सीबीआई के अंतरिम निदेशक राव ने पत्नी के 1.14 करोड़ के लेनदेन में से दिया 60 लाख का हिसाब, बाकी पर चुप

सीबीआई विवाद में अचानक से छूपे रुस्तम बनकर उभरे और एजेंसी की कमान संभालने वाले अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव ने खुद की पत्नी पर लगाए जा रहे पैसों के लेन-देन के आरापों पर सफाई जारी की है।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच उपजे विवाद के बाद केंद्र सरकार द्वारा आधी रात को जांच एजेंसी का अंतरिम निदेशक बनाए गए नागेश्वर राव ने अपनी पत्नी द्वारा लाखों रुपये के लेन-देन के आरोपों पर सफाई दी है। मंगलवार को उन्होंने एक बयान जारी कर बताया है कि किस तरह और क्यों उनकी पत्नी ने पैसों का लेन-देन किया। साथ ही उन्होंने ये भी दावा किया है कि इस लेन-देन की पूरी जानकारी सरकारी विभागों को पहले ही दी जा चुकी है।

लेकिन खास बात ये है कि इस सफाई में राव ने पत्नी द्वारा सिर्फ 60 लाख रुपये देने की ही बात की है। उन्होंने विस्तार से इस लेन-देन का जिक्र करते हुए कब क्या और कैसे हुआ सबकुछ बताया है, लेकिन उन्होंने उन बाकी रुपयों के बारे में कोई जिक्र नहीं किया है, जिनको लेकर उनकी पत्नी पर आरोप लगे हैं। बता दें कि

अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस ने रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) के रिकॉर्ड के आधार पर अपनी एक खबर में दावा किया है कि नागेश्वर राव की पत्नी मनेम संध्या ने एंजेला मर्केनटाइल्स प्राइवेट लिमिटेड (एएमपीएल) के साथ वित्त वर्ष 2011 से 2014 के दौरान कई ट्रांजेक्शन किये हैं। खबर के अनुसार आरओसी के रिकॉर्ड बताते हैं कि राव की पत्नी ने मार्च 2011 में एएमपीएल से 25 लाख रुपये लिए थे। और 2012 से 2014 के दौरान उन्होंने सालाना तीन किश्तों में एएमपीएल को 1.14 करोड़ रुपये दिए। तीन साल में दी गई यह राशि 35.56 लाख, 38.27 लाख, 40.29 लाख रुपये है। बता दें कि एएमपीएल कोलकाता आधारित ट्रेडिंग कंपनी है।

मंगलवार शाम को जारी अपनी सफाई में राव ने बाकी 54 लाख रुपयों का कोई जिक्र ही नहीं किया है। राव ने अपने बयान में कहा है कि सितंबर 2010 में आंध्र प्रदेश के गुंटूर में एक जमीन खरीदने के लिए उनकी पत्नी ने एक पारिवारिक मित्र की कोलकाता आधारित कंपनी एंजेला मर्केटाइल प्राइवेट लिमिटेड से 25 लाख रुपये का कर्ज लिया था। इसके बाद सितंबर 2011 में उनकी पत्नी ने अपनी पैत़क संपत्ति में से 5-12 एकड़ जमीन 30.72 लाख रुपये में बेची। इसके ठीक अगले महीने अक्टूबर में फिर उनकी पत्नी ने अपनी पैतृक संपत्ति में से कुछ जमीन 27.90 लाख रुपये में बेची। इस तरह पैतृक संपत्ति को बेचने से उन्हें 2011 में करीब 58.62 लाख रुपये मिले जिसमें अपनी बचत में से 1.38 लाख रुपये जोड़कर उन्होंने एंजेला मर्केनटाइल्स प्राइवेट लिमिटेड को 60 लाख रुपये दिये। जिसमें से कंपनी ने उनको दिया 25 लाख का कर्ज काटकर 35 लाख रुपये कंपनी में निवेश कर दिया। राव के अनुसार तीन साल बाद 2014 में एंजेला मर्केनटाइल्स ने उस निवेश पर ब्याज जोड़कर उन्हें 41,33,165 लाख रुपये का भुगतान किया। राव के अनुसार इसके बारे में सक्षम प्राधिकरणो को जानकारी दे दी गई थी।

राव ने पत्नी द्वारा एंजेला मर्केनटाइल्स को 60 लाख रुपये देने क बारे में तो विस्तार से जानकारी दे दी, लेकिन बाकी की रकम के बारे में कुछ नहीं बताया है। जबकि रिपोर्ट के अनुसार 2012 से 2014 के दौरान उनकी पत्नी ने एंजेला मर्केनटाइल्स को सालाना तीन किश्तों में 1.14 करोड़ रुपये दिए।

गौरतलब है कि एंजेला मर्केनटाइल्स कोलकाता के साल्टलेक में स्थित कंपनी है, जो सिर्फ दो कमरों के एक मकान से चलती है। खबर के अनुसार इस कंपनी के निदेशक मंडल में राव की पत्नी भी मौजूद हैं। इस कंपनी के मालिक और राव के पारिवारिक मित्र प्रवीण अग्रवाल के परिवार के पास कंपनी के साढ़े तीन करोड़ रुपये के शेयर हैं। हैरानी की बात ये है कि इतने निवेश वाली इस कंपनी का कोई बिजनेस नहीं है। इसके साथ ही ये भी सामने आया है कि राव की पत्नी संध्या ने अलग-अलग समय पर कंपनी में जो लाखों का निवेश किया था, उस निवेश के लिए उन्होंने आरओसी से अपने पति नागेश्वर राव का नाम छिपाया था और पति की जगह पिता चिन्नम विष्णुनारायण का नाम दिया था।

बता दे कि सीबीआई की दक्षिण भारत कार्यालय के प्रमुख रहे नागेश्वर राव के खिलाफ इन आरोपों के सामने आने के बाद सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा ने इसकी जांच सीबीआई की बैंकिंग और गंभीर फ्राड इकाई को सौंपी थी। उसी की रिपोर्ट के आधार पर वर्मा ने बाद में राव को चेन्नई से हटाकर चंढ़ीगढ़ भेज दिया था। इस मामले में सीवीसी से अनुमति नहीं मिलने के कारण आलोक वर्मा राव हटा नहीं पाए थे।

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