मणिपुर में फिर बंद की गई इंटरनेट सेवा, दो छात्रों के शव मिलने पर शुरू हुए प्रदर्शनों के बाद फैसला
दोनों छात्रों के शवों की तस्वीर वायरल होने पर तनाव फैल गया और मंगलवार को कई स्कूलों के सैकड़ों छात्र इंफाल की सड़कों पर उतर आए। इस दौरान सुरक्षा बलों ने छात्रों को तितर-बितर करने के लिए आंसूगैस के गोले और धुआं बम दागे, जिसमें 34 से अधिक छात्र घायल हो गए।
मणिपुर में इंटरनेट प्रतिबंध हटने के चार दिन बाद डेढ़ महीने से अगवा दो छात्रों के शव मिलने के विरोध में मंगलवार को हुए छात्रों के बड़े प्रदर्शन के बाद राज्य सरकार ने मंगलवार को एक बार फिर 1 अक्टूबर तक पांच दिनों के लिए राज्य में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही राज्य सरकार ने सभी सरकारी और सरकार से सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों को 27 सितंबर और 29 सितंबर को बंद करने का आदेश दिया है।
मणिपुर हिंसा के चरम के दौरान 6 जुलाई को 17 वर्षीय छात्रा हिजाम लिनथोइंगंबी और 20 वर्षीय फिजाम हेमजीत लापता हो गए थे। एक दिन पहले दोनों छात्राओं के शवों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने पर मंगलवार को विभिन्न स्कूलों के सैकड़ों छात्र इंफाल समेत कई शहरों में सड़कों पर उतर आए। इस दौरान सुरक्षा बलों के साथ झड़प में 34 से अधिक छात्र घायल हो गए। सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारी छात्रों को तितर-बितर करने के लिए आंसूगैस के गोले और धुआं बम का इस्तेमाल किया।
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छात्रों के ताजा प्रदर्शन के बाद राज्य में हालात एक बार फिर तनावपूर्ण हो गए हैं। बिगड़ती स्थिति को देखते हुए सरकार ने देर शाम राज्य में इंटरनेट सेवा पर रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया। संयुक्त सचिव (गृह) मायेंगबाम वीटो सिंह ने आदेश में कहा कि मणिपुर में हालात को देखते हुए राज्य सरकार विभिन्न सामाजिक माध्यमों से दुष्प्रचार, अफवाहों और अन्य प्रकार की हिंसक गतिविधियों के कथित प्रसार को अत्यंत संवेदनशीलता के साथ बहुत गंभीरता से लेती है। टैबलेट, कंप्यूटर, मोबाइल फोन आदि जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर आदि जैसे मीडिया प्लेटफॉर्म के साथ-साथ बड़े पैमाने पर एसएमएस भेजने से आंदोलनकारियों और प्रदर्शनकारियों की भीड़ को इकट्ठा करने में मदद मिलती है, जिससे जीवन की हानि और क्षति हो सकती है। सार्वजनिक/निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाता है या राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति को खराब करता है।
अधिसूचना में कहा गया है, “राज्य सरकार ने मणिपुर राज्य के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में वीपीएन के माध्यम से मोबाइल इंटरनेट डेटा सेवाओं, इंटरनेट/डेटा सेवाओं को तत्काल प्रभाव से 1 अक्टूबर को शाम 7.45 बजे तक पांच दिनों के लिए निलंबित करने का निर्णय लिया है।“ आदेश में यह भी कहा गया है कि आदेश का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया कोई भी व्यक्ति कानूनी कार्रवाई के लिए उत्तरदायी होगा।
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने बीते शनिवार को ही राज्य में इंटरनेट प्रतिबंध हटाने की घोषणा की थी। सभी वर्गों के लोगों और विभिन्न संगठनों की अपील पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य सरकार ने मणिपुर उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए पहले प्रतिबंध को आंशिक रूप से हटाया था और फिर पूरी तरह से प्रतिबंध हटा लिए थे। 3 मई को राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के बाद इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया था और फिर मौजूदा कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए इसे समय-समय पर बढ़ाया जाता रहा है।
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