चार महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंची महंगाई, खुदरा महंगाई दर फिर पांच प्रतिशत के पार

खुदरा मूल्य आधारित मुद्रास्फीति की दर जून में 5.08 प्रतिशत रही। फरवरी के बाद यह पहली बार पांच प्रतिशत से ऊपर पहुंच गई है।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

सब्जियों, दालों, फलों और अनाजों के दाम बढ़ने से खुदरा महंगाई की दर जून में बढ़कर एक बार फिर पांच प्रतिशत से ऊपर पहुंच गई।

खुदरा मूल्य आधारित मुद्रास्फीति की दर जून में 5.08 प्रतिशत रही। फरवरी के बाद यह पहली बार पांच प्रतिशत से ऊपर पहुंच गई है। मई में खुदरा महंगाई 4.80 फीसदी, अप्रैल में 4.83 फीसदी और मार्च में 4.85 फीसदी रही थी।

जून में खाद्य महंगाई की दर मई के 8.69 प्रतिशत से बढ़कर जून में 9.36 प्रतिशत पर पहुंच गई। इसमें मुख्य रूप से सब्जियों, दालों, फलों और अनाज के दाम में तेज बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में बताया गया है कि जून में सब्जियों की खुदरा महंगाई दर 29.32 प्रतिशत रही। इसी प्रकार पिछले साल जून के मुकाबले दालों और उनके उत्पादों के दाम 16.07 प्रतिशत बढ़े। अनाजों के दाम में 8.75 प्रतिशत और फलों के दाम में 7.15 प्रतिशत की वृद्धि रही। वहीं, तेल एवं वसायुक्त उत्पादों की महंगाई दर शून्य से 2.68 प्रतिशत कम रही।

ईंधन और बिजली की कीमतों में भी राहत मिली। इस वर्ग की महंगाई दर शून्य से 3.66 प्रतिशत कम रही।

पर्सनल केयर उत्पादों के दाम में 8.18 प्रतिशत की तेज गिरावट देखी गई।

देश के विभिन्न हिस्सों में तेज गर्मी के कारण सब्जियों की फसल खराब होने का असर खुदरा महंगाई पर दिखा है।

सरकार ने रिजर्व बैंक को मध्यम अवधि में महंगाई दर चार प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य दिया है। हालांकि इसका दायरा दो प्रतिशत से छह प्रतिशत के बीच तय किया गया है।

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