10 माह से जारी लॉकडाउन के बावजूद घाटी में फिर सक्रिय हुआ हिजबुल, खुफिया रिपोर्ट में 10 दिन में हमले की योजना

घाटी में हिजबुल का नेतृत्व कर रहे उसके शीर्ष कमांडर रियाज नाइकू को इस महीने की शुरुआत में उसके घर से कुछ मिनटों की दूरी पर एक मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने ढेर कर दिया गया था। खुफिया एजेंसियों के अनुसार आतंकी समूह ने अब नाइकू की मौत का बदला लेने की योजना बनाई है।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

कश्मीर घाटी में सुरक्षा बलों ने हाल के दिनों में आतंकी समूह हिजबुल मुजाहिदीन के शीर्ष कमांडरों समेत कई आतंकवादियों को ढेर करके बड़ी सफलता हासिल की है। लेकिन खुफिया एजेंसियों को सूचना मिली है कि यह संगठन फिर से सक्रिय हो रहा है और उसने घाटी में 10 दिनों के अंदर कई आतंकी हमलों को अंजाम देने की योजना बनाई है।

खुफिया एंजेसियों का कहना है कि आतंकी समूह बड़े पैमाने पर आतंकी हमले को अंजाम देने की योजना बना रहे हैं और वे सुरक्षा बलों को निशाना बनाएंगे। एजेंसियों ने कहा कि कमजोर पड़ रहे हिजबुल का मुख्य लक्ष्य घाटी में विभिन्न स्थानों पर तैनात सुरक्षा बलों पर हमला करने के साथ ही उनके हथियारों को लूटना का भी है।

दरअसल आतंकी समूह ने नाइकू की मौत का बदला लेने की योजना बनाई है। घाटी में हिजबुल का नेतृत्व कर रहे उसके शीर्ष कमांडर रियाज नाइकू (35) को 6 मई को सुरक्षा बलों ने उसके घर से कुछ मिनटों की दूरी पर एक मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया। वह पुलवामा जिले के बेगपुरा इलाके में सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा किए गए एक आतंकवादी-विरोधी अभियान के दौरान मारा गया था। इस खतरनाक आतंकवादी के सिर पर 12 लाख रुपये का इनाम रखा गया था। इसने जब कश्मीर में हिजबुल मुजाहिदीन की कमान संभाली, वह तभी से खतरा बना हुआ था।

खुफिया एजेंसियों ने कहा कि वे कोविड-19 संकट के बीच स्थानीय युवाओं को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि दक्षिण कश्मीर से हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों का एक समूह किश्तवाड़ पहुंचा है। खुफिया एंजेसियों ने कहा कि इलाके में हिजबुल कैडर की कमान संभालने के लिए हिजबुल आतंकी अशरफ मौलवी अनंतनाग से किश्तवाड़ जा पहुंचा है।

एजेंसियों ने कहा कि वे अपने स्वार्थी उद्देश्यों के लिए स्थानीय युवाओं को बरगलाने की योजना बना रहे हैं। इसके अलावा वे आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के दौरान पथराव करने वालों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल करने की भी योजना बना रहे हैं। इंटेलिजेंस ब्यूरो ने अलर्ट करते हुए कहा है कि बंधक बनाने वाली स्थिति की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।

खुफिया एजेंसी के अनुसार, हिजबुल के पांच आतंकवादियों को गुरेज के पास देखा गया है और वे बहुत जल्द जम्मू-कश्मीर घाटी में घुसने की कोशिश कर सकते हैं। इंटेलिजेंस ब्यूरो ने इसके लिए भी चेताया है कि पाकिस्तान की बैटल एक्शन टीम (बीएटी) की ओर से नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर विभिन्न भारतीय सेना की चौकियों पर हमला करने की तैयारी की गई है। इसके अलावा एजेंसी ने कहा है कि कृष्णा घाटी और नौशेरा सेक्टरों में आतंकवादियों के दो समूहों द्वारा चौकियों पर हमला करने की भी संभावना है।

गौरतलब है कि बीते साल अगस्त में संविधान से जम्मू-कश्मीर को विशेष अधिकार देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेश में विभाजित करने के बाद से राज्य में लॉकडाउन जारी है। पूरे कश्मीर घाटी में भारी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती के साथ मोबइल और इंटरनेट बंद कर दिए गए थे। तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत हजारों नेताओं राजनीतिक कार्यकर्ताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं समेत कई पत्रकारों को भी या तो हिरासत में रखा गया है या गिरफ्तार कर लिया गया है।

इस दौरान बड़े पैमाने पर ऑपरेशन चलाकर सुरक्षाबलों ने कई आतंकियों को मारने का दावा किया है। इन सबके बावजूद इतनी अचूक सुरक्षा में हिजबुल मुजाहिदीन का फिर से घाटी में सक्रिय होना और खतरनाक हमले की योजना बनाना काफी गंभीर है।

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