क्या यही हैं अच्छे दिन! महंगाई रोकने में फेल NDA से कई बेहतर थी UPA, ग्राफिक्स से समझें कैसे?

कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी के कई अन्य सांसदों ने पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस और सीएनजी की कीमतों में बढ़ोतरी के खिलाफ गुरुवार को संसद के पास धरना दिया। वहीं महंगाई पर कांग्रेस ने ट्वीट करके के मोदी सरकार और यूपीए सरकार की तुलना की है।

फोटो: @INCIndia
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नवजीवन डेस्क

देश की आम जनता महंगाई से त्रस्त है। लगातार पेट्रोल-डीजल, LPG, CNG समेत रोजमर्रा की चीजों के दामों में बढ़ोतरी हो रही है। इस मुद्दे पर विपक्ष सरकार को घेर रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी के कई अन्य सांसदों ने पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस और सीएनजी की कीमतों में बढ़ोतरी के खिलाफ गुरुवार को संसद के पास धरना दिया।

वहीं महंगाई पर कांग्रेस ने ट्वीट करके के मोदी सरकार और यूपीए सरकार की तुलना की है। साल 2013 में उड़द का दाल 66 और अब 113, 2013 में दूध 30 और अब 50, 2013 में सरसों का तेल 108 और अब 201, 2013 में सोयाबीन तेल 96 में और अब 181 है।

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2013 में पेट्रोल 68.34 प्रति लीटर और अब 101.81 रुपए लीटर है। वहीं 2013 में डीजल 48.16 रुपए था और अभी 93.07 रुपए है। साल फरवरी 2014 में सीएनजी 35.2 रुपए और अभी 60.01 रुपए है।

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गौरतलब है कि जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें गिरीं तो बीजेपी ने इसका लाभ नागरिकों को नहीं दिया। मई 2014 में जब यूपीए ने सत्ता छोड़ी और बीजेपी सत्ता में आई, तो कच्चे तेल की भारतीय कीमत 113 डॉलर प्रति बैरल थी। हालांकि, छह महीने के भीतर, कच्चे तेल की कीमत गिरकर 50 डॉलर प्रति बैरल और जनवरी 2016 में 29 डॉलर हो गई- तब बीजेपी सरकार ने कीमतों में कमी क्यों नहीं की? इसके विपरीत, जब कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार सत्ता में थी, तो उसने कीमतों को कम करने के लिए ₹10 लाख करोड़ की सब्सिडी दी थी।

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Published: 31 Mar 2022, 1:37 PM