मणिपुर मुद्दे पर राष्ट्रपति से मिले 'INDIA' के सांसद, हालात पर हस्तक्षेप की मांग
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रेस से बात करते हुए कहा कि आज INDIA गठबंधन के 31 सदस्य राष्ट्रपति महोदया से मिले। INDIA गठबंधन के प्रतिनिधिमंडल ने मणिपुर में जो देखा, उसे राष्ट्रपति महोदया के सामने रखा।
मणिपुर का दौरा करने वाले 21 सांसदों के प्रतिनिधिमंडल के साथ INDIA गठबंधन के फ्लोर लीडर्स ने आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और इस मामले में राष्ट्रपति से हस्तक्षेप की मांग की। इस दौरान राष्ट्रपति को एक ज्ञापन भी सौंपा।
विपक्षी गठबंधन INDIA द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है, "हम बिना किसी देरी के राज्य में शांति और सद्भाव स्थापित करने के लिए आपसे तत्काल हस्तक्षेप का अनुरोध करते हैं। प्रभावित समुदायों को न्याय प्रदान करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार दोनों को अपना कर्तव्य पूरा करना चाहिए। हम आपसे निवेदन करते हैं कि आप प्रधानमंत्री पर मणिपुर की मौजूदा स्थिति पर संसद को तत्काल संबोधित करने के लिए दबाव डालें, जिसके बाद इस मामले पर एक विस्तृत और व्यापक चर्चा हो।"
राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद प्रेस से बात करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “आज INDIA गठबंधन के 31 सदस्य राष्ट्रपति महोदया से मिले। INDIA गठबंधन के प्रतिनिधिमंडल ने मणिपुर में जो देखा, उसे राष्ट्रपति महोदया के सामने रखा। हमने उन्हें बताया कि राहत शिविरों में लोगों को समय पर राशन और दवा भी नहीं मिल पा रही है। मणिपुर को लेकर हमने राष्ट्रपति महोदया को एक मेमोरेंडम भी सौंपा है। उन्होंने हमें मेमोरेंडम के बारे में सोचने का आश्वासन दिया है।”
खड़गे ने कहा, “सरकार हमें सदन में बोलने नहीं दे रही है। मेरे माइक को तुरंत बंद कर दिया जाता है। यह सरकार न संविधान को बचाना चाहती है और न ही संविधान के उसूलों पर चलना चाहती है। इसलिए हम एक होकर मजबूती के साथ लड़ेंगे।”
उन्होंने कहा, “हमारे साथियों ने बताया कि मणिपुर हिंसा में हजारों की संख्या में अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल हो रहा है। मणिपुर में दो समुदायों के बीच जारी लड़ाई को शांत करने के लिए प्रधानमंत्री को वहां जाना चाहिए। पहले भी कई बार सदन में नियम 267 के तहत अनुमति दी गई है, लेकिन ये सरकार बात सुनने को तैयार ही नहीं है। हमने मणिपुर के साथ हरियाणा में जारी हिंसा की बात भी राष्ट्रपति महोदया के सामने रखी है।”
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