 बच्चे मर गए। मैं केवल यह कहूंगा योगी आदित्यनाथ ने शादी नहीं की, यह उनका व्यक्तिगत निर्णय है। उन्होंने संन्यास लिया यह भी उनका व्यक्तिगत निर्णय है, मैं उसका सम्मान करता हूं पर काश उनका कोई बच्चा होता तो वह यह जान पाते, बच्चा खोने का दर्द क्या होता है। इतने संवेदनहीन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कैसे हो सकते हैं। उन्हें महाराष्ट्र में आग उगलने से फुर्सत ही नहीं है।

आईएएनएस के इनपुट के साथ

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