उत्तराखंड में भारी बारिश-भूस्खलन से तबाही! अब तक 34 लोगों की मौत, सैकड़ों पर्यटक और श्रद्धालू किए गए रेस्क्यू

उतराखंड के नैनीताल, हल्द्वानी, काठगोदाम, रानीखेत, पौड़ी, लैंसडाउन, चमोली आदि क्षेत्रों में भी बीते तीन दिन से लगातार तेज बारिश हो रही है। राज्य में बारिश एवं भूस्खलन के बाद करीब 2 दर्जन लोग लापता हैं।

फोटो: IANS
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नवजीवन डेस्क

देश के पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में हो रही लगातार तेज बारिश से यहां जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। उत्तराखंड के विभिन्न जिलों में बरसात के कारण हुए अलग-अलग हादसों में अभी तक 34 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य सरकार द्वारा मृतकों के परिजनों को 4 लाख रुपए की राहत राशि दी जाने की घोषणा की गई है। उतराखंड के नैनीताल, हल्द्वानी, काठगोदाम, रानीखेत, पौड़ी, लैंसडाउन, चमोली आदि क्षेत्रों में भी बीते तीन दिन से लगातार तेज बारिश हो रही है। काठगोदाम में तो तेज बारिश के कारण रेलवे ट्रैक की पटरी भी उखड़ गई। रेलवे ट्रैक की पटरी बह कर नदी किनारे पहुंच गई है। राज्य में बारिश एवं भूस्खलन के बाद करीब 2 दर्जन लोग लापता हैं।

मूसलाधार बारिश के कारण नैनीताल का सड़क संपर्क बाकी क्षेत्रों से कट गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गढ़वाल व कुमांऊ क्षेत्र के आपदा ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायजा लिया। रूद्रप्रयाग के जिलाधिकारी से यात्रा व्यवस्थाओं तथा विभिन्न स्थानों पर रूके यात्रियों को दी जा रही सुविधाओं की जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि पीड़ितों के साथ ही यात्रियां को हर संभव सहयोग एवं सहायता उपलब्ध करायी जाय। उन्होंने बन्द मार्गों को खोलने के भी निर्देश जिलाधिकारी को दिये।

उत्तराखंड जिम कॉर्बेट के समीप रामनगर के कई रिजॉर्टस में पानी भर गया। यहां लेमन ट्री नामक एक रिजॉर्ट में फंसे करीब 150 पर्यटकों को रेस्क्यू टीम ने सुरक्षित निकाला है।


रामनगर में कोसी नदी के खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। यहां मोहान और ढिकुली इलाके के कई रिजॉर्टस में पानी भर गया है। मोहान स्थित लेमन ट्री रिजॉर्ट से प्रशासन ने घंटों की मशक्कत के बाद 150 पर्यटकों को सुरक्षित निकाला गया है।

स्थानीय एसडीएम गौरव चटवाल के मुताबिक ट्रैक्टर ट्रॉली और रेस्क्यू टीम की मदद से रिजॉर्ट में फंसे लोगों को बाहर निकाला गया है। रिजॉर्ट से निकाले गए ज्यादातर पर्यटक निजी वाहनों व टैक्सी लेकर अपने घरों को लौट रहे हैं। जो पर्यटक अभी वापस नहीं लौट सके हैं उन्हें सुरक्षित होटलों में ठहराया गया है। वहीं पुछड़ी और मालधन में भी पानी और मलबे से लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू आपरेशन चलाया गया है।

उधर नैनीताल जिले के रामगढ़ ब्लॉक के एक गांव में मकान जमींदोज होने की खबर है। यहां नौ व्यक्ति लापता हैं। भीमताल में मकान ढहने से एक बच्चा मलबे में दब गया है। अल्मोड़ा जिले में एक मकान पर पहाड़ी से मलबा आने के कारण तीन लोग लापता गए हैं।

जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग ने जानकारी दी कि श्री केदारनाथ में कुल 06 हजार श्रद्धालु थे। इनमें से चार हजार वापस आ गये हैं। शेष 02 हजार सुरक्षित स्थानों पर है। अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों में सेना से तीन हेलीकॉप्टर लगाये गए हैं। जिलाधिकारी चमोली एवं रुद्रप्रयाग को निर्देश दिए गए हैं कि यात्रा मार्गों पर फंसे यात्रियों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाए।

जिलाधिकारी पौड़ी के मुताबिक तहसील लैंसडाउन के क्षेत्रान्तर्गत छप्पर गिरने से 03 लोगों की मृत्यु हो गई, जबकि 02 लोग घायल हो गये थे। घायलों को हायर सेंटर रैफर किया गया है। रूद्रप्रयाग में एक व्यक्ति की मृत्यु हुई है। उत्तराखंड के कई अन्य स्थानों पर पर्यटकों के भी फंसे होने की सूचना है। पर्यटकों को सुरक्षित निकालने के लिए जिला अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।

वहीं तेज बारिश और तूफान के कारण नैनीताल जिले के कई हिस्से सड़क यातायात से पूरी तरह कट गए हैं। अत्यधिक बारिश के कारण उत्तराखंड स्थित काठगोदाम के गोलापार इलाके में सड़क मार्ग टूटकर नदी में बह गया। काठगोदाम में ट्रेनों का आवागमन भी प्रभावित हुआ है। कई ट्रेनों को स्थगित करना पड़ा है। जबकि कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है, वहीं रानीखेत को सड़क परिवहन से जोड़ने वाले एक मुख्य पुल पर के ऊपर तक नदी का पानी पहुंच गया, जिससे यहां यातायात व्यवस्था ठप हो गई।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाय कि बारिश के कारण यदि कोई राजमार्ग बाधित होता है, तो उनमें आवगमन जल्द सुचारू करने के लिए पूरी व्यवस्था हो। जिन क्षेत्रों में अधिक वर्षा हो रही हैं, वहां विशेष सतर्कता बरती जाय। मुख्यमंत्री सुबह से सभी जिलाधिकारियों से अपडेट ले रहे हैं।

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