बिहार में हड़ताली जूनियर डॉक्टरों के आगे बेबस हुई नीतीश सरकार, ‘नो वर्क-नो पे’ का सिद्धांत लागू किया

बिहार के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के करीब 1,000 जूनियर डॉक्टर तीन दिनों से स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं, जिससे राज्य की पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। अस्पतालों में मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

फोटोः IANS
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नवजीवन डेस्क

बिहार में सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में जारी जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के आगे नीतीश सरकार पूरी तरह बेबस हो गई है। राज्य में पिछले तीन दिनों से जारी हड़ताल को खत्म कराने की सारी कवायद बेकार साबित हुई है। अब थक-हार कर नीतीश सरकार जूनियर डॉक्टरों को वेतन काटने का डर दिखाया है। शुक्रवार को नीतीश सरकार ने पीजी छात्रों के कार्य बहिष्कार की अवधि में उनके स्टाइपेंड से 'नो वर्क-नो पे' के सिद्धांत के आधार पर कटौती करने का आदेश दिया है।

बिहार के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के करीब 1,000 जूनियर डॉक्टर तीन दिनों से स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं, जिससे राज्य की पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से राज्य के सभी 9 सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई मरीज इलाज के अभाव में लौट रहे हैं, कई ऑपरेशन की तारीख टालनी पड़ी है।

इस बीच सरकार ने अब इस हड़ताल को लेकर सख्त रुख दिखाया है। स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव कौशल किशोर ने शुक्रवार को सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के प्राचार्य और अधीक्षकों को आदेश जारी कर कहा कि पीजी छात्रों के कार्य बहिष्कार की अवधि में उनके स्टाइपेंड से 'नो वर्क-नो पे' के सिद्धांत के आधार पर कटौती की जाए। आदेश में लिखा गया है कि यदि किसी पीजी छात्र द्वारा ओपीडी, ऑपरेशन, इमरजेंसी इत्यादि किसी भी अनिवार्य चिकित्सीय सेवा को बाधित किया जाता है, तो उनके खिलाफ वांछित कानूनी कार्रवाई की जाए।

इस पर पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल के जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन (जेडीए) के अध्यक्ष डॉ. हरेंद्र कुमार ने कहा कि जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल उनकी मांगें पूरी होने तक जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने ही जेडीए को भरोसा दिलाया था कि प्रत्येक तीन वर्ष पर उनकी स्टाइपेंड में बढ़ोतरी की जाएगी। इस आदेश के अनुसार, 2020 के जनवरी महीने में ही स्टाइपेंड में वृद्धि हो जानी चाहिए थी, लेकिन अब तक वृद्धि नहीं हुई है।

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