झारखंड: कोरोना महामारी में लोगों का मददगार बना हेल्पलाइन नंबर 104, बड़ी संख्या में मरीजों ने फोन कर मांगी सहायता
झारखंड में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में अब कमी आने लगी है। कोरोना की दूसरी लहर में जब संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ रही थी और अस्पताल में बेड तक के लिए आपधापी मची थी, उस समय सरकार द्वारा जारी हेल्पलाइन लोगों के लिए काफी मददगार बना।
झारखंड में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में अब कमी आने लगी है। कोरोना की दूसरी लहर में जब संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ रही थी और अस्पताल में बेड तक के लिए आपधापी मची थी, उस समय सरकार द्वारा जारी हेल्पलाइन लोगों के लिए काफी मददगार बना।
इस दौरान हेल्पलाइन नंबर 104 के अलावा अन्य हेल्पलाइन सेवाएं मरीजों एवं उनके परिजनों तक चिकित्सा से जुड़ी जानकारियों को पहुंचाने में सहायक बनी। बड़ी संख्या में मरीजों ने इन नंबरों पर फोन कर सहायता मांगी। इसके अतिरिक्त होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों को भी हेल्पलाइन नंबरों से मदद पहुंचाई गई।
झारखंड राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से मिले आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में 25 मई तक सरकार द्वारा जारी सभी हेल्पलाइन नम्बरों से कोरोना से संबंधित पूछताछ करनेवाले की संख्या 1,06,408 थी।
इन लोगों तक चिकित्सा से संबंधित जरूरी सूचनाएं पहुंचाई गईं। सरकार की ओर से कई एजेंसियों द्वारा मरीजों को फोन पर सूचनाएं पहुंचाई गई। इनमें 104 नंबर हेल्पलाइन से 14,493 तो, अन्य हेल्पलाइन नम्बरों से लोगों को सूचना देने के लिए किए गए कुल कॉल की संख्या 2,86,726 से अधिक रही।
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी बताते हैं कि इसके अलावा मरीजों की ओर से बड़ी संख्या में हेल्पलाइन नंबरों पर फोन कर जानकारी मांगी गई। उन्हें फोन पर जरूरी सूचनाएं और सहायता उपलब्ध कराई गईं। सुरक्षा पोर्टल में कोरोना से संबंधित जानकारियों के लिए 45,802 से अधिक एंट्री दर्ज हुई।
सरकार का दावा है कि होम आइसोलेशन में रहने वाले 91,442 होम आइसोलेशन किट का वितरण किया गया है।
राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध सेवाओं के तहत लोगों को वीडियो कॉल करने की भी सुविधा दी गई। रांची में 6,646 से अधिक मरीजों ने वीडियो कॉल से जरूरी चिकित्सकीय जानकारी हासिल की। वहीं जिला स्तर पर भी 19,032 से अधिक लोगों ने वीडियो कॉल कर जरूरी जानकारी प्राप्त की। इसके लिए 35 चिकित्सकों ने वीडियो कॉल से लोगों को चिकित्सीय परामर्श दिया।
अधिकारी ने बताया कि लोगों को जानकारी उपलब्ध कराने के लिए एसएमएस का भी सहारा लिया गया। 57, 575 से अधिक एसएमएस लोगों के मोबाइल पर भेजे गए। साथ ही 3,14,943 इंटरएक्टिव वायस रिसपांस (आईवीआर) का उपयोग कर लोगों को जानकारी दी गई।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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