अगर आपने नहीं उठाया था लोन मोरेटोरियम का फायदा तो आपको मिलेगा कैशबैक, बाकी सबका माफ होगा ब्याज पर ब्याज
केंद्र सरकार ने लोन मोरेटोरियम पर फैसला ले ही लिया। इसके तहत लोन मोरेटोरियम की 6 माह की अवधि के दौरान कोई भी बैंक या संस्था ब्याज पर ब्याज नहीं लेगी। अगर किसी ने लोन मोरेटोरियम का विकल्प नहीं लिया था या आंशिक रूप से लिया था तो उसे भी फायदा होगा।
आखिरकार केंद्र सरकार ने लोन मोरेटोरियम पर फैसला ले ही लिया। सरकार ने फैसला किया है कि लोन मोरेटोरियम की 6 माह की अवधि के दौरान कोई भी बैंक या संस्था ब्याज पर ब्याज नहीं लेगी। अगर किसी ने लोन मोरेटोरियम का विकल्प नहीं लिया था या आंशिक रूप से लिया था तो उसे भी फायदा होगा और कैशबैक के रूप में खाते में डाला जाएगा।
कोरोना महामारी फैलते ही हुए लॉकडाउन और उससे लोगों की रोजी रोटी पर आए संकट में सरकार ने उन लोगों को राहत दी थी जो मकान, दुकान, गाड़ी, शिक्षा या किसी अन्य मद में किस्तें दे रहे थे। सरकार ने कहा था कि लोग चाहें तो तीन महीने के लिए किस्तें न चुकाएं और इस दौरान उनके खाते को एनपीए या बैड लोन या डिफॉल्टर नहीं घोषित किया जाएगा। बाद में इस छूट को तीन महीने और बढ़ा दिया गया था। इस तरह 6 महीने तक लोगों को किस्तें न चुकाने की छूट दी गई ती।
इस योजना का बहुत से लोगों ने लाभ उठाया लेकिन ऐसे लोग भी थे जिन्होंने आर्थिक दिक्कतों को बावजूद नियमित किस्तों का भुगतान किया। कुछ लोगों ने सिर्फ पहले तीन महीने के लिए ही इस योजना का लाभ उठाया। अब सरकार ने लोन पर लिए जा रहे ब्याज पर ब्याज के बारे में दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। सरकार ने कहा है कि ऐसे सभी लोगों को ब्याज पर ब्याज से छूट मिलेगी जिन्होंने लोन मोरेटोरियम का लाभ लिया है या नहीं। अच्छी खबर उन लोगों के लिए जिन्होंने इस योजना का या तो आंशिक रूप से लाभ लिया या बिल्कुल नहीं लिया। ऐसे लोगों को सरकार के दिशा निर्देशों को मुताबिक उनके खातों में कैशबैक मिलेगा।
इसका फायदा सिर्फ उन्हीं लोगों को मिलेगा जिनके ऊपर 29 फरवरी 2020 तक कुल कर्ज दो करोड़ रुपये से अधिक नहीं था। यानी यह राहत सभी कर्जदारों को मिलेगी, चाहे उन्होंने किस्त भुगतान से छह महीने की दी गई छूट का लाभ उठाया हो, या नहीं। जिन ग्राहकों ने मोरेटोरियम का लाभ नहीं उठाया था, उन्हें भी बैंक से कैशबैक मिलेगा। इस योजना के तहत घर, शिक्षा, क्रेडिट कार्ड बकाया, गाड़ी की किस्त और एमएसएमई द्वारा लिए गए कर्ज को शामिल किया गया है।
दिशा निर्देशों के मुताबितक कर्जदारों को छह महीने के सिंपल लोन इंट्रेस्ट में डिफरेंस यानी साधारण ब्याज और ब्याज पर ब्याज के अंतर का लाभ मिलेगा। यानी कर्ज पर छह महीने के लिए दी गई मोहलत के दौरान चक्रवृद्धि ब्याज यानी 'ब्याज पर ब्याज' और साधारण ब्याज के बीच अंतर के बराबर राशि का भुगतान सरकार करेगी। वित्त मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि अगर किसी उधारकर्ता ने मोरेटोरियम का लाभ नहीं उठाया और किस्त का भुगतान समय पर किया है, तो बैंक से उन्हें कैशबैक मिलेगा।
दरअसल, मोरेटोरियम अवधि के ईएमआई के भुगतान को लेकर कई सवाल उठे हैं। सुप्रीम कोर्ट में ब्याज पर ब्याज का मामला पहुंचा। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दिए हलफनामे में कहा कि वह मोरेटोरियम अवधि (मार्च से अगस्त तक) के दौरान ब्याज पर ब्याज को माफ करने के लिए तैयार हो गई है। सरकार के सूत्रों ने ब्याज की माफी की लागत करीब 6,500 करोड़ रुपये आंकी थी। सुप्रीम कोर्ट ने 14 अक्तूबर को केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि वह कोरोना महामारी के मद्देनजर रिजर्व बैंक की किस्तों के भुगतान से छूट की योजना के तहत दो करोड़ रुपये तक के कर्ज पर ब्याज माफ करने के बारे में शीघ्र निर्णय ले।
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