2014 में मोदी के पीएम बनने के बाद चार राज्यों में लग चुका है राष्ट्रपति शासन, सबसे ताजा उदाहरण है महाराष्ट्र

महाराष्ट्र मंगलवार को राष्ट्रपति शासन लगा दिया है। हालांकि बीजेपी हमेशा प्रचारित करती रही है कि वह अनुच्छेद 356 का प्रयोग नहीं करती, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के 2014 में सत्ता में आने के बाद से यह चौथा मौका है जब किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा है।

फोटो : Getty Images
फोटो : Getty Images
user

नवजीवन डेस्क

बीजेपी ऐलानिया राज्यों में राष्ट्रपति शासन का विरोध करती है। इसी साल जून में कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष पर गृह मंत्री अमित शाह ने आरोप लगाते हुए कहा था कि लोकतंत्र का गला घोटने का कार्य कांग्रेस ने किया है। उन्होंने दावा किया था, "मैं यह कहना चाहूंगा कि देश में अब तक 132 उदाहरण ऐसे हैं, जब संविधान के अनुच्छेद 356 (राष्ट्रपति शासन लगाने का आदेश) का इस्तेमाल किया गया और इनमें से 93 मौकों पर केंद्र में कांग्रेस की सरकार का शासन था।"

लेकिन, यह पहली बार नहीं है जब बीजेपी के शासन में किसी राज्य (महाराष्ट्र) में राष्ट्रपति शासन लगा है। महाराष्ट्र से पहले जिस राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा वह जम्मू-कश्मीर था। तत्कालीन मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के इस्तीफे के बाद बीजेपी ने पीडीपी के नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस ले लिया था, तब यहां जून 2018 में राष्ट्रपति शासन लगाया गया था। इसके बाद के घटनाक्रम में अनुच्छेद 370 को रद्द कर दिया गया और प्रदेश से विशेष राज्य का दर्जा भी वापस ले लिया गया।

इससे पहले 2015 में, विधानसभा चुनावों में किसी एक दल या गठबंधन को बहुमत न मिलने पर जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय शासन राज्य में लागू किया गया था। इसके अलावा 2016 में अरुणाचल प्रदेश में 26 दिनों केलिए राष्ट्रपति शासन लगाया गया था। उस वक्त कांग्रेस के 21 विधायकों ने बीजेपी के 11 और दो निर्दलीय विधायकों के साथ हाथ मिलाया, जिससे सरकार अल्पमत में आ गई। हालांकि, इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी और कोर्ट ने अपने फैसले में कांग्रेस सरकार को बहाल कर दिया था।


इसी साल यानी 2016 में ही पर्वतीय राज्य उत्तराखंड ने दो बार राष्ट्रपति शासन देखा। पहले 25 दिन और बाद में 19 दिनों के लिए। पहले कांग्रेस में फूट पड़ने के बाद और दूसरी बार मई में एक बार फिर राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हुआ।

महाराष्ट्र में भी 2014 में 33 दिनों के लिए राष्ट्रपति शासन रहा था। इस वर्ष चुनाव होने से ठीक पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने राज्य में 15 वर्षीय कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन के टूटने के बाद इस्तीफा दे दिया, जिसके परिणामस्वरूप राष्ट्रपति शासन लगा।

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia


Published: 12 Nov 2019, 10:39 PM