भारी बारिश से उत्तराखंड में आफत, श्रद्धालुओं को केदारनाथ यात्राो स्थगित करने की सलाह, अब तक 12 लोगों की मौत
मौसम विभाग के अनुसार, बीते 24 घंटों में अकेले देहरादून में 172 मिमी और हरिद्वार के रोशनाबाद में सर्वाधिक 210 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि रायवाला में 163, हल्द्वानी में 140, हरिद्वार में 140, रूड़की में 112 और धनोल्टी में 98 मिमी बारिश दर्ज की गई।
उत्तराखंड में बुधवार से जारी भारी बारिश के कारण विभिन्न स्थानों पर वर्षा संबंधी घटनाओं में 12 लोगों की मौत हो गयी और करीब छह अन्य घायल हो गए। इस बीच मौसम की स्थिति को देखते हुए रुद्रप्रयाग प्रशासन ने यात्रियों से गुरुवार को अपनी केदारनाथ यात्रा स्थगित करने के लिए कहा है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, नैनीताल जिले के हल्द्वानी में एक बच्चे के नाले में बहने की भी सूचना है जिसकी तलाश की जा रही है ।
बुधवार रात करीब साढ़े नौ बजे भारी बारिश से गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल रास्ते पर भीमबली में 20-25 मीटर का मार्ग बह गया और पहाड़ी से बड़े-बड़े पत्थर आ गए । केंद्र के अनुसार, इस दौरान वहां फंसे 450 यात्रियों को गढ़वाल मंडल विकास निगम के अतिथि गृहों और पुलिस चौकी में ठहराया गया था। सुबह शुरू हुए बचाव अभियान में अब तक 200 यात्रियों को हेलीकॉप्टर के माध्यम से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है जबकि अन्य को वैकल्पिक पैदल रास्तों के जरिए वहां से निकाला जा रहा है।
केदारनाथ जाने वाले रास्ते के क्षतिग्रस्त होने के मद्देनजर रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन की ओर से यात्रियों को उनकी केदारनाथ यात्रा स्थगित करने की सलाह दी गयी है। इस संबंध में एक परामर्श जारी कर कहा गया है कि केदारनाथ दर्शनों के लिए रुद्रप्रयाग तक पहुंचे तीर्थयात्री फिलहाल जहां कभी हैं, वहीं सुरक्षित रूके रहें और फिलहाल अपनी केदारनाथ धाम यात्रा को स्थगित कर दें।
परामर्श में कहा गया है कि इस समय सोनप्रयाग से आगे मोटरमार्ग और पैदल मार्ग की स्थिति बिल्कुल भी सही नहीं है और मार्ग सही होने और यात्रा के सुचारू होने की सूचना अलग से दी जाएगी। सोनप्रयाग में मंदाकिनी नदी का जल चेतावनी स्तर के आसपास होने के कारण पार्किंग क्षेत्र भी खाली करवा दिया गया है। देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि रायपुर क्षेत्र की एक नहर में बुधवार रात दो व्यक्ति डूब गए। उन्होंने बताया कि उनके शव बरामद कर लिए गए हैं जिनकी पहचान सुंदर सिंह और अर्जुन सिंह राणा के रूप में हुई है।
हरिद्वार जिले के रूड़की क्षेत्र के भारपुर गांव में भारी बारिश से एक मकान ढह गया जिससे उसके मलबे के नीचे दबने से चार व्यक्तियों की मौत हो गयी और 10 अन्य घायल हो गए जिनमें से आठ की हालत गंभीर बताई जा रही है। रूड़की बस अड्डे पर देर रात करीब साढ़े 11 बजे बिजली का करंट लगने से दो व्यक्तियों की मृत्यु हो गयी ।
टिहरी जिले के घनसाली के जखनयाली गांव में बादल फटने से एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गयी। टिहरी के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी बृजेश भट्ट ने बताया कि मलबे से भानु प्रसाद (50) और उनकी पत्नी नीलम देवी (45) के शव बरामद हुए जबकि उनके पुत्र विपिन (28) को घायल अवस्था में निकाला गया। उन्होंने बताया कि देर रात करीब दो बजे सांस लेने में शिकायत के कारण विपिन को एम्स ऋषिकेश ले जाया जा रहा था लेकिन देर रात उसने दम तोड़ दिया।
चमोली जिले की गैरसैंण तहसील के कुणखेत गांव में बीती रात भारी बारिश के दौरान अचानक पहाड़ी से आया मलबा एक मकान पर गिर गया जिससे उसमें दबकर एक महिला की जान चली गय। नैनीताल जिले के हल्द्वानी में बुधवार रात भारी बारिश से उफनाए एक नाले में एक सात वर्षीय बच्चा रिजवान बह गया। पुलिस और एसडीआरएफ द्वारा उसकी तलाश की जा रही है।
मौसम विभाग से मिली सूचना के अनुसार, पिछले 24 घंटों में अकेले देहरादून में ही 172 मिमी बारिश दर्ज की गयी। हरिद्वार के रोशनाबाद में सर्वाधिक 210 मिमी बारिश रिकार्ड की गयी जबकि रायवाला में 163 मिमी, हल्द्वानी में 140 मिमी, हरिद्वार में 140 मिमी, रूड़की में 112 मिमी, नरेंद्र नगर में 107 मिमी, धनोल्टी में 98 मिमी, चकराता में 92 मिमी और नैनीताल में 89 मिमी बारिश दर्ज की गयी।
राज्य में अतिवृष्टि की स्वयं निगरानी कर रहे मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को अलर्ट पर रहने को कहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेशवासी और राज्य में आने वाले यात्रियों की सुरक्षा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में धामी ने कहा कि प्रदेश में बुधवार रात हुई भारी बारिश के कारण कई स्थानों पर जनजीवन प्रभावित होने की सूचना मिली तथा बचाव दलों ने रात भर अभियान चलाकर लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया ।
बाद में, मुख्यमंत्री ने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचकर बारिश की स्थिति का जायजा लिया और सचिव, आपदा प्रबंधन को जिलाधिकारियों से समन्वय बनाए रखने के निर्देश दिए ।उन्होंने सचिव से यह भी कहा कि अतिवृष्टि के कारण राहत व बचाव कार्यों के लिए जिलाधिकारियों द्वारा किसी भी प्रकार की सहायता मांगे जाने पर उन्हें तुरंत उपलब्ध करायी जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा से राहत और बचाव कार्यों के लिए सभी जिलों को इस वित्तीय वर्ष में अभी तक 315 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं।
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