तीन बैठकों के बाद आखिरकार सीबीआई को मिल ही गया नया बॉस, दो साल के लिए ऋषि कुमार शुक्ला बनाए गए डायरेक्टर
भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ ऑफिसर ऋषि कुमार शुक्ला को सीबीआई का नया डायरेक्टर नियुक्त किया गया है। ऋषि कुमार शुक्ला मध्य प्रदेश के 1983 कैडर के ऑफिसर हैं। उनकी नियुक्ति दो सालों के लिए होगी।
आखिरकार सीबीआई को नया बॉस मिल ही गया। केंद्र सरकार की कैबिनेट कमिटी ने पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिती की शुक्रवार को हुई बैठक के बाद शनिवार को सीबीआई निदेशक के पद के लिए मध्य प्रदेश कैडर के 1983 बैच के आईपीएस अधिकारी ऋषि कुमार शुक्ला के नाम पर मुहर लगा दी। ऋषि कुमार पदभार ग्रहण करने की तारीख से दो साल की अवधि के लिए सीबीआई के निदेशक रहेंगे। इससे पहले ऋषि कुमार मध्य प्रदेश के डीजीपी थे। लेकिन कमलनाथ सरकार ने 29 जनवरी को हटा कर वीके सिंह को राज्य का नया पुलिस महानिदेशक नियुक्त किया था।
कौन हैं ऋषि कुमार शुक्ला ?
ऋषि कुमार शुक्ला ग्वालियर के रहने वाले हैं। बीकाम तक पढ़ाई करने के बाद 1983 में वे भारतीय पुलिस सेवा में आए थे। उनकी शुरुआती पोस्टिंग सीएसपी रायपुर हुई। वे दमोह, शिवपुरी और मंदसौर जिले के एसपी रहे। इसके अलावा 2009 से 2012 तक एडीजी इंटेलिजेंस भी रह चुके हैं। जुलाई, 2016 से जनवरी, 2019 तक मध्यप्रदेश के डीजीपी थे।
इससे पहले नियुक्ति में देरी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र सरकार को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि उसने अब तक सीबीआई के पूर्णकालिक निदेशक की नियुक्ति क्यों नहीं की है। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और नवीन सिन्हा की पीठ ने सरकार से कहा कि सीबीआई निदेशक का पद बेहद महत्वपूर्ण होता है। अंतरिम निदेशक कुछ दिनों के लिए ठीक है लेकिन लंबे समय के लिए सही नहीं हैं। कोर्ट ने सरकार को जल्द से जल्द सीबीआई निदेशक की नियुक्ति करने को कहा था।
बता दें कि इससे पहले सीबीआई की नियुक्ति को लेकर दो बार बैठक हो चुकी थी। लेकिन बैठकों में कोई नतीजा नहीं निकल सका था। पीएम मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई दूसरी बैठक में भी किसी नाम पर फैसला नहीं हो सका था। बैठक में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे भी मौजूद थे।
गौरतलब है कि सीबीआई के दो बड़े वरिष्ठ अधिकारियों की आपसी खींचतान में आलोक वर्मा को निदेशक पद से हटाए जाने के बाद 10 जनवरी से यह पद खाली पड़ा था। सीबीआई के पूर्व निदेशक आलोक वर्मा और सीबीआई के ही पूर्व स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना की लड़ाई के बाद सीबीआई चर्चा में आई थी। सीबीआई के दोनों अधिकारियों ने एक दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। आलोकवर्मा के हटाए जाने के बाद से एम नागेश्वर राव अंतरिम सीबीआई प्रमुख के तौर पर काम कर रहे थे। अंतरिम निदेशक के तौर पर राव की नियुक्ति के खिलाफ दायर याचिका सुप्रीम कोर्ट में फिलहाल लंबित है।
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