कोरोना से डॉक्टरों की मौत पर भी सरकार ने बोला झूठ, IMA ने खंडन कर बताया सही आंकड़ा
आईएमए के अध्यक्ष ने अपने पत्र में डॉक्टरों की मौत के सही डेटा की पुष्टि करने में भारत सरकार की उदासीनता की निंदा करने के अलावा कोविड-19 पीड़ितों के परिवारों को मुआवजा देने में देरी करने का भी मुद्दा उठाया। आईएमए ने सरकार के रुख पर निराशा जताया है।
देश में डॉक्टरों के राष्ट्रीय स्वैच्छिक संगठन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने बुधवार को कोरोना वायरस की वजह से जान गंवाने वाले डॉक्टरों की संख्या के बारे में केंद्र की ओर से जारी आंकड़ों पर आश्चर्य जताया। स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे को लिखे पत्र में आईएमए अध्यक्ष जे.ए. जयलाल ने कहा, "केंद्र की ओर से जारी आंकड़ों में विरोधाभास है। कोरोना की वजह से अब तक 744 डॉक्टरों को जान गंवानी पड़ी है।"
इससे पहले मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने आंकड़े जारी कर कहा था कि कोरोना वायरस से अब तक देश में 162 डॉक्टर, 107 नर्स और 44 आशा कार्यकर्ताओं की मौत हो गई है। आईएमए अध्यक्ष जे.ए. जयलाल ने आज पत्र लिखकर सरकार के इन्ही आंकड़ों पर विरोध जताया है।
चौबे को लिखे पत्र में आईएमए अध्यक्ष जे.ए. जयलाल ने आगे कहा कि भले ही डॉक्टरों ने उच्च वायरल लोड और उच्च केस फैटेलिटी अनुपात का सामना किया हो, लेकिन उन्होंने चिकित्सा पेशे की सर्वश्रेष्ठ परंपरा का निर्वहन करते हुए राष्ट्र की सेवा करने का विकल्प चुना।
इसके साथ ही आईएमए अध्यक्ष ने अपने पत्र में सही डेटा की पुष्टि करने में भारत सरकार की उदासीनता की निंदा करने के अलावा कोविड-19 पीड़ितों के परिवारों के लिए मुआवजा देने में देरी करने का भी मुद्दा उठाया। आईएमए ने सरकार के रुख पर निराशा जताई है।
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