मंकीपॉक्स को लेकर भारत सतर्क, AIIMS दिल्ली ने संदिग्ध मरीजों के इलाज के लिए प्रोटोकॉल जारी किया
मंकीपॉक्स के लक्षण आमतौर पर चिकनपॉक्स या स्मॉलपॉक्स जैसे ही दिखाई देते हैं। इनमें चेहरे या शरीर के किसी भी अंग पर छाले, फफोले, रैश या फुंसियां हो सकती हैं।
मंकीपॉक्स को लेकर दुनियाभर में सतर्कता बरती जा रही है। अफ्रीका से चला ये वायरस भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान तक पहुंच गया है। जिसकी वजह से यहां भी निगरानी बढ़ा दी गई है। भारत सरकार की ओर से इस की बीमारी को लेकर अलर्ट घोषित कर दिया गया है। इसके चलते केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिल्ली के 3 अस्पतालों को मंकीपॉक्स को लेकर नोडल सेंटर भी बना दिया है। साथ ही सीमाओं और एयरपोर्ट पर निगरानी बढ़ा दी है। इस बीच एम्स दिल्ली ने संदिग्ध मंकीपॉक्स के मरीजों के इलाज के लिए प्रोटोकॉल जारी किया है।
एम्स दिल्ली ने जारी किया प्रोटोकॉल
दिल्ली एम्स में मंकीपॉक्स के संदिग्ध मरीजों के लिए पांच बेड आरक्षित किए गए हैं।
अगर किसी मरीज में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखाई देते हैं या संदिग्ध मरीज आता है तो उसे इन बेड्स पर शिफ्ट किया जाएगा।
मरीज के संक्रमण की पुष्टि के लिए जरूरी टेस्ट किए जाएंगे, जिसमें त्वचा के नमूने और अन्य लैब परीक्षण शामिल है।
संदिग्ध मरीजों के इलाज के वक्त डॉक्टरों को पीपीई किट पहनना अनिवार्य होगा।
ऐसे मरीजों की हर जरूरी डिटेल जैसे घर का पता, मेडिकल हिस्ट्री और लक्षण सभी को फाइल में मेंटेन करना होगा।
एम्स के अलावा सफदरजंग अस्पताल में एमपॉक्स मरीजों के लिए डेडिकेटेड एंबुलेस भी तैयारी की गई है।
इन लक्षणों पर हो जाएं सावधान
मंकीपॉक्स के लक्षण आमतौर पर चिकनपॉक्स या स्मॉलपॉक्स जैसे ही दिखाई देते हैं। इनमें चेहरे या शरीर के किसी भी अंग पर छाले, फफोले, रैश या फुंसियां हो सकती हैं। इन फुंसियों में पीला मवाद या पस हो सकता है। त्वचा पर खुजली, उल्टी, बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में जकड़न, बेहोशी आदि इसके लक्षण हैं। ऐसा कोई भी लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।
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