शतरंज वर्ल्ड कप फाइनल में भारत के प्रगनानंदा की हार, मैग्नस कार्लसन फिर बने विश्व चैंपियन
टाईब्रेकर में भारतीय ग्रैंडमास्टर प्रगनानंदा को 5 बार के वर्ल्ड चैंपियन मैग्नस कार्लसन ने एक ड्रॉ और एक जीत से हराया। टाईब्रेकर का पहला रैपिड गेम नार्वे के खिलाड़ी ने 47 मूव के बाद जीता था। दूसरा गेम ड्रॉ रहा और इसी के साथ कार्लसन विजेता घोषित कर दिए गए।
बाकू में आयोजित फिडे विश्व कप के फाइनल के टाई-ब्रेकर गेम में गुरुवार को पूर्व विश्व चैंपियन मैग्नस कार्लसन ने भारत के शतरंज ग्रैंडमास्टर आर. प्रगनानंदा को हरा दिया है। इसी के साथ 18 वर्षीय भारतीय युवा खिलाड़ी प्रगनानंदा का फिडे वर्ल्ड कप जीतने का सपना टूट गया है।
गुरुवार को खेले गए टाईब्रेकर में भारती ग्रैंडमास्टर आर. प्रगनानंदा को 5 बार के वर्ल्ड चैंपियन मैग्नस कार्लसन ने एक ड्रॉ और एक जीत से हराया। टाईब्रेकर का पहला रैपिड गेम नार्वे के खिलाड़ी ने 47 मूव के बाद जीता था। दूसरा गेम ड्रॉ रहा और इसी के साथ कार्लसन विजेता घोषित कर दिए गए।
इससे पहले दोनों के बीच मंगलवार और बुधवार को खेले गए फाइनल के दो गेम ड्रा पर खत्म हुए थे, जिसके विजेता का फैसला आज टाईब्रेकर से होना था। बुधवार को चेस वर्ल्ड कप के फाइनल का दूसरा गेम भी ड्रॉ पर खत्म हुआ था। दूसरा गेम 30 मूव के बाद ड्रॉ करने पर दोनों खिलाड़ियों ने सहमति जताई थी।
इससे पहले मंगलवार को खेले गए पहले गेम में 18 साल के प्रगनानंदा ने वर्ल्ड के नंबर-1 खिलाड़ी कार्लसन को कड़ी चुनौती दी और उन्हें ड्रॉ खेलने पर मजबूर कर दिया था। पहला गेम 35 मूव के बाद ड्रॉ हुआ था। पहले गेम में प्रागनानंदा सफेद मोहरों के साथ खेले थे। वहीं, दूसरे गेम में कार्लसन सफेद मोहरों के साथ खेले।
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