मुश्किल दौर से गुजर रहा लोकतंत्र, BJP के देश विरोधी मंसूबों को नहीं होने देंगे कामयाब: सोनिया गांधी

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिवों और प्रदेश प्रभारियों की बैठक हुई। इस दौरान सोनिया गांधी ने तीन कृषि कानूनों, कोरोना से निपटने, अर्थव्यवस्था की हालत और दलितों के खिलाफ अत्याचार के मामलों पर मोदी सरकार को जमकर घेरा।

फोटो: सोशल मीडिया
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पवन नौटियाल @pawanautiyal

रविवार को कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस नेताओं की बैठक हुई। ये बैठक अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिवों और प्रदेश प्रभारियों के साथ की गई। इस दौरान कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई। साथ ही सोनिया गांधी ने उन मुद्दों पर ध्यान देने को कहा गया जो जनता से जुड़े हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बैठक में तीन कृषि कानूनों, कोरोना से निपटने, अर्थव्यवस्था की हालत और दलितों के खिलाफ अत्याचार के मामलों पर मोदी सरकार को जमकर घेरा।

कठिन दौर से गुजर रहा देश का लोकतंत्र: सोनिया गांधी

सोनिया गांधी ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र अपने सबसे कठिन दौर से गुजर रहा है। सोनिया गांधी ने सरकार द्वारा लागू तीन कृषि कानूनों को ‘कृषि विरोधी काले कानून’ बताते हुए आरोप लगाया कि ‘हरित क्रांति’ से अर्जित किये गये फायदों को खत्म करने की साजिश रची गयी है। सोनिया गांधी ने आगे कहा कि मोदी सरकार ऐसी है जो देश के नागरिकों के अधिकारों को मुट्ठीभर पूंजीपतियों के हाथों में सौंपना चाहती है। सोनिया गांधी ने कहा कि करोड़ों खेतिहर मजदूरों, बंटाईदारों, पट्टेदारों, छोटे और सीमांत किसानों, छोटे दुकानदारों की रोजी-रोटी पर हमला हुआ है।

देश की बेटियों के साथ हो रही दरिंदगी को लेकर पीएम को घेरा

कांग्रेस अध्यक्ष ने हाथरस, उन्नाव, शाहजहांपुर, गोरखपुर, बाराबंकी, मेरठ जैसे शहर में देश की बेटियों के साथ हुई दरिंदगी को लेकर चिंता जताई है। सोनिया गांधी ने देश में दलितों के दमन का आरोप लगाते हुए कहा कि देश की बेटियों को सुरक्षा देने के बजाय बीजेपी सरकारें अपराधियों का साथ दे रही हैं। सोनिया गांधी ने पूछा कि पीड़ित परिवारों की आवाजों को दबाया जा रहा है। यह कौन सा राजधर्म है?

प्रवासी मजदूरों की परेशानियों का भी किया जिक्र

कांग्रेस अध्यक्ष ने कोरोना के चलते बिना प्लानिंग के लगाए गए लॉकडाउन के बाद देश के मजदूरों और प्रवासियों को जिस तरह की परेशानियां झेलनी पड़ी है उसका भी जिक्र किया। सोनिया गांधी ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी में न सिर्फ मजदूरों को दर-बदर की ठोकरें खाने को मजबूर किया गया, बल्कि पूरे देश को ‘‘महामारी की आग में झोंक दिया’’ गया। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि हमने देखा कि योजना के अभाव में करोड़ों प्रवासी श्रमिकों का अब तक का सबसे बड़ा पलायन हुआ और सरकार उनकी दुर्दशा पर मूकदर्शक बनी रही। कड़वा सच ये है कि 21 दिन में कोरोना को हराने का दावा करने वाले प्रधानमंत्री ने अपनी जवाबदेही से मुंह फेर लिया है।

देश की गिरती अर्थव्यवस्था को लेकर मोदी सरकार को घेरा

देश की गिरती अर्थव्यवस्था को लेकर सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर हमला बोला। सोनिया गांधी ने कहा कि महामारी के खिलाफ मोदी सरकार के पास न कोई नीति है, न सोच है, न रास्ता है और ना ही कोई समाधान। केंद्र में बैठी इस सरकार ने देश के नागरिकों की मेहनत और कांग्रेस सरकारों की दूरदृष्टि से बनाई गई मजबूत अर्थव्यवस्था को तहस-नहस कर दिया है। जिस प्रकार से अर्थव्यवस्था औंधे मुंह गिरी है, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। आज युवाओं के पास रोजगार नहीं है। करीब 14 करोड़ रोजगार खत्म हो गए। छोटे कारोबारियों, दुकानदारों और असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों की रोजी-रोटी खत्म हो रही है। लेकिन मौजूदा सरकार को कोई परवाह नहीं।

आखिर में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि देश पर आई इन चुनौतियों का सामना करने का नाम ही कांग्रेस संगठन है। सोनिया गांधी ने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि आप सब लोग इस कठिन समय में खूब मेहनत कर देश पर आए इस संकट का मुकाबला करेंगे। हम बीजेपी सरकार के इन लोकतंत्र और देश विरोधी मंसूबों को कामयाब नहीं होने देंगे।

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