जामिया गोलीकांड: बीजेपी नेताओं पर FIR दर्ज कराने की मांग, प्रदर्शनकारी छात्र हिरासत में, वीसी ने लगाए ये आरोप

जामिया गोलीकांड के बाद से छात्र लगातार बीजेपी नेताओं की बयानबाजी के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। वहीं जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के एल्युमनी एसोसिएशन ने एसएचओ को पत्र लिखते हुए तीन बीजेपी नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

दिल्ली के जामिया में गुरुवार को हुई फायरिंग के विरोध में जामिया मिल्लिया यूनिवर्सिटी के छात्रों ने दिल्ली पुलिस हेडक्वार्टर पर प्रदर्शन किया। रात भर पुलिस हेडक्वार्टर के बाहर बैठे रहे। वहीं सुबह होते पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को बस में बिठाकर हिरासत में ले लिया और सड़क खुलवा दी है।

गोलीकांड के बाद से छात्र लगातार बीजेपी नेताओं की बयानबाजी के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। वहीं जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के एल्युमनी एसोसिएशन ने एसएचओ को पत्र लिखते हुए तीन बीजेपी नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। इन्होंने कहा है कि गुरुवार को जामिया में हुई गोलीबारी के मामले में बीजेरी नेता अनुराग ठाकुर, कपिल मिश्रा, प्रवेश वर्मा और गोली चलाने वाले के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए।

वहीं विश्वविद्यालय की वीसी नजमा अख्तर ने कहा, “यह वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस दौरान पुलिस वहां खड़ी रही और सबकुछ होता रहा। मुझे गर्व है कि मेरे छात्रों ने शांति से स्थिति को संभालाऔर संयम बरता।” हालांकि दिल्ली पुलिस का कहना है कि ये घटना कुछ सेकेंड में ही हो गई, पुलिस जब तक आरोपी तक पहुंच पाती तब तक वो गोली चला चुका था।

एक वीडियो मैसेज में जामिया की वीसी नजमा अख्तर पूछा कि पुलिस ने समय रहते बंदूकधारी को क्यों नहीं पकड़ा। जबकि बंदूकधारी से 30 मीटर के आसपास लगभग दो दर्जन कर्मी खड़े थे, मार्च को लेकर 300 पुलिसकर्मी और सीआरपीएफ की पांच कंपनियां इलाके में तैनात थीं।


बता दें कि सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर गोली चलाने वाले युवक को नाबालिग बताया जा रहा है। गुरुवार को आरोपी रामभक्त गोपाल ने सीएए के खिलाफ प्रदर्शन करनवाले छात्रों पर फायरिंग की थी। इस फायरिंग में जामिया में पढ़ने वाला छात्रा शादाब घायल हो गया, जिसे आज एम्स में इलाज के बाद छुट्टी दे दिया गया। आरोपी रामभक्त गोपाल ने जिस समय हमला किया था, उस समय पुलिस वहां मौजूद थी, लेकिन मुकदर्शक बनी हुई थी। पुलिस की कार्यशैली पर एक बार फिर सवाल उठ रहा है।

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Published: 31 Jan 2020, 11:58 AM