भ्रष्टाचार के मामले में एशिया में टॉप पर भारत, बीते 12 महीनों में बढ़ा करप्शन, चुनाव के दौरान बढ़ जाती है रिश्वतखोरी

देश में बीते 12 महीनों में भ्रष्टाचार बढ़ा है और भारत एशिया में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचारी लोगों वाला देश बन गया है। यह खुलासा हुआ है ट्रांस्पेरेंसी इंटरनेशनल के एक सर्वे में जिसमें सामने आया है कि भारत में रिश्वतखोरी की दर 39 फीसदी है।

प्रतीकात्मक फोटो
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भ्रष्टाचार को लेकर किए गए सर्वे में सामने आया है कि पूरे एशिया में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचारी लोग भारत में हैं। यह सर्वे ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने किया है जिसमें सामने आया है कि भारत में रिश्वतखोरी की दर 39 फीसदी पहुंच गई है। सर्वे में 47 फीसदी लोगों ने माना है कि बीते 12 महीनों को दौरान में भ्रष्टाचार बढ़ा है।

हालांकि सर्वे में 63 फीसदी लोगों ने यह भी कहा है कि सरकारी तौर पर भ्रष्टाचार से निपटने के लिए उचित कदम उठाए जा रहे हैं। लेकिन यह भी सामने आया है कि 46 फीसदी लोग अपना काम करवाने के लिए निजी संपर्कों का फायदा उठाते हैं। सर्वे रिपोर्ट से पता चलता है कि जिन लोगों से रिश्वत मांगी गई उनमें से आधे से ज्यादा लोगों से सीधे रिश्वत मांगी गई। इसक अलावा जिन लोगों ने अपना काम कराने के लिए निजी संबंधों का फायदा उठाया उनमें से 32 फीसदी का कहना है कि अगर वे ऐसा नहीं करते तो उनका होता ही नहीं।

ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने 'ग्लोबल करप्शन बैरोमीटर-एशिया' के नाम से इस सर्वे के आंकड़ों को जारी किया है। सर्वे में 17 देशों के 20,000 लोगों से जून और सितंबर के बीच भ्रष्टाचार से संबंधित सवाल पूछे गए। इसमें छह तरह की सरकारी सेवाएं शामिल की गई थीं।

भारत में जितने लोगों के बीच सर्वे हुआ उनमें से 42 फीसदी का कहना था कि उन्होंने पुलिस को रिश्वत दी जबकि 41 फीसदी ने कहा कि उन्होंने पहचान पत्र आदि सरकारी दस्तावेज़ों के लिए रिश्वत देने के लिए मजबूर होना पड़ा। वहीं अदालत से जुड़े मामलों में 38 फीसदी लोगों ने रिश्वत दी। रिपोर्ट में इस बात का भी खुलासा किया गया कि 63 फीसदी लोग भ्रष्टाचार की जानकारी देने में डरते हैं।


सर्वे में यह भी सामने आया है कि चुनावों के दौरान रिश्वतखोरी बढ़ जाती है। इस दौरान हर सात में से एक व्यक्ति को वोट के बदले रिश्वत की पेशकश की जाती है। बीचे पांच साल के दौरान राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और स्थानीय चुनावों के दौरान ऐसा देखने को मिला है। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशन के चेयरमैन डेला रूबियो का कहना है कि इसके लिए चुनाव आयोगों और भ्रष्टाचार विरोधी एजेंसियों को मिलकर काम करना होगा ताकि लोकतंतर की रक्षा की जा सके, क्योंकि ऐसा होने पर सरकारों में लोगों का भरोसा कम हो जाता है।

सर्वे में भारत के बाद भ्रष्टाचार के मामले में कंबोडिया दूसरे नंबर पर आया है। वहां 37 फीसदी लोगों ने माना कि वे अपने काम के लिए रिश्वत देते हैं। इसके बाद भ्रष्टाचार की दर 30 फीसदी होने के साथ इंडोनेशिया तीसरे नंबर पर है। एशिया के देशों में जापान और मालदीव सबसे कम भ्रष्टाचार वाले देश हैं। इन दोनों देशों में सिर्फ दो फीसदी लोग ही रिश्वत आदि देते हैं या निजी संबंधों से अपने काम कराते हैं।

इस सर्वे में पाकिस्तान को शामिल नहीं किया गया था।

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