विपक्षी दलों की बैठक के बाद राहुल गांधी बोले- संविधान को बचाने के लिए मोदी सरकार को हटाना जरूरी
दिल्ली में सोमवार शाम को विपक्षी दलो की बैठक हुई। बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि संविधान को कमजोर करने वाली और लोकतंत्र का मजाक उड़ाने वाली ताकतों से मुकाबला करने और उन्हें हराने की जरूरत है।
राजधानी दिल्ली में सोमवार शाम को विपक्षी दलों की बैठक हुई। बैठक में देश की 17 पार्टियों ने हिस्सा लिया। बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बयान जारी करते हुए मोदी सरकार को हटाने का आह्वान किया। हम उनके पूरे बयान का अनुवाद यहां प्रस्तुत कर रहे हैं। - नवजीवन
“हम, धर्मनिरपेक्ष दलों के नेताओं ने आज दोपहर दिल्ली में बैठक की। हमने संविधान को कमजोर करने वाली और हमारे लोकतंत्र का मजाक उड़ाने वाली ताकतों से मुकाबला करने और उन्हें हराने के अपने मजबूत और दृढ़ संकल्प को एक बार फिर दोहराया।
भारत को ऐसी सरकार की जरूरत है जो मजदूर वर्ग, किसानों और खेत मजदूरों की परवाह करे और हमेशा उनके परिवारों के भारी दर्द के प्रति संवेदनशील हो। भारत को ऐसी सरकार की जरूरत है जो देश के सभी वर्गों के लिए शिक्षा को सुलभ और सस्ता बनाए और अच्छी और सुरक्षित नौकरी की युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करे, जिसमें उन्हें उचित मजदूरी मिले।
भारत को ऐसी सरकार की जरूरत है जो अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, ओबीसी, महिलाओं और अल्पसंख्यक जैसे कमजोर वर्गों को सम्मान और सुरक्षित जीवन जीने की ताकत देती हो।
भारत को एक ऐसी निष्ठापूर्ण सरकार की जरूरत है जो झूठे प्रचार नहीं करती हो और फर्जी दावे नहीं करती है। ऐसी सरकार जो दृढ़ता से संवैधानिक मूल्यों और नियमों का उसकी पूरी भावना के साथ पालन करती हो, जो संस्थानों की स्वायत्तता का सम्मान करती हो। और वह सरकार चारों तरफ फैले भय और धमकी के वर्तमान माहौल को खत्म कर देगी।
उन्होंने कहा कि इसका उदाहरण है मोदी सरकार द्वारा रिजर्व बैंक की स्वायत्ता पर हमला जिसका नतीजा है भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर का आज आया इस्तीफा। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा नामित लोगों की एक फौज द्वारा मौद्रिक नीति को प्रभावित करने और आरबीआई की सांस्थानिक अखंडता से समझौता कर भारत की अर्थव्यवस्था पर इस सरकार द्वारा किये जा रहे व्यवस्थागत हमलों का हम विरोध करते हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि भारत को एक ऐसी सरकार की जरूरत है जो तीव्र विकास के प्रति समर्पित हो, जो तेजी से आर्थिक विकास के लिए प्रतिबद्ध और सामाजिक रूप से समावेशी और पर्यावरण के मामले में टिकाऊ हो और जो लोगों और राज्यों के बीच असमानताओं को नहीं बढ़ाती हो।
भारत को ऐसी सरकार की जरूरत है जो भ्रष्टाचार और लोगों के संसाधनों के लूट में ना फंसी हो। देश को ऐसी सरकार की जरूरत है जो क्रॉनी पूंजीपतियों को पूरी तरह से लाभ पहुंचाने वाले एनपीए के माध्यम से पूरे बैंकिंग सिस्टम पर हमला नहीं करती हो। भारत को एक ऐसी सरकार की जरूरत है जो राफेल जैसे भ्रष्टाचार के अनगिनत घोटालों पर साजिश के पर्दे नहीं डालती हो और न ही बैंक डिफॉल्टर्स को भागने के लिए प्रोत्साहन देती हो।
भारत को एक ऐसी सरकार की जरूरत है जिसके आर्थिक विकास में छोटे व्यापारियों, दुकानदारों की चिंताओं पर ध्यान रहता है जो नोटबंदी और बुरी तरह से लागू जीएसटी से तबाह हो गए। हमें एक ऐसे सरकार की जरूरत है जिसमें व्यापारियों और उद्योगपतियों की प्रताड़ना खत्म हो जाएगी और व्यापार की भावना को पूरी स्वतंत्रता मिलेगी। भारत को एक ऐसे सरकार की जरूरत है जो वर्तनाम की समस्याओं और भविष्य की चुनौतियों से निर्णायक रूप से मुकाबला करेगी, ऐसे सरकार की नहीं जो अतीत की पुनर्कल्पना, इतिहास के पुनर्लेखन और उसे नष्ट करने में और सड़कों और शहरों का नाम बदलने में दिलचस्पी लेती है। भारत को एक ऐसे सरकार की जरूरत है जो लोगों की बात सुने, हमेशा उसे भाषण न देती रहे।
भारत को एक ऐसे सरकार की जरूरत है जिसके लिए लोकतंत्र ही संविधान हो और चुनावी लड़ाई में हार और जीत से उसे फर्क नहीं पड़ता। ईवीएम की क्षमताओं को लेकर कई तरह के सवाल, उसकी असफलताएं और उस पर संदेह ने चुनावी प्रक्रिया की तटस्थता पर सवाल हुए हैं। इस बात में हमारा पूरा विश्वास है कि बिना देरी और सवाल के इसका समाधान किया जाना चाहिए।
अगले कुछ महीनों में देश की जनता के सामने हम समुचित कार्यक्रम पेश करेंगे जिसमें पारदर्शिता और जवाबदेही होगी। हम सभी उदारवादी, प्रगतिशील और सेकुलर ताकतों से यह अपील करते हैं कि संविधान को बचाने, लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए, स्वतंत्र लोगों की तरह सोचने, बोलने और लिखने की आजादी के संरक्षण के लिए, अपनी विविधता का उत्सव मनाते हुए एकता को मजबूत करने के लिए और अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण के लिए हमारा साथ दें। हमारे संवैधानिक गणतंत्र और लोगों की जीविका को बचाने और मजबूत करने के लिए आरएसएस-बीजेपी की सरकार को अपदस्थ करना ही होगा।
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