यह है श्रीनगर का आंखों देखा हाल : ‘उन्होंने हमारा ताज छीन लिया, अब नई पीढ़ी को कैसे समझाएंगे’
केंद्र की मोदी सरकार द्वारा धारा 370 हटाए जाने के बाद वहां के हालात को लेकर वास्वतिक तस्वीर जानने की जिज्ञासा सबमें है। ऐसे में एक रिपोर्टर ने वहां की आंखों देखी अपने ट्विटर पर बयां की है।
कश्मीर के हालात कैसे हैं? यह जिज्ञासा सभी के मन में है। जो भी खबरें और तस्वीरें-वीडियो आदि सामने आ रहे हैं, उससे कश्मीर की वास्तविक स्थिति सामने आने के बजाय प्रचार ज्यादा लगता है। द हिंदू की रिपोर्टर विजेता सिंह ने आज सुबह कश्मीर का घाटी का दौरा किया, और कुछ जानकारियां और तस्वीरें आदि अपने ट्विटर पर पोस्ट की हैं, जिनसे हालात का कुछ-कुछ वास्तविक अनुमान लगाया जा सकता है।
विजेता ने ट्वीट की सीरीज़ में कश्मीर के हालात बयां किए हैं। उन्होंने श्रीनगर में लोगों से हुई बातचीत के हवाला दिया है। एक श्रीनगर वासी का कहना था कि, “उन्होंने हमारा ताज छीन लिया है। हम 90 जैसे हालात नहीं चाहते, लेकिन फिलहाल हालात ऐसे हैं कि लोग राशन कार्ड के बजाए बंदूक का सहारा लेंगे।”
वहीं एक अन्य ने कहा कि, “वे देश के दूसरे हिस्सों में महिलाओं की रक्षा नहीं कर पाए और वे हमारी हिफाज़त करना चाहते हैं।” धारा 370 के बारे में लोगों ने कहा कि केंद्र गरीबी की बात करती है? श्रीनगर में सबके पास अपना घर है। एक और स्थानीय नागरिक ने विजेता सिंह को बताया कि, “मुझे नहीं पता कि 370 के फायदे-नुकसान क्या हैं, लेकिन जिस तरीके से इसे हटाया गया, वह सही नहीं था। आपने नेताओं को जेल में डाल दिया, संचार सेवाएं ठप्प कर दीं, किसी से राय-मशविरा नहीं किया और कहते हो कि यह हमारे लिए अच्छा है।”
विजेता सिंह लिखती हैं कि, “सिवाए एक व्यक्ति के मुझे कोई ऐसा नहीं मिला जिसने केंद्र द्वारा 370 हटाने का समर्थन किया हो। जिस व्यक्ति ने विरोध किया उसका कहना था कि, हमने बहुत खून-खराबा देख लिया, हम, इसे दोहराना नहीं चाहते, लेकिन नई पीढ़ी को ये सब कैसे समझाएंगे?”
विजेता सिंह के मुताबिक ये सारे हालात और बयान श्रीनगर शहर के हैं। घाटी के बाकी हिस्सों में क्या हो रहा है, इसका अंदाज़ा नहीं लगाया जा सकता क्योंकि बाकी हिस्से की किलेबंदी कर दी गई है। उन्होंने लिखा कि, “मैं अपने संवाददाता तक से नहीं मिल पाई क्योंकि वह उसी इलाके में रहता ह।”
बाहरी दुनिया से भी श्रीनगर के लोगों का संपर्क लगभग कटा हुआ है क्योंकि न्यूज चैनल ब्लॉक कर दिए गए हैं और सिर्फ म्यूजिक चैनल ही टीवी पर दिख रहे हैं। दिल्ली के चैनल ही खबरें दिखा रहे हैं और सिर्फ उसी से उन्हें सारी सूचनाएं मिल रही है। लोगों का कहना है कि इन चैनलों पर एक भी सूचना सही नहीं दिखाई गई है। स्थानीय पत्रकारों के कैमरों से वीडियो डिलीट करा दिया गया है।
विजेता सिंह के मुताबिक जब उन्होंने एक युवा से पूछा कि जब उसने एनएसए अजित डोवाल को स्थानीय लोगों के साथ मिलते देखा तो कैसा लगा, उसका जवाब था, “वह कौन है। मैंने देखा था कि कोई स्थानीय लोगों से मिल रहा है।“
जरूरत की चीजों की सप्लाई के बारे में विजेता सिंह लिखती हैं कि डीज़ल आसानी से मिल रहा है और बड़ी टैक्सियां शहर में चल रही हैं। लोगों के पास ज्यादातर छोटी कारें हैं और वे ज्यादातर पेट्रोल पर चलती हैं, इसलिए पेट्रोल सिर्फ आधी रात के बाद एक-दो घंटे के लिए ही मिलता है। सरकारी वाहन इक्का-दुक्का ही हैं और लोग सड़क पर आने के बाद किसी से लिफ्ट लेकर ही इधर-उधर जा पा रहे हैंय़
विजेता सिंह ने लिखा है कि, आम लोगों को शहर में आने-जाने के लिए पास दिए गए हैं, जो कि धारा 144 के हैं और डीएम दफ्तर में नोटिस लगा दिया गया है कि कर्फ्यू पास नहीं दिए जाएंगे।
इसके अलावा शहर में जगह-जगह कंटीले तारों को बिछा दिया गया है। विजेता सिंह लिखती हैं कि अगर आपने कंटीले तारों को नहीं देखा है, तो श्रीनगर में आपको यह हर तरफ देखने को मिल जाएंगे।
उन्होंने लिखा है कि श्रीनगर में कई जगह हेल्पलाइन लगाई गई हैं। जहां स्थानीय लोग अपनों से बात करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसी ही एक महिला हरविंदर कौर से विजेता सिंह की मुलाकात हुई जो अपने बेटे तक अपनी खैरियत की सूचना भेजना चाहती थी और उसके केबल कनेक्शन को रिचार्ज कराना चाहती थी। इस महिला का बेटा जम्मू में है। जब विजेता सिंह ने उससे बात की तो उसका कहना था कि जम्मू में इंटरनेट बंद है और वह पठानकोट पहुंचकर ही केबल रिचार्ज करा पाएगा। वह पठानकोट में नौकरी करता है।
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Published: 10 Aug 2019, 5:00 PM