केरल के सभी जिलों में रेड अलर्ट खत्म, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, अब तक 370 लोगों की मौत
केरल के सभी जिलों से रेड अलर्ट वापस ले लिया गया है। 10 जिलों में ऑरेंज अलर्ट और 2 जिलों में यलो अलर्ट जारी किया गया है। इस बीच मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में राज्य के कुछ जिलों में सामान्य बारिश होने की बात कही है, जोकि लोगों के लिए राहत भरी खबर है।
केरल में भारी बारिश और बाढ़ से मची तबाही के चलते रविवार को दो और लोगों की मौत के साथ ही मृतकों की संख्या बढ़कर 370 हो गई है। बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित अलाप्पुझा, एर्नाकुलम और त्रिशूर में बचाव कार्य जारी है।
इस बीच राज्य के सभी जिलों से रेड अलर्ट वापस ले लिया गया है। वहीं 10 जिलों में ऑरेंज अलर्ट और दो जिलों में यलो अलर्ट जारी किया गया है। इस बीच मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में राज्य के कुछ जिलों में सामान्य बारिश होने की बात कही है, जोकि लोगों के लिए राहत भरी खबर है।
सबसे ज्यादा प्रभावित स्थानों जहां लोग पिछले तीन दिनों से भोजन या पानी के बिना फंसे हुए हैं, उनमें चेंगन्नूर, पांडलम, तिरुवल्ला और पथानामथिट्टा जिले के कई इलाके, एर्नाकुलम में अलुवा, अंगमाली और पारावुर में शामिल हैं।
अलाप्पुझा में बचाव कार्य में मदद के लिए आए फंसे मछुआरों के एक समूह ने अधिकारियों के बीच समन्वय की कमी होने की शिकायत की। समूह ने कहा, "हमने कई लोगों को बचाया लेकिन अब हम जहां से अपनी नाव से आए थे, वहां लौटने में हमारी मदद करने के लिए कोई नहीं है। हमने बचाव कार्यो में अपने जीवन को खतरे में डाल दिया लेकिन अब हमारी मदद के लिए कोई नहीं है।”
पारावुर, एर्नाकुलम के कांग्रेस विधायक वी.डी. सतीशन ने राहत टीम को भेजने में नाकाम रहने को लेकर राज्य के स्वास्थ्य मंत्रालय की निंदा की। इसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्री के.के. शैलजा ने कहा कि हालांकि कई क्षेत्रों में जलस्तर कम हो गया है, लेकिन बड़े पैमाने पर संकटपूर्ण स्थितियों के कारण संभवत: चिकित्सा सुविधाएं कुछ क्षेत्रों तक नहीं पहुंच पाई हैं।
मंत्री ने कहा, "ऐसा इसलिए है क्योंकि चिकित्सकों ने प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचना मुश्किल पाया और अब तक यह समस्या लगभग हल हो गई है। हमें बड़ी मात्रा में दवाएं चाहिए। संक्रमण संबंधी बीमारियों को रोकने के लिए एक प्रमुख स्वास्थ्य अभियान की योजना बनाई जा रही है।" उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्यों की मेडिकल टीमें जल्द ही पहुंच जाएंगी।
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