अमेरिका में भारतवंशी डॉक्टर पुलिस पर केस की तैयारी में, मार्च में एक जवान ने ताना था बंदूक
मार्च की घटना के बारे में भारतवंशी चिकित्सक ने एक वेबसाइट पर लिखा कि उन्होंने अब तक इसके बारे में नहीं सोचा था, मगर जॉर्ज फ्लॉयड मामले में हुए प्रदर्शन के बाद उन्हें इस मामले में एक सामाजिक समर्थन महसूस हुआ और उन्होंने पुलिस के खिलाफ केस करने का ठाना है।
अमेरिका के कोलोराडो राज्य के अरोरा में इस साल मार्च के महीने में एक पुलिसकर्मी द्वारा सिर पर बंदूक तानने के मामले भारतवंशी डॉक्टर अब पुलिस के खिलाफ संघीय मामला दर्ज करने की तैयारी कर रहे हैं। डॉक्टर का आरोप है कि जब वह अपनी ही प्रॉपर्टी (संपत्ति) में प्रवेश कर रहे थे तो उन पर धमकी भरे लहजे में एक पुलिसकर्मी ने अपनी बंदूक तान दी थी।
भारतीय मूल के अमेरिकी डॉक्टर का नाम परमजीत परमार है और वह शरणार्थियों और गरीबों के बीच अपने काम के लिए जाने जाते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नागरिक अधिकार वकील डेविड लेन परमजीत परमार का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। लेन ने कहा कि वह एक संघीय मुकदमा दर्ज करने की तैयारी कर रहे हैं, क्योंकि दावा किया गया है कि अरोरा पुलिस अधिकारी ने परमार के चेहरे के सामने पिस्तौल तानते हुए अत्यधिक बल का इस्तेमाल किया। कूसी टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, लेन का मानना है कि घटना नस्लीय रूप से प्रेरित थी।
हालांकि, यह घटना मार्च में हुई थी और इसे परमजीत परमार द्वारा अपने सेलफोन से रिकॉर्ड कर लिया गया था। वह वीडियो ऐसे समय में एक बार फिर वायरल हो गया है, जब हाल ही में एक पुलिस अधिकारी द्वारा एक अफ्रीकी मूल के व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या कर दी गई थी और इसके बाद अल्पसंख्यकों के खिलाफ पुलिस की बर्बरता के खिलाफ बड़ा विरोध प्रदर्शन भी हुआ था।
परमार ने एक वेबसाइट पर लिखते हुए कहा कि उन्होंने अभी तक तो इसके बारे में नहीं सोचा था, मगर जॉर्ज फ्लॉयड मामले में हुए विरोध प्रदर्शन के बाद उन्हें इस मामले में एक सामाजिक समर्थन महसूस हुआ और उन्होंने संबंधित अधिकारी के खिलाफ मुकदमा करने की ठानी है।
परमार शरणार्थियों के लिए काम करने के साथ ही अपने क्लिनिक पर गरीबों की सेवा करते रहते हैं। इसके अलावा वह अमेरिका में हेल्थकेयर सुधारों के प्रचारक भी हैं।
उन्होंने लिखा है कि यह घटना तब हुई जब वह एक इमारत में गाड़ी लेकर जा रहे थे, जिसके वह मालिक हैं और उन्होंने वहां एक कार देखी जो उनके गैरेज के रास्ते में थी। उन्होंने कहा कि उसी समय एक पुलिसकर्मी अपनी बंदूक के साथ गाड़ी से उतरकर उनकी तरफ आया। परमार ने लिखा कि उसी समय उन्होंने अपने सेलफोन पर रिकॉर्डिंग शुरू कर दी। उन्होंने लिखा कि पुलिसकर्मी ने उनके सामने अश्लील तरीके से चिल्लाते हुए बंदूक तान दी और जब उन्होंने उसे उनकी प्रॉपर्टी से चले जाने को कहा, तो उसने मांग की कि वह साबित करें कि वह उस संपत्ति के मालिक हैं।
लेन ने कूसा टीवी को बताया कि जब कभी भी पुलिस बंदूक तानती है तो इसे बल का प्रयोग माना जाता है। परमार पर बंदूक तानने वाले पुलिसकर्मी की पहचान जस्टिन हेंडरसन के रूप में हुई है। डेनवर पोस्ट के अनुसार, उन्होंने पिछले साल एक अफ्रीकी मूल के व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका में पिछले दिनों नस्लभेद के कई मामले सामने आने के बाद सामाजिक कार्यकर्ताओं और अन्य लोगों के बीच काफी गुस्सा है। हाल ही में पुलिस द्वारा मिनियापोलिस में अफ्रीकी मूल के व्यक्ति के मारे जाने की घटना के बाद तो अमेरिका ही नहीं बल्कि अन्य कई यूरोपीय देशों में भी नस्लभेद के खिलाफ बड़े आंदोलन चल रहे हैं।
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