हिमाचल चुनाव: प्रचार में राज्य की बात तक नहीं कर रही BJP, काशी-अयोध्या और महाकाल के नाम पर मांग रही है वोट
हिमाचल प्रदेश की फैशन नगरी और छोटी काशी के नाम से विख्यात मंडी जिले की 10 विधानसभा सीटों में से अधिकांश में भारतीय जनता पार्टी मुश्किल में बताई जा रही है।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिले मंडी में ही बीजेपी गहरी मुश्किल में फंसी है। दिलचस्प यह है कि बीजेपी यहां देश के सांस्कृतिक पुररुत्थान के नाम पर वोट मांग रही है। वह काशी विश्वनाथ, उज्जैन के महाकालेश्वर और श्री राम जन्मभूमि की बात कर देवभूमि में नया रिवाज बनाने की बात कर रही है, लेकिन छोटी काशी (मंडी) का कहीं उल्लेख तक नहीं है। हिमाचल की कोई बात तक नहीं है। इससे भी आश्चर्य की बात यह है कि प्रधानमंत्री की तस्वीर लगे इन पोस्टरों में जयराम ठाकुर की फोटो भी नहीं है। अपने ही मुख्यमंत्री की उसके गृह जिले तक में इन पोस्टरों से तस्वीर गायब होने को मंडी के लोग पचा नहीं पा रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश की फैशन नगरी और छोटी काशी के नाम से विख्यात मंडी जिले की 10 विधानसभा सीटों में से अधिकांश में भारतीय जनता पार्टी मुश्किल में बताई जा रही है। कभी पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम का किला रहे मंडी सदर में उनके बेटे अनिल शर्मा की हालत भी अच्छी नहीं है। मंडी के लोगों को इस बात पर सबसे ज्यादा आश्चर्य है कि बीजेपी न तो हिमाचल की बात कर रही है और न मंडी की। पोस्टरों में बीजेपी कह रही है कि श्री राम जन्मभूमि में अलौकिक मंदिर का निर्माण हो रहा है। उज्जैन में श्री महाकालेश्वर मंदिर को मिला श्री महाकाल लोक का दिव्य स्वरूप। श्री काशी विश्वनाथ धाम का हुआ भव्य पुनरुद्धार। इसके आधार पर वह नया रिवाज बनाने और फिर बीजेपी को लाने की बात कर रही है। एक दूसरे पोस्टर में बीजेपी कह रही है कि आपके वोट की ताकत से देश का हो रहा सांस्कृतिक पुनरुत्थान। लोग हैरान इस बात से हैं कि जिस प्रदेश में चुनाव हो रहा है उसकी तो बात ही करना बीजेपी को गवारा नहीं है। उससे भी ज्यादा आश्चर्यजनक यह कि जिस मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य में बीजेपी ने 5 साल सरकार चलाई उन जयराम ठाकुर के गृह जिले में भी उनकी तस्वीर तक लगाना इन पोस्टरों में बीजेपी ने मुनासिब नहीं समझा। लोगों का कहना है कि इसका मतलब है कि बीजेपी जानती है कि पिछले 5 साल में उसने ऐसा कोई कार्य नहीं किया, जिसे हिमाचल के लोगों को बताया जा सके। तभी तो इन पोस्टरों में पीएम के साथ अपने सीएम की तस्वीर तक लगाने में उसे शर्म आ रही है। बीजेपी मुश्किल में है यही वजह है कि 20-25 किमी के अंतर में मंडी और सुंदर नगर में प्रधानमंत्री मोदी दो रैली कर चुके हैं। लोग इसका मजाक भी बना रहे हैं। लोग कह रहे हैं कि ऐसा क्या हो गया कि 20-20 किमी के दायरे में प्रधानमंत्री जैसे शीर्ष पद पर बैठे व्यक्ति को रैली करनी पड़ रही है। लोगों के बीच मुद्दों की फेहरिस्त भी लंबी है।
देश की आजादी से पहले से लाहौरिया दी हट्टी के नाम से मंडी शहर के केंद्र में मिष्ठान भंडार चला रहे संजीव कुमार कहते हैं कि मंडी के लोग बेवकूफ नहीं हैं। देश के सबसे शिक्षित राज्य केरल की तरह मंडी भी बेहद शिक्षित शहर है। हम सब समझते हैं। संजीव कुमार कहते हैं कि रोजी-रोजगार के हालात कभी इतने खराब नहीं रहे। बेशक, कोई कुछ बोल नहीं रहा, लेकिन लोगों में अंडर करंट है। मंडी के भूत नाथ बाजार में कृपा राम दी हट्टी के मालिक राकेश कुमार कहते हैं कि मंडी में न प्रचार गाड़ियों का शोर है और न इतनी चुनावी गहमागहमी है। इस उदासीनता की वजह लोगों की सरकार से नाराजगी है। लोगों ने मन में बैठा लिया है कि किसे अपना मत देना है। राकेश कुमार कहते हैं कि मंडी में सत्ताधारी दल के लिए एक नहीं कई मुश्किलें हैं। एक तो प्रवीण शर्मा बीजेपी के बागी उम्मीदवार हैं। इसके अलावा आजाद उम्मीदवार श्यामलाल भी बीजेपी के बागी हैं। वह जिला परिषद के चेयरमैन भी रहे हैं। पंडित सुखराम के पैत्रक गांव कोटली से भी एक सेना से रिटायर्ड आजाद प्रत्याशी मैदान पर हैं। सुखराम परिवार के ही वोट वह काटेगा, जो अनिल शर्मा के लिए मुसीबत और बढ़ाएगा। मंडी में वूलन कारोबारी नसीब कहते हैं कि ओल्ड पेंशन स्कीम का मसला इस सरकार को ले डूबेगा। हिमाचल में रोजगार का सबसे बड़ा जरिया सरकारी नौकरी है। जाहिर है कि इनकी तदाद इतनी है कि सरकारी कर्मचारी ही प्रदेश में सरकार बनाते और गिराते हैं। नसीब प्रधानमंत्री पर भी सवाल उठाते हुए कहते हैं कि वह कैसे पीएम हैं कि एक बागी प्रत्याशी को मनाने के लिए खुद फोन कर रहे हैं। मोदी जी ने प्रधानमंत्री के पद का मजाक बना दिया है। बीजेपी प्रत्याशी अनिल शर्मा को लेकर वह कहते हैं कि पंडित सुखराम के परिवार के आया राम और गया राम की राजनीति से लोग खफा हैं। मंडी के मशहूर भूतनाथ मंदिर के पुजारी बिनोद कुमार कहते हैं कि हमने तो सरकार से कभी कोई फायदा लिया नहीं। शहर में चुनाव को लेकर खामोशी का मतलब है कि लोगों ने तय कर लिया है कि क्या करना है। मंडी के मुख्य गांधी चौक पर 70 साल से हॉकर का काम कर रहे अरुण अवस्थी कहते हैं कि हिमाचल में रिवाज नहीं बदलना चाहिए। यह इस सरकार के जाने का वक्त है। बल्ह विस के रिवाल्सर निवासी गुलाब चंद अग्निवीर स्कीम को लेकर कहते हैं कि इससे 4 साल में युवा बेकार होकर क्या करेंगे। 21 लाख अगर उन्हें मिल भी जाएंगे तो लोग उन्हें खा-पीकर बराबर कर देंगे। इसके बाद वह गुंडागर्दी करेंगे। द्रंग विस के पधर निवासी 40 वर्षीय लाल सिंह कहते हैं कि इन्होंने कहा था कि परिवार के एक सदस्य को नौकरी देंगे। हमारे यहां तो किसी को नहीं मिली। हम तो धक्के खाते-खाते ओवरएज भी हो गए। जोगिंदर नगर में दुकानदार रमेश चंद बेहद गंभीरता से सवाल उठाते हुए कहते हैं कि बीजेपी को यदि सरकार जाने का डर नहीं है तो छोटे से राज्य में उसके 15 हेलीकॉप्टर क्यों घूम रहे हैं। पीएम से लेकर केंद्र के सारे मंत्री क्यों शहर-शहर चक्कर लगा रहे हैं। अगर 5 साल में काम किया है तो इस तरह पूरे प्रदेश में घूमने की क्या जरूरत पड़ी है। रमेश चंद एक और गंभीर सवाल उठाते हुए कहते हैं कि ये राजा-रानी के पीछे पड़े हैं और उधर मां-बेटे के पीछे पड़े हैं। राजनीतिक पार्टी हो तो वैचारिक तौर पर लड़ो। किसी पर व्यक्तिगत हमला करने की क्या जरूरत है। वह कहते हैं कि यह ठीक नहीं है। बीजेपी दिग्गजों द्वारा हिमाचल में हिमाचल की ही बात न करना देवभूमि के लोगों को खटक रहा है, जिसकी कीमत उसे बेहद महंगी चुकानी पड़ सकती है।
4 सिटिंग विधायकों के टिकट काटने के बाद भी सत्ता विरोधी रुझान
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के 10 विधानसभा क्षेत्रों में से 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस खाता तक नहीं खोल पाई थी, लेकिन इस बार तस्वीर बदली दिख रही है। करसोग, बल्ह, सुंदरनगर, सरकाघाट, द्रंग, मंडी जोगिंद्रनगर में बीजेपी बुरी तरह फंसी है। मुख्यमंत्री के विस क्षेत्र सराजको छोड़कर नाचन और धर्मपुर में भी सब कुछ ठीक नहीं है। धर्मपुर से निवर्तमान विधायक और कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर की बेटी ने बगावत कर दी थी। सत्ता विरोधी रुझान रोकने के लिए बीजेपी ने मंडी जिले में इस बार 4 सिटिंग विधायकों के टिकट काटे हैं। सुंदरनगर में बीजेपी से बागी अभिषेक ठाकुर ने भगवा खेमे को गहरी चिंता में डाल रखा है। मंडी में पंडित सुखराम को श्रंद्धांजलि के नाम पर अनिल शर्मा वोट मांग रहे हैं। मंडी में पंडित सुखराम का परिवार 1966 से 2017 तक 11 बार चुनाव जीत चुका है, लेकिन इस बार अनिल शर्मा के लिए पहाड़ की चढ़ाई बेहद मुश्किल नजर आ रही है। उनकी आया राम, गया राम की राजनीति भी लोगों को नहीं भा रही है। मंडी से बीजेपी के बागी प्रवीण शर्मा पार्टी में प्रदेश के मीडिया प्रभारी, प्रदेश सचिव और प्रदेश चुनाव प्रचार समिति के संयोजक रह चुके हैं। मंडी में राजपूत वोटर सबसे अधिक है। कांग्रेस से यहां पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कौल सिंह ठाकुर की बेटी चंपा ठाकुर मैदान में हैं। जोगिंद्रनगर में टिकट कटने से पूर्व मंत्री गुलाब सिंह ठाकुर नाराज हैं।
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