आत्मनिर्भर भारत के नाम पर मोदी सरकार ने खनन से गगन तक निजी क्षेत्र के लिए खोल दिए दरवाजे
केंद्र सरकार ने कोरोना राहत पैकेज में ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ के नाम पर ऐसे आर्थिक सुधारों की झड़ी लगा दी जिससे निजी क्षेत्रों के लिए कोयला खनन से लेकर अंतरिक्ष में उपग्रह प्रक्षेपण तक के दरवाजे खुल गए हैं। इसके बाद खनन से गगन तक निजी क्षेत्र दस्तक देगा।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना संकट से निपटने लिए घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज के तहत चौथी कड़ी के उपायों का एलान करते हुए शनिवार को कहा कि कोयला खनन के काम में अब निजी क्षेत्र को भी शामिल किया जाएगा, जिसके बाद इस क्षेत्र में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों का एकाधिकार समाप्त हो जाएगा। उन्होंने अंतरिक्ष की गतिविधियों में भी निजी कंपनियों को शामिल करने के सरकार के फैसले का एलान किया। इसके साथ-साथ रक्षा उत्पादन में विदेशी निवेश 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी कर दी गई है।
वित्तमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत देश में आर्थिक सुधारों की घोषणा करते हुए कहा कि कोयले की कमर्शियल माइनिंग की जाएगी और कोल इंडिया लिमिटेड की खदानें भी निजी क्षेत्र को दी जाएंगी। इससे कोयला क्षेत्र में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों का एकाधिकार समाप्त हो जाएगा। कोयला खनन को बढ़ा देने के लिए बुनियादी संचरना के विकास के लिए सरकार 50000 रुपये खर्च करेगी। उन्होंने कहा कि कोयले का खनन बढ़ाने के लिए 50 नये कोल ब्लॉक की नीलामी की जाएगी।
वित्तमंत्री ने खनिज खनन के लिए भी नीतिगत सुधारों का एलान किया। उन्होंने कहा कि पारदर्शी तरीके से खनिजों के 500 ब्लॉकों की नीलामी की जाएगी। उन्होंने कहा कि बॉक्साइट और कोल ब्लॉकों की संयुक्त नीलामी होगी।
सीतारमण ने रक्षा विनिर्माण में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा को 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी करने के सरकार के फैसले का एलान किया। स्वदेश में रक्षा उपकरणों के विनिर्माण को प्रोत्साहन देने का एलान करते हुए वित्तमंत्री ने कहा कि मौजूदा दौर में आयात हो रहे कुछ कलपुर्जे अब भारत में ही बनाए जाएंगे, जिससे रक्षा आयात का खर्च घटेगा। वित्तमंत्री ने आयुध कारखाना बोर्ड को निगमीकृत करने का एलान किया, जिसके बाद उसे शेयर बाजारों में सूचीबद्ध किया जा सकेगा।
सीतारमण ने उपग्रह और इसके प्रक्षेपण समेत अंतरिक्ष से जुड़ी सेवाओं जैसी गतिविधियों में निजी को मंजूरी देने के सरकार के फैसले का एलान किया। वित्तमंत्री ने देश के हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल किए जाने पर लगे प्रतिबंध में ढील देने का भी एलान किया। उन्होंने कहा कि इससे विमानन क्षेत्र को सालाना करीब लगभग 1,000 करोड़ रुपये का फायदा होगा क्योंकि इससे यात्रा का समय घटने के साथ-साथ ईंधन की भी बचत होगी।
इसके अलावा, उन्होंने देश के हवाई अड्डों में भी निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने का एलान किया जिसके तहत छह और हवाई अड्डों की नीलामी की जाएगी। पहले और दूसरे दौर में जिन 12 हवाई अड्डों की नीलामी की गई उनमें निजी कंपनियों द्वारा 13,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश किया जाएगा।
वित्तमंत्री ने परमाणु उर्जा से संबंधित नीतिगत सुधार की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि मेडिकल आइसोटोप के उत्पादन के लिए पीपीपी मोड में अनुसंधान रियेक्टर की स्थापना की जाएगी जिससे कैंसर और अन्य बीमारियों का सस्ता इलाज संभव होगा। इसके अलावा विकिरण प्रौद्योगिकी के उपयोग द्वारा खाद्य संरक्षण के लिए पीपीपी मोड में सुविधाएं बनाई जाएंगी जिससे किसानों को फायदा होगा।
उन्होंने केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) का निजीकरण करने की भी घोषणा की। सरकार ने सामाजिक ढांचागत परियोजनाओं को आर्थिक दृष्टि से व्यावहारिक बनाने की दिशा में भी कदम उठाया है। वित्तमंत्री ने कहा कि इसके लिए वायबिलटी गैप फंडिंग (वीजीएफ) बढ़ाई जाएगी। उन्होंने सामाजिक बुनियादी ढांचा विकसित पर 8,100 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
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