मध्य प्रदेश में बाढ़ के उतरते पानी के बीच सामने आया भयावह मंजर, हजारों मकान ढहे, बड़ी संख्या में मवेशियों की भी मौत
मध्य प्रदेश में हुई जोरदार बारिश के बाद बने बाढ़ के हालात में आ रहे सुधार के बीच जो तस्वीरें सामने आ रही हैं वह बाढ़ की विभीषिका की कहानी सुना रही है।
मध्य प्रदेश में हुई जोरदार बारिश के बाद बने बाढ़ के हालात में आ रहे सुधार के बीच जो तस्वीरें सामने आ रही हैं वह बाढ़ की विभीषिका की कहानी सुना रही है। सड़कों से लेकर पुल तक क्षतिग्रस्त हुए हैं, तो वहीं हजारों मकान ढह गए हैं और बड़ी तादाद में मवेशियों की भी मौत हुई है। वहीं सैकड़ों परिवार अब भी राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं। राज्य में बीते दिनों हुई बारिश के चलते कई स्थानों पर बाढ़ के हालात बन गए, सड़क यातायात जाम हो गया, तो बस्तियां जलमग्न होने की स्थिति में आ गई। राजधानी भोपाल में तो नाव तक चलानी पड़ गई। राज्य की प्रमुख नदियों नर्मदा, पार्वती, बेतवा, केन, तमस, चंबल का जलस्तर बढ़ा और उसके किनारे बसी बस्तियां जलमग्न हो गई। अब कई नदियों का जलस्तर गिरने से राहत महसूस की जा रही है।
वर्तमान में सबसे ज्यादा बुरा हाल ग्वालियर-चंबल इलाके में है, जहां चंबल नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। यही कारण है कि भिंड, मुरैना और श्योपुर के कई गांव संकट में घिरे हुए हैं। मुसीबत में घिरे गांव के लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल कर राहत शिविरों तक लाने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, होमगार्ड के जवानों के अलावा वायु सेना के हेलीकॉप्टर की भी मदद ली जा रही है।
मुरैना जिले के लगभग 50 गांव बाढ़ प्रभावित हैं और यहां के नौ से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। भिंड जिले में भी 10 से ज्यादा गांव में पानी भर गया है। श्योपुर का भी यही हाल है, यहां 40 गांव बाढ़ की चपेट में है और यहां पानी ने जमकर तबाही मचाई है। जो लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंच गए हैं वह तो ठीक हैं मगर कई परिवार ऐसे हैं जो अब भी अपने घरों की छत पर सामान के साथ डेरा डाले हुए हैं।
जिन इलाकों में बाढ़ का पानी कम हो रहा है वहां से जो तस्वीर सामने आ रही है वह भयावह है, क्योंकि मकान ढह चुके हैं, सड़क और पुलिया बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है तो बड़ी तादाद में मवेशियों की भी मौत हुई है। राजगढ़ जिले में तो बारिश ने आधा सैकड़ा से ज्यादा मवेशियों को निगल लिया। यहां की निंद्राखेड़ी स्थित एक गौशाला में बारिश का पानी भर गया और गौशाला कर्मी ताला लगा कर चला गया, जब पानी उतरा तो मवेशी मृत मिले, कई मवेशियों के शव पेड़ों पर लटके थे तो वहीं कई पानी में तैर रहे थे। इसी तरह की तस्वीरें राज्य के अन्य इलाकों से भी आ रही हैं।
राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य जारी है। मुरैना, श्योपुर, भिंड जिले के प्रशासन से उन्होंने रिपोर्ट मंगाई है। साथ ही लोगों से अपील की है कि जो लोग राहत शिविरों में हैं, वो अभी वहीं रुकें।
इस भारी बारिश के चलते बड़े पैमाने पर फसलों को भी नुकसान हुआ है। सोयाबीन, उड़द, मूंग, अरहर की फसलें बुरी तरह चौपट हुई हैं और धान को भी बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। राज्य सरकार नुकसान के आकलन के लिए सर्वे करा रही है।
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