पंजाब में कंगना के बयान का भारी विरोध, आजादी को भीख बताने पर भड़के लोग, बताया संघ का मोहरा
लोगों का कहना है कि कंगना ने मंगल पांडे से लेकर रानी लक्ष्मीबाई, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, सुभाष चंद्र बोस सहित लाखों स्वतंत्रता सेनानियों की आजादी दिलाने में कुर्बानी को ललकारा है। अब उनको न पंजाब आने दिया जाएगा और न ही उनकी कोई फिल्म रिलीज होने दी जाएगी।
पंजाब में अभिनेत्री कंगना रनौत के उस बयान का जोरदार विरोध हो रहा है जिसमें उन्होंने कहा है कि देश को असली आजादी 2014 में मिली जब नरेंद्र मोदी सरकार सत्ता में आई, जबकि 1947 में देश को जो स्वतंत्रता मिली थी वह 'भीख' में मिली थी। उनके इस बयान पर सूबे के बुद्धिजीवियों और राजनीतिकों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
पंजाबी के सिरमौर पत्रकार जितेंदर पन्नू ने 'नवजीवन' से कहा, "कंगना ने ऐसा कहकर स्वतंत्रता आंदोलन की तमाम कुर्बानियों का अपमान किया है। असल में वह दूसरी प्रज्ञा ठाकुर बनना चाहती हैं। इस अभिनेत्री को आजादी के आंदोलन का कोई रत्ती भर भी ज्ञान नहीं। क्या वह बता सकती हैं कि शहीद भगत सिंह, करतार सिंह सराभा, राजगुरु, सुखदेव और सुभाष चंद्र बोस ने किस लिए अपने जीवन का बलिदान दिया। रनौत आरएसएस का मोहरा हैं। हमें आजादी भीख में नहीं बल्कि बड़ी कुर्बानियों से मिली है। कंगना बताएं कि क्या अटल बिहारी वाजपयी अंग्रेज हुकूमत के तहत भारत के प्रधानमंत्री थे?"
लोक मोर्चा के संयोजक और विश्व विख्यात देश भगत यादगार हाल के ट्रस्टी अमोलक सिंह के मुताबिक कंगना रनौत का बयान सरासर बेबुनियाद तो है ही, ऐतराज योग्य भी है। इसकी जितनी निंदा की जाए उतनी कम है। उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन के शहीदों का सरेआम अपमान किया है।
किसान नेता सुरेंद्रपाल सिंह कहते हैं कि, "कंगना ने शहीद मंगल पांडे से लेकर रानी लक्ष्मीबाई, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस सहित लाखों स्वतंत्रता सेनानियों की भारत को आजादी दिलाने की देन को ललकारा है। अब उनको न पंजाब आने दिया जाएगा और न ही उनकी कोई फिल्म इधर रिलीज होने दी जाएगी।"
अखिल भारतीय प्रगतिशील लेखक संघ के महासचिव प्रोफेसर सुखदेव सिंह ने कहा कि कंगना का वक्तव्य बेहद आपत्तिजनक है। उन्हें बिल्कुल ज्ञान नहीं कि 1947 की आजादी कैसे हासिल हुई। वह अब उन लोगों के साथ हैं जो भारत को फिर से अंग्रेजी हुकूमत की तरफ धकेल रहे हैं।
पंजाब के अग्रणी चिंतक-लेखक और पत्रकार दवेंद्र पाल के अनुसार कंगना रनौत ने बेहद विवादास्पद टिप्पणी की है और इसका कड़ा विरोध किया जाना चाहिए। वह कहते हैं कि यह सिलसिला काफी ज्यादा बढ़ रहा है और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार बकायदा इसे शह दे रही है।
आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक प्रिंसिपल बुधराम ने भी कंगना के बयान पर एतराज जताया है और कहा कि साजिशन वह ऐसी बयानबाजी कर रही हैं। आरएसएस और बीजेपी के इशारे पर यह सब हो रहा है।
गौरतलब है कि अभिनेत्री कंगना रनौत पंजाब में पहले से ही विवादास्पद हैं। उन्होंने एक साल से जारी किसानों के आंदोलन के खिलाफ और केंद्र के तीनों कृषि कानूनों के पक्ष में खुलकर टिप्पणियां कीं। इससे किसान उनके खिलाफ हैं। संयुक्त किसान मोर्चा के एक फैसले के मुताबिक कंगना की कोई भी फिल्म पंजाब में रिलीज नहीं होने दी जाएगी और उनको यहां आने भी नहीं दिया जाएगा। पंजाब से उन्हें कई कानूनी नोटिस भी भेजे जा चुके हैं।
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