टूरिज्म और धार्मिक यात्राएं बन सकती हैं कोरोना की सुपरस्प्रेडर, आईएमए ने दी चेतावनी-कहा तीसरी लहर नजदीक
आईएमए ने कहा है कि पर्यटन केंद्रों पर भीड़ और धार्मिक यात्राएं कोरोना वायरस की सुपरस्प्रेडर बन सकती हैं, इन्हें कुछ महीनों के लिए टाला जा सकता है। आईएमए ने चेतावनी दी है कि कोरोना की तीसरी लहर नजदीक है ऐसे में लापरवाही खतरनाक साबित हो सकती है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि अगर टूरिज्म और धार्मिक कार्यक्रमों को नियंत्रित नहीं किया गया तो कोरोना की तीसरी लहर जल्द ही हमला कर सकती है। आईएमए ने कहा है कि तीसरी लहर नजदीक है और ऐसे में टूरिज्म और धार्मिक यात्राओं को कुछ और महीने टाला जा सकता है। ध्यान रहे कि आईएमए की चेतावनी ऐसे मौके पर आई है जब देश के ज्यादातर हिस्सों में अनलॉक हो चुका है और पर्यटन केंद्रों पर लोगों की भीड़ नजर आ रही है। साथ ही धार्मिक कार्यक्रम और यात्राएं भी शुरु हो गई हैं।
आईएमए ने इस सिलसिले में बयान जारी करते हुए कहा है कि इन दिनों लोग जिस तरह कोविड नियमों का उल्लंघन करते हुए खुशी मना रहे हैं वह दुख की बात है। आईएमए ने चेतावनी दी है कि भारत अभी हाल ही में बेहद भयावह दूसरी लहर से बाहर आया है और इसके पीछे स्वास्थ्य महकमे की कोशिशें हैं।
आईएमए ने अपने प्रेस रिलीज में कहा है कि इतिहास में जितनी भी महामारियां आई हैं, उन्हें देखा जाए तो ये साफ है कि तीसरी लहर को टाला नहीं जा सकता है। ये बेहद करीब है। ये देखकर बहुत दुख हो रहा है कि देश के कई हिस्सों में जनता और सरकार, दोनों ही लापरवाह हैं। सभी बिना कोविड प्रोटोकॉल का पालन किए भीड़ इकट्ठा करने में जुटे हैं। आईएमए का कहना है कि पर्यटन और धार्मिक यात्राओँ के बीच उत्साह आदि जरूरी हो सकते हैं लेकिन इन्हें कुछ महीनों के टाला जाना चाहिए।
मेडिकल एसोसिएशन ने कहा है कि इन सभी की अनुमति देना और लोगों का इन सबमें बिना वैक्सीनेशन के शामिल होना खतरनाक है। ये कोरोना की तीसरी लहर के लिए सुपरस्प्रेडर बन सकते हैं। इस तरह के जमावड़ों से होने वाले आर्थिक नुकसान से कहीं बेहतर है कोरोना के एक मरीज के ट्रीटमेंट से होने वाला आर्थिक नुकसान।
आईएमए ने कहा है कि बीते डेढ़ साल के अनुभव से कहा जा सकता है कि वैक्सीनेशन के जरिए तीसरी लहर के असर को काफी कम किया जा सकता है। इसके साथ ही कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। आईएमए ने कहा कि इस नाजुक मुकाम पर हमें अगले दो-तीन महीने तक कोई खतरा नहीं उठाना चाहिए।
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