सीबीएसई के नए सत्र में 10वीं के छात्रों के मन से खत्म होगा गणित का खौफ, बोर्ड देगा दो विकल्प, जाने क्या है बदलाव
सीबीएसई ने 2019-20 शैक्षिक सत्र शुरु होने वाला है। ऐसे में बोर्ड ने इस बार पाठ्यक्रम में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। दसवीं की बोर्ड परीक्षा में छात्रों के मन में मैथ को लेकर बढ़ते खौफ को देखते हुए सीबीएसई ने प्रश्न पत्र में बेसिक और स्टैंडर्ड का विकल्प देगा।
सीबीएसई के नए सेशन शुरु होने वाला है। ऐसे में इस बार सीबीएसई ने दसवीं की बोर्ड परीक्षा में कई छात्रों में गणित में कम अंक मिलने का डर देखते हुए उन्हें गणित के प्रश्न पत्र में बेसिक और स्टैंडर्ड का विकल्प देने का फैसला किया है। बोर्ड ने इसका सर्कुलर 11 जनवरी को जारी किया था।
नए पाठ्यक्रम में छात्रों के पास दसवीं में मैथ पढ़ने के दो विकल्प होंगे। जो छात्र ग्यारहवीं-बारहवीं में मैथ नहीं लेना चाहते उनके लिए बेसिक मैथ का विकल्प होगा जबकि, आगे की कक्षाओं में मैथ का विकल्प चुनने वाले छात्रों के पास स्टैंडर्ड मैथ का विकल्प होगा। इसी के अनुरूप प्रश्न पत्र मिलेगा। ऐसे में मैथ से डरने वालों छात्रों के लिए थोड़ी राहत की खबर है।
इस बारे में बोर्ड का मानना है कि इससे बच्चों के परीक्षा परिणाम और बेहतर हो सकेंगे। वहीं शिक्षक भी पूरा ध्यान बच्चों पर देंगे। साथ ही सीबीएसई ने नौंवीं कक्षा के छात्रों को आर्टिरफिशियल इंटेलीजेंस (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) को छठे वैकल्पिक विषय के रूप में पढ़ने का विकल्प दिया है। बोर्ड का मानना है कि शिक्षा व्यवस्था में बदलाव का यह फैसला नई पीढ़ी को और अधिक संवेदनशील बनाने के उद्देश्य से किया गया है।
गौरतलब है कि दसवीं के छात्रों को बेसिक और स्टैंडर्ड मैथ का विकल्प का फायदा ग्यारहवीं और बारहवीं में मैथ के बजाय बायो, कामर्स लेकर पढ़ाई करने वाले छात्रों को मिलेगा। 2020 में छात्रों को परीक्षा देने के लिए दो तरह के, एक बेसिक गणित और एक स्टैंडर्ड गणित की पढ़ाई करनी होगी। 2019-20 सत्र में दसवीं के छात्रों को गणित विषय के स्तरों में से चुनने का मौका मिलेगा। पहला दसवीं गणित का लेवल मौजूदा लेवल ही होगा और मौजूदा लेवल को मैथमेटिक्स स्टैंडर्ड लेवल कहा जाएगा जबकि आसान लेवल को मैथमेटिक्स बेसिक कहा जाएगा।
साल 2020 में दसवीं की परीक्षा दे रहे छात्रों के लिए बेसिक और स्टैंडर्ड मैथ्स के बीच चुनाव करने का अधिकार होगा। फॉर्म भरने के समय छात्र अपनी तैयारियों और आगे की प्लानिंग के आधार पर दोनों में से किसी एक का चयन कर सकेंगे।
सीबीएसई की ओर से इसके साथ ही प्रारंभिक शिक्षा में नए सत्र से खेलकूद के साथ योग को एक विषय के रूप में जोड़ा गया है। बोर्ड की ओर से नए पाठ्यक्रम में बच्चों के संपूर्ण विकास की बात की गई है। अब बच्चों को प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल शिक्षा में योग को नए विषय के रूप में पढ़ना होगा। सीबीएसई ने इंटरनल एसेसमेंट के अंक कम करके 15 कर दिए हैं और मुख्य परीक्षा में इसका वेटेज भी पांच अंकों का कर दिया गया है, यह पहले 15 अंकों का था।
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