किसान महापंचायत से हिन्दू-मुस्लिम सौहार्द्र को मिली मजबूती, बीजेपी की नफरत से बोयी राजनीतिक जमीन खिसकीः मायावती
मायावती ने कहा कि मुजफ्फरनगर में हुई किसानों की जबरदस्त महापंचायत में हिन्दू-मुस्लिम साम्प्रदायिक सौहार्द के लिए अति-सराहनीय प्रयास हुए। इससे निश्चय ही 2013 में हुए भीषण दंगों के गहरे जख्मों को भरने में थोड़ी मदद मिलेगी, किन्तु यह बहुतों को असहज भी करेगा।
बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की अध्यक्ष मायावती ने रविवार को मुजफ्फरनगर में हुई किसान महापंचायत के लेकर बीजेपी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि किसान पंचायत में हिन्दू-मुस्लिम साम्प्रदायिक सौहार्द के लिए किया गया प्रयास अति-सराहनीय कदम है। इससे मुजफ्फरनगर दंगों के गहरे जख्मों को भरने में थोड़ी मदद मिलेगी।
बीएसपी प्रमुख मायावती ने सोमवार को ट्वीट के माध्यम से लिखा कि यूपी के मुजफ्फरनगर जिले में कल हुई किसानों की जबरदस्त महापंचायत में हिन्दू-मुस्लिम साम्प्रदायिक सौहार्द के लिए भी प्रयास अति-सराहनीय। इससे निश्चय ही 2013 में समाजवादी पार्टी की सरकार में हुए भीषण दंगों के गहरे जख्मों को भरने में थोड़ी मदद मिलेगी, किन्तु यह बहुतों को असहज भी करेगी।
पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे लिखा कि किसान देश की शान हैं और हिन्दू-मुस्लिम भाईचारा के लिए मंच से साम्प्रदायिक सौहार्द के लिए लगाए गए नारों से बीजेपी की नफरत से बोयी हुई उनकी राजनीतिक जमीन खिसकती हुई दिखने लगी है और मुजफ्फरनगर ने समाजवादी पार्टी के दंगा-युक्त शासन की भी याद लोगों के मन में ताजा कर दी है।
इससे पहले मायावती ने पार्टी से निष्कासित लोगों के चंदा वसूलने पर नाराजगी जताते हुए कहा है कि ऐसे लोगों से सावधान रहने की जरूरत है। उन्होंने लिखा कि बीएसपी मूवमेंट की सर्वजन हिताय और सर्वजन सुखाय की सोच से भटकाव आदि के कारण पार्टी से निष्कासित पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयप्रकाश का इन दिनों बहन जी को मुख्यमंत्री बनाने के नाम पर जगह-जगह घूमकर लोगों से चंदा आदि वसूलना घोर अनुचित है। ऐसे अन्य सभी लोगों से सावधान रहने की अपील है।
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