कोलकाता: कालीपूजा-दिवाली पर HC ने पटाखे जलाने पर लगाई रोक, केवल मोम और तेल के दीपक का कर सकते हैं इस्तेमाल
न्यायालय ने कोरोना महामारी के बीच वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए पटाखों की बिक्री और उनके उपयोग पर रोक लगाने का आदेश दिया है। केवल मोम या तेल के दीपक जलाने की ही अनुमति दी गई है।
महाराष्ट्र और दिल्ली के बाद अब कोलकत्ता हाईकोर्ट ने काली पूजा, दिवाली और राज्य के सभी उत्सवों के दौरान पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है। आपको बता दें, कोर्ट ने शुक्रवार को ये आदेश दिया है। न्यायालय ने कोरोना महामारी के बीच वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए पटाखों की बिक्री और उनके उपयोग पर रोक लगाने का आदेश दिया है। केवल मोम या तेल के दीपक जलाने की ही अनुमति दी गई है।
न्यायमूर्ति सब्यसाची भट्टाचार्य और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध रॉय की खंडपीठ ने पुलिस को निर्देश दिया कि प्रतिबंध का उल्लंघन करते हुए कोई व्यक्ति पाया जाता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की जाए और पटाखे जब्त कर लिये जाएं। इस आदेश ने पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एक हालिया अधिसूचना को निष्प्रभावी कर दिया है जिसमें दिवाली और काली पूजा पर सीमित समय के लिए ‘ग्रीन’ पटाखे चलाने की अनुमति दी गयी थी। पीठ ने आतिशबाजी पर रोक लगाने के अनुरोध वाली याचिका पर यह आदेश सुनाया है। इसके बाद अब दीपावली और अन्य त्योहारों पर पटाखों का इस्तेमाल गैरकानूनी माना जाएगा।
पटाखा निर्माताओं के एक संघ की ओर से पेश अधिवक्ता श्रीजीब चक्रवर्ती ने नवंबर 2020 में एक सर्वोच्च न्यायालय का हवाला दिया, जिन्होंने पटाखों की बिक्री और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के तेलंगाना उच्च न्यायालय के एक आदेश को रद्द कर दिया था और ग्रीन पटाखों के उपयोग की अनुमति दी थी। उन्होंने प्रमाणन प्राधिकरण, राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान द्वारा अधिकृत केवल ग्रीन पटाखों के उपयोग की अनुमति की मांग की।
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