नहीं थम रहा महापुरुषों के अपमान का सिलसिला, बीजेपी शासित राज्यों में अंबेडकर और बोस की मूर्तियों पर हमला
त्रिपुरा से शुरू हुआ मूर्तियों को तोड़ने का सिलसिला लगातार जारी है। लेनिन, पेरियार, गांधी के बाद अब बाबा साहेब अंबेडकर और सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमाओं के अपमान की घटना सामने आई है।
लेनिन, महात्मा गांधी, पेरियार, श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बाद अब भीमराव अंबेडकर और सुभाष चंद्र बोस की मूर्तियों के अपमान का मामला सामने आया है। इन दोनों महापुरुषों की मूर्तियों पर हमला बीजेपी शासित राज्यों में हुआ है। पहली घटना उत्तराखंड की है, जहां हरिद्वार जिले के एक गांव में कुछ असामाजिक तत्वों ने संविधान निर्माता बाबा साहब अंबेडकर की मूर्ती तोड़ने को क्षतिग्रस्त कर दिया। जिले के एक पुलिस अधिकारी ने इस घटना की पुष्टी करते हुए बताया कि कुछ असामाजिक तत्वों ने अंधेरे का फायदा उठाकर कानहावाली गांव में अंबेडकर की मूर्ति को क्षतिग्रस्त किया है। पुलिस ने बताया कि पहले भी यहां अंबेडकर की मूर्ति को क्षतिग्रस्त किया जा चुका है। पुलिस अधिकारी ने कहा, "हम घटना के जिम्मेदार तत्वों की तलाश कर रहे हैं।"
वहीं दूसरी घटना के तहत, बीजेपी शासित मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में उपद्रवियों ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा को निशाना बनाया है। खबरों के अनुसार, जबलपुर के श्रीनाथ तलैया इलाके में कुछ अराजक तत्वों ने नेताजी की प्रतिमा को लाल रंग से पोत दिया। घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन जागा और स्थानीय पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी। फिलहाल, प्रतिमा के साथ छेड़छाड़ करने वाले का पता नहीं चल सका है। स्थानीय लोगों का दावा है कि शहर में इससे पहले कभी भी प्रतिमाओं के साथ छेड़छाड़ करने की घटना सामने नहीं आई थी।
पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत के बाद राज्य में लेनिन की दो मूर्तियों को ढहा दिया गया था, जिसके बाद राज्य में कई स्थानों पर हिंसा की घटनाएं भी हुई थीं। वामदलों ने बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हमले का आरोप लगाया था। त्रिपुरा के बाद तमिलनाडु में पेरियार की प्रतिमा को तोड़ने की घटना सामने आई। फिर पश्चिम बंगाल में जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी की एक प्रतीमा को कुछ लोगों ने क्षतिग्रस्त कर दिया। अभी इन सब घटनाओं पर विवाद थमा भी नहीं था कि उपद्रवियों द्वारा केरल में महात्मा गांधी की मूर्ति को नुकसान पहुंचाने का मामला सामने आया।
इन घटनाओं पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई थी। पीएम मोदी ने ऐसी घटनाओं पर अविलंब रोक लगाने की बात कही थी। खबरों के अनुसार, पीएम की कड़ी प्रतिक्रिया के बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने खुद संबंधित राज्यों के पार्टी प्रमुखों से बात की थी और उन्हें पार्टी कार्यकर्ताओं को नियंत्रित करने की सख्त चेतावनी दी थी। लेकिन इन सबके बावजूद बीजेपी शासित राज्यों में देश के महापुरुषों की मूर्तियों के अपमान का सिलसिला जारी है।
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