योगी सरकार में मुसीबतों में घिरे आजम खाँ को एक और झटका, जौहर यूनिवर्सिटी की 1400 बीघा जमीन सरकार के नाम होगी
समाजवादी पार्टी के हाथ से उत्तर प्रदेश की सत्ता जाने के बाद बीजेपी की योगी सरकार आते ही आजम खाँ पर मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ा। उन पर सबसे पहले जो आरोप लगे उनमें यूनिवर्सिटी के लिए किसानों की जमीन और चकरोड पर कब्जा करने का आरोप शामिल है।
उत्तर प्रदेश के रामपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खाँ को जौहर यूनिवर्सिटी के मामले में जबरदस्त झटका लगा है। रामपुर के राजस्व न्यायालय ने आदेश दिया है कि जौहर यूनिवर्सिटी ट्रस्ट की 172 एकड़ (लगभग 1400 बीघा) जमीन को उत्तर प्रदेश सरकार के नाम ट्रांसफर कर दिया जाए और प्रशासन इस जमीन पर कब्जा हासिल करे। रामपुर के अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) जेपी गुप्ता की कोर्ट ने शनिवार को यह फैसला सुनाया। अब जौहर ट्रस्ट के पास सिर्फ साढ़े बारह एकड़ जमीन बची है।
उत्तर प्रदेश की एसपी सरकार ने 2005 में कुछ शर्तों के साथ आजम खाँ के मुहम्मद अली जौहर ट्रस्ट को जौहर यूनिवर्सिटी के लिए साढ़े बारह एकड़ से ज्यादा जमीन खरीदने की इजाजत दी थी। उस दौर में आजम खाँ ने झोली फैला-फैलाकर यूनिवर्सिटी के लिए मदद मांगी थी। तब यूनिवर्सिटी का काम बहुत तेज रफ्तार से चला था। सरकार की इजाजत के बाद आजम खाँ ने लगभग 1400 बीघा जमीन और खरीदी।
इसके अगले साल यानि 18 सितंबर 2006 को यूनिवर्सिटी का संग-ए-बुनियाद रखा गया। तब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और एसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव अपने 52 मंत्रियों के साथ रामपुर आए थे। इसके ठीक छह साल बाद 18 सितंबर 2012 को मुलायम सिंह के बेटे अखिलेश यादव मुख्यमंत्री की हैसियत से यूनिवर्सिटी के उद्घाटन समारोह में शरीक हुए थे।
लेकिन इसके बाद समाजवादी पार्टी के हाथ से उत्तर प्रदेश की सत्ता जाने के बाद बीजेपी की योगी सरकार आते ही आजम खाँ पर मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ा। उन पर सबसे पहले जो आरोप लगे उनमें यूनिवर्सिटी के लिए किसानों की जमीन और चकरोड पर कब्जा करने का आरोप शामिल है। रामपुर प्रशासन ने आजम खाँ को भू-माफिया घोषित करते हुए यूनिवर्सिटी की बाउंड्री वॉल पर बुलडोजर चलवा दिए।
दूसरी तरफ, बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने जौहर ट्रस्ट पर आरोप लगाए कि यूनिवर्सिटी के लिए 12.5 एकड़ से ज्यादा जमीन खरीदने की इजाजत सिर्फ इसलिए दी गई थी, क्योंकि ट्रस्ट ने वादा किया था कि वह गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा दिलाएगा और चैरिटी का काम भी करेगा, मगर ट्रस्ट ने यह वादा नहीं निभाया। उन्होंने कहा कि बरसों तक चैरिटी का कोई काम नहीं किया गया। पीपी तिवारी ने एसडीएम सदर रहते हुए जांच में शिकायत को सही ठहराकर अपनी रिपोर्ट सौंपी थी।
इस मामले में रामपुर के अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) जेपी गुप्ता ने अपने आदेश में उप जिलाधिकारी सदर से कहा है कि वह 172 एकड़ जमीन को सरकारी अभिलेखों में दर्ज करें और इस पर कब्जा भी हासिल करें। जौहर ट्रस्ट के पास यह विकल्प है कि वह आयुक्त, राजस्व परिषद या हाई कोर्ट जा सकता है। फिलहाल, आजम खाँ सीतापुर जेल में हैं। इस मामले में उनकी तरफ से क्या पैरवी होगी, अभी इसका कोई जवाब नहीं मिल सका है।
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