जम्मू-कश्मीर: जम्मू के रत्नचुक आर्मी कैंप में गोलीबारी, फायरिंग के बाद संदिग्ध आतंकी फरार
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कर्नल देवेंद्र आनंद ने कहा कि रत्नचुक सैन्य शिविर के पास संदिग्ध गतिविधियां देखी गई। संदिग्धों को चुनौती दी गई, लेकिन वे नहीं रुके, इसके बाद संतरी ने चेतावनी देते हुए फायरिंग की। संदिग्धों ने भी फायरिंग की और फिर फरार हो गए।
जम्मू-कश्मीर में रविवार तड़के जम्मू के रत्नचुक सैन्य शिविर में तैनात संतरी और संदिग्ध आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई और दोनों ओर से गोलीबारी हुई। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल देवेंद्र आनंद ने कहा कि सुरक्षा कर्मी ने देर रात 1.50 बजे के आसपास बारी ब्रह्म्ना इलाके के रत्नचुक सैन्य शिविर के पास संदिग्ध गतिविधियां देखी।
कर्नल देवेंद्र आनंद ने कहा, “संदिग्धों को चुनौती दी गई, लेकिन वे नहीं रुके, इसके बाद संतरी ने चेतावनी देते हुए फायरिंग की। संदिग्धों ने भी पलटकर फायरिंग की और फिर फरार हो गए।” संदिग्धों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान जारी है।
इससे पहले इसी साल फरवरी के महीने में जम्मू के सुंजवान स्थित सेना के शिविर में हुए आतंकी हमले में 5 जवान शहीद हो गए थे। उस हमले में 6 जवान और तीन नागरिक भी घायल हुए थे। करीब तन घंटे तक चले चले ऑपरेशन में सेना ने चार आतंकवादियों को मार गिराया था।
सुंजवान सैन्य शिविर के पिछले हिस्से से आतंकवादी अंदर दाखिल हुए थे। अधिकारियों ने बताया था कि शिविर के पिछले हिस्से में सैन्य कर्मियों के आवासीय क्वार्टर हैं। आतंकी शायद वहीं निशाना बनाना चाह रहे थे। हालांकि, सुरक्षा बलों ने आतकंवादियों के सैन्य कर्मियों के आवासीय क्वार्टर में घुसने के मंसूबे को नाकाम कर दिया था। वरना इस हमले में काफी लोग हताहत हुए होते।
खुफिया एजेंसियों ने अफजल गुरु की बरसी पर जैश-ए-मोहम्मद द्वारा सुरक्षा प्रतिष्ठानों को निशाना बनाए जाने को लेकर पहले ही चेतावनी जारी की थी। अफजल गुरु को 9 फरवरी 2013 को फांसी दी गई थी।
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