पासवान-कुशवाहा को ठेंगा दिखा बीजेपी-जेडीयू ने कर ली बिहार में लोकसभा सीटों की बंदरबाट
नीतीश के करीबी आरसीपी सिंह के बयान ने बिहार एनडीए के अंदर जारी कलह को उजागर कर दिया है। एक तरफ एनडीए में शामिल एलजेपी-आरएलएसपी सीट बंटवारे पर बातचीत के बुलावे का इंतजार कर रही हैं, वहीं जेडीयू का यह कहना कि सब तय हो गया है, मनमुटाव को साफ जाहिर करता है।
बिहार की 40 लोकसभा सीटों के बंटवारे को लेकर बिहार एनडीए की कलह खुलकर सामने आ गई है। एनडीए में शामिल एलजेपी और आरएलएसपी जहां अभी तक सीट बंटवारे के लिए बातचीत का इंतजार कर रही हैं, वहीं जेडीयू ने एक बार फिर दावा किया है कि एनडीए में सीटों का बंटवारा हो चुका है और जल्द ही इसकी घोषणा कर दी जाएगी। बुधवार को जेडीयू सांसद और सीएम नीतीश कुमार के सबसे करीबी माने जाने वाले आर सी़ पी़ सिंह ने कहा कि बिहार एनडीए में सीटों का बंटवारा हो गया है और एनडीए के बड़े नेता जल्द ही इसकी घोषणा करेंगे। साथ ही उन्होंने सीटों के बंटवारे को लेकर एनडीए में किसी भी तरह के मतभेद को दरकिनार किया।
लेकिन आरसीपी सिंह के इस ताजा बयान ने बिहार एनडीए के अंदर जारी कलह को उजागर कर दिया है। एक तरफ जहां एनडीए के घटक और केंद्रीय मंत्रियों रामविलास पासवान और उपेंद्र कुशवाहा सीट बंटवारे पर बातचीत के लिए बुलाए जाने का इंतजार कर रही हैं, वहीं जेडीयू की तरफ से बार-बार ये कहना कि सीट बंटवारे का फार्मूला तय हो चुका है. बिहार एनडीए के घटक दलों में जारी मनमुटाव को साफ उजागर करता है।
अभी एक दिन पहले ही मीडिया में बिहार एनडीए के घटक दलो में सीटों के बंटवारे की खबरों पर रामविलास पासवान की पार्टी एलजेपी और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी ने इससे इनकार करते हुए कहा था कि अभी कोई बातचीत ही नहीं हुई है। एलजेपी की बिहार इकाई के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने सीट बंटवारे की खबरों से इनकार करते हुए कहा था कि अभी तक बिहार में सीट बंटवारे की कोई बात नहीं हुई है। उन्होंने कहा था कि पिछले चुनाव में भी एलजेपी ने सात सीटों पर चुनाव लड़ा था और इस बार भी पार्टी उससे कम सीटों पर चुनाव नहीं लड़ेगी।
वहीं केंद्री मंत्री कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी के प्रदेश अध्यक्ष भगवान सिंह कुशवाहा ने कहा था कि बिहार की सीटों को लेकर अभी तक एनडीए के घटक दलों में कोई बातचीत नहीं हुई है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव माधव आनंद ने भी स्पष्ट तौर पर सीट बंटवारे की खबरों से इनकार करते हुए कहा था कि किसी भी फॉर्मूले के तहत आरएलएसपी को दो सीटें स्वीकार्य नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सीटों की संख्या पर बात तभी होगी जब सीट बंटवारे पर कोई बात हो अभी सारी बातें सिर्फ हवा में चल रही हैं।
बता दें कि खबरों के अनुसार बीजेपी और जेडीयू ने पिछले महीने एक बैठक के दौरान बिहार की 40 लोकसभा सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप दे दिया है। खबरों के मुताबिक सीट बंटवारे के फार्मूले के तहत अगले लोकसभा चुनाव में बीजेपी बिहार की 17 और जेडीयू 16 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। वहीं पासवान की एलजेपी को 5 और उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएसपी को 2 सीटें दी गई हैं। खबरों के मुताबिक बीजेपी और जेडीयू में सीट बंटवारे पर ये सहमति सितंबर के दूसरे सप्ताह में दिल्ली में हुई एक बैठक में बनी थी। इस बैठक में पीएम मोदी, अमित शाह और बिहार के सीएम नीतीश कुमार भी शामिल थे।
बता दें कि इससे पहले बीते 16 सितंबर को पटना में जेडीयू कार्यकारिणी की बैठक में नीतीश कुमार ने ही यह कहकर एनडीए के घटक दलों में सनसनी फैला दी थी कि बीजेपी के साथ सीटों के बंटवारे पर सम्मानजनक समझौता हो गया है। हालांकि उस दौरान उन्होंने सीटों का खुलासा नहीं किया था। तभी से इस तरह के कयास लगाए जाने लगे थे कि बीजेपी और जेडीयू में सीटों का बंटवारा तय हो गया है, जिसमें एलजेपी और आरएलएसपी को नजरअंदाज किया गया है। अब इन खबरों पर यकीन करें तो इस सीट बंटवारे से बिहार एनडीए के दो अहम घटक दलों एलजेपी और आरएलएसपी को सीधा नुकसान होता दिख रहा है। बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 30, एलजेपी ने 7 और आरएसएलपी ने 3 सीटों पर चुनाव लड़ा था। इनमें से बीजेपी ने 22, एलजेपी ने 6 और आरएसएलपी ने तीनों सीटें जीती थीं। वहीं जेडीयू ने अलग चुनाव लड़ा था।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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