अयोध्या में कैसे हुई जमीन की लूट और मिनटों में करोड़ों के वारे-न्यारे, जानिए भूमि ठगों की पूरी कारस्तानी

कांग्रेस ने कहा कि भगवान राम के नाम पर सारी मान-मर्यादा को ताक पर रखकर राम मंदिर के चंदे की लूट का खेल जारी है। साफ है कि भाजपाई नेताओं, उनके मित्रों और राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों द्वारा चंदा लूट का यह खेल मोदी-योगी सरकार की सरपरस्ती में खेला जा रहा है।

फोटोः विपिन
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नवजीवन डेस्क

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बीजेपी के कई नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों और उनके परिजनों द्वारा राम मंदिर के आसपास बड़े पैमाने पर जमीन खरीदने के मामले में अब केंद्र की मोदी सरकार और यूपी की योगी सरकार घिरती नजर आ रही। इस मामले के खुलासे के बाद से इसे लगातार उठा रही कांग्रेस अब हमलावर हो गई है। इस मामले पर आज कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जमीन खरीद-बिक्री से जुड़े कई दस्तावेज पेश कर जमीन लूट की पूरी साजिश को बेनकाब किया है। प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि राम मंदिर के आसपास की जितनी भी जमीनें हैं, उसकी लूट मची है। बीजेपी के नेता, अधिकारी और ट्रस्ट के लोग इस लूट में शामिल हैं।

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि अयोध्यापति मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के नाम पर सारी मान-मर्यादा को ताक पर रखकर राम मंदिर के चंदे की लूट का खेल खेला जा रहा है। साफ है कि भाजपाई नेजाओं, उनके मित्रों और राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट के सदस्यों द्वारा चंदे की लूट का यह खेल मोदी-योगी सरकारों की सरपरस्ती में खेला जा रहा है। प्रियाका गांधी ने कहा कि श्री राम मंदिर निर्माण के लिए एकत्रित हुए चंदे का घ्रणित दुरुपयोग और मंदिर की जमीन खरीदने में करोड़ों का घोटाला अब जगजाहिर है। पहले 2 करोड़ की ज़मीन को राममंदिर निर्माण ट्रस्ट को ₹26,50,00,000 (26.50 करोड़ रु.) में बेचा गया। क्या इससे बड़ा मंदिर की चंदाचोरी का कोई सबूत हो सकता है!

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बीजेपी नेताओं और अधिकारियों द्वारा राम मंदिर के आसपास बड़े पैमाने पर जमीन खरीदने के सेल डीड पेश करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि 15 नवंबर, 2017 को हवेली अवध, बाग बिजैसी, अयोध्या की 2.334 हैक्टेयर ज़मीन को महज़ूज़ आलम इत्यादि द्वारा भगोड़े अपराधी हरीश कुमार पाठक उर्फ बाबा हरीदास और उसकी पत्नी श्रीमती कुसुम पाठक को ₹2 करोड़ में बेचा गया। जबकि यह ज़मीन वक्फ़ की संपत्ति थी और इसे फ़र्ज़ीवाड़े से बेचने के बारे में रामजन्म भूमि पुलिस स्टेशन, जिला अयोध्या में 22 अप्रैल, 2018 को एफआईआर दर्ज कराई गई है।

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इसी तरह 18 मार्च, 2021 को शाम 6:51 बजे उपरोक्त में से 10,370 वर्गमीटर यानि 1.037 हैक्टेयर जमीन ₹8,00,000,000 (8 करोड़ रु.) में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को मार्फ़त सचिव श्री चंपत राय को बेच दी गई। रजिस्टर्ड सेल डीड में अनिल मिश्रा और ऋषिकेश उपाध्याय गवाह हैं। इसी बाबा हरीदास उर्फ हरीश पाठक और उसकी पत्नी कुसुम पाठक ने 18 मार्च, 2021 को ही शाम के 7:10 बजे इसमें से 1.208 हैक्टेयर (12,080वर्गमीटर) ज़मीन रजिस्टर्ड सेल डीड से रविमोहन तिवारी और सुल्तान अंसारी को ₹2 करोड़ रुपये में बेच दी। उसी समय पांच मिनट के बाद यानि 18 मार्च, 2021 को शाम 7:15 बजे यही 12,080 वर्गमीटर जमीन रवि मोहन तिवारी और सुल्तान अंसारी द्वारा श्री रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट मार्फ़त सेक्रेटरी, श्री चंपत राय को ₹18,50,00,000 (18.5 करोड़ रु.) में बेचने का रजिस्टर्ड इकरारनामा कर ट्रस्ट द्वारा ₹18.50 करोड़ का भुगतान कर दिया गया।

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प्रियंका गांधी ने कहा कि उपरोक्त दोनों रजिस्टर्ड सेल डीड में भी अनिल मिश्रा और ऋषिकेश उपाध्याय गवाह हैं। तीनों ही रजिस्टर्ड डॉक्युमेंट्स पर अनिल मिश्रा और ऋषिकेश उपाध्याय गवाह हैं। अनिल मिश्रा श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी भी हैं और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पूर्व प्रांत कार्यवाहक और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के आजीवन सदस्य हैं। इन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट का सदस्य बनाया गया है। श्री ऋषिकेश उपाध्याय अयोध्या के मेयर भी हैं और प्रमुख भाजपा नेता भी, जो प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नजदीकी हैं। दुनिया के इतिहास में 5,50,000 रुपया प्रति सेकंड के हिसाब से बढ़ने वाली जमीन की यह अनोखी कीमत है। इस पैसे का भुगतान उस धनराशि से किया गया, जो करोड़ों भारतीयों ने आस्था से मंदिर निर्माण के लिए दी थी।

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कांग्रेस नेताओं ने कहा कि चौंकाने वाली बात यह भी है कि रवि मोहन तिवारी और सुल्तान अंसारी द्वारा जमीन खरीदने के लिए स्टांप ड्यूटी जमा करवाकर ई-स्टांप सर्टिफिकेट 18 मार्च, 2021 को शाम 5:22 बजे जारी हुआ। परंतु श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट द्वारा जो जमीन रवि मोहन तिवारी और सुल्तान अंसारी से खरीदी गई, उसके लिए स्टांप ड्यूटी जमा कर ई-स्टांप सर्टिफिकेट 18 मार्च, 2021 को शाम 5:11 बजे ही जारी हो गया। यानि ट्रस्ट ने रवि मोहन तिवारी व सुल्तान अंसारी से जमीन खरीदने के लिए स्टांप ड्यूटी पहले ही जमा करवा दी थी, वो भी उस समय, जब न तो रवि मोहन तिवारी और सुल्तान अंसारी जमीन के मालिक थे और न ही उन्होंने जमीन खरीद की स्टांप ड्यूटी जमा करवा ई-स्टांप सर्टिफिकेट लिया था।

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प्रियंका गांधी और रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि इसी तरह अयोध्या के भाजपाई मेयर के भांजे ने 80 दिन में 20 लाख की ज़मीन राम मंदिर ट्रस्ट को ₹2,50,00,000 में बेची। उन्होंने कहा कि दीप नारायण उत्तर प्रदेश का भाजपा नेता है और भाजपा आईटी सेल से जुड़ा है। यह उसके फेसबुक प्रोफाईल से भी साफ है, जिसकी। दीप नारायण अयोध्या के भाजपा के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय का रिश्ते में भांजा भी लगता है। यह भी सर्वविदित है कि ऋषिकेश उपाध्याय नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ के चहेते हैं। 20 फरवरी, 2021 को दीप नारायण ने अयोध्या में ‘’हवेली अवध’’ के नाम से 890 वर्गमीटर भूमि ₹20 लाख में खरीदी। यानि भूमि का खरीद रेट ₹2,247 प्रति वर्गमीटर है, जबकि सेल डीड के मुताबिक ही भूमि का कलेक्टर रेट ₹4,000 प्रति वर्गमीटर है।

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कांग्रेस नेताओं ने कहा कि पिर 79 दिन के बाद यानि 11 मई, 2021 को बीजेपी नेता दीप नारायण ने यह भूमि श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र मार्फत चंपत राय को ₹2,50,00,000 (ढाई करोड़ रु.) में बेच दी। यानि भूमि का खरीद रेट 28,090 रु. प्रति वर्गमीटर है, जबकि सेल डीड के मुताबिक भूमि का कलेक्टर रेट 4,000 रु. प्रति वर्गमीटर है। 80 दिन में ज़मीन की कीमत 1250 प्रतिशत बढ़ गई। जो ज़मीन भाजपा नेता दीप नारायण द्वारा 2247 रुपया प्रति वर्गमीटर के भाव से खरीदी गई, वही ज़मीन 80 दिन में राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट को 28,090 प्रति वर्गमीटर के हिसाब से बेच दी गई। यह अपनेआप में सनसनीखेज़ घोटाला नहीं, तो और क्या है?

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दोनों नेताओं ने बताया कि इसी तरह भाजपाई नेता दीप नारायण ने उपहार में मुफ्त में ली 676 वर्गमीटर ज़मीन नौ महीने में राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट को एक करोड़ में बेची। 14 मई, 2020 को रामचंदर, हवेली अवध, अयोध्या में भाजपाई नेता दीपनारायण ने 676 वर्गमीटर ज़मीन हिबानामा से ली। फिर 20 फरवरी, 2021 को यानि लगभग 9 महीने बाद भाजपाई नेता दीपनारायण ने यह ज़मीन श्री राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट मार्फ़त सेक्रेटरी चंपत राय को ₹1,00,00,000 (1 करोड़ रु.) में बेच दी। इस सेल डीड में भी डॉ. अनिल कुमार मिश्र गवाह हैं। यह सेल डीड भी तहसील की रजिस्ट्री का समय खत्म होने के बाद शाम को 7:30 बजे रजिस्टर करवाया गया। योगी सरकार के मुताबिक इस ज़मीन का कलेक्टर रेट ₹4000 है, पर राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट को यह ज़मीन ₹14,793 वर्गमीटर के रेट से बेची गई। यानि कलेक्टर रेट से 350 प्रतिशत अधिक। गड़बड़झाला साफ है।

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प्रियंका गांधी ने पूछा कि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री आदित्यनाथ राम मंदिर निर्माण में चंदे की इस लूट पर चुप क्यों हैं? क्या राम मंदिर निर्माण में ‘चंदाचोरी’ की जांच होगी और क्या दोषियों को सजा मिलेगी? क्या राम मंदिर ट्रस्ट के सचिव चंपत राय और ट्रस्टी अनिल मिश्रा की जांच होगी? क्या अयोध्या के भाजापाई मेयर, भाजपाई विधायकों और इनके नेताओं की जांच होगी? क्या सुप्रीम कोर्ट राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट में हो रही चंदे की हेराफेरी का संज्ञान लेगा?

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