बीजेपी के लिए गुरु गोबिंद सिंह के शब्दों से खिलवाड़ कर फंसे अनुपम खेर, पंजाब में भारी रोष, कई जगह प्रदर्शन
अनुपम खेर ने हाल ही में सिखों के दसवें गुरु गुरू गोबिंद सिंह जी के दोहे- ‘सवा लाख से एक लड़ाऊं’ को तोड़मरोड़ कर एक बीजेपी प्रवक्ता की शानगिरी में अपने ट्वीट में लिखा, ‘सवा लाख से एक भिड़ा दूं।’ इसे लेकर पूरे पंजाब में अनुपम खेर के खिलाफ भारी नाराजगी है।
मशहूर अभिनेता और चंडीगढ़ से बीजेपी सांसद किरण खेर के पति अनुपम खेर सिखों के दसवें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह के शब्दों का गलत इस्तेमाल करने पर पंजाब में बुरी तरह घिर गए हैं। बेशक अनुपम खेर ने ट्वीट करके माफी मांग ली है, लेकिन सूबे में उनका जोरदार विरोध जारी है। इस मामले से चंडीगढ़ से बीजेपी सांसद किरण खेर की मुश्किलों में भी इजाफा हो रहा है, क्योंकि पंजाब बीजेपी खामोश है और उसकी साझीदार शिरोमणि अकाली दल भी इस प्रकरण से कन्नी काटे हुए है।
इस मामले को लेकर पंजाब की तमाम सियासी पार्टियों ने अनुपम खेर की जबरदस्त निंदा की है।पंजाब कांग्रेस ने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह को अनुपम खेर के खिलाफ लिखित शिकायत दी है और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने अभिनेता को कानूनी नोटिस भेजा है। हालांकि, शिरोमणि अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी ने इस विवाद पर खामोशी की चादर ओढ़ ली है।
बता दें कि अनुपम खेर ने एक बीजेपी प्रवक्ता की तारीफ करते हुए एक विवादास्पद ट्वीट किया था, जिसमें दशम गुरु श्री गोबिंद सिंह जी के दोहे की पंक्तियों को तोड़मरोड़ कर बीजेपी के पक्ष में पेश किया गया था। गुरु गोबिंद सिंह जी के दोहे की पंक्तियां हैं, 'सवा लाख से एक लड़ाऊं।' अभिनेता अनुपम खेर ने एक बीजेपी प्रवक्ता की शानगिरी में इन पंक्तियों को तोड़मरोड़ कर अपने ट्वीट में लिखा, 'सवा लाख से एक भिड़ा दूं।'
इसके खिलाफ शुक्रवार को पंजाब के विभिन्न शहरों और कस्बों में अनुपम खेर के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया गया और उनके पुतले जलाए गए। विभिन्न सिख संगठनों और सियासी दलों की मांग है कि अनुपम खेर श्री अकाल तख्त साहिब पर हाजिर होकर माफी मांगें। जब तक वह ऐसा नहीं करते, उनकी इसी मानिंद खिलाफत जारी रहेगी। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के प्रधान गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने भी अनुपम खेर की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि वह सार्वजनिक तौर पर सिखों से माफी मांगे, न कि ट्वीट के जरिए।
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के महासचिव हरमीत सिंह कहते हैं कि दोहे को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का अधिकार किसी के पास नहीं है। कमेटी ने अपने लीगल सेल के चेयरमैन जसविंदर सिंह जौली के माध्यम से खेर को कानूनी नोटिस भेजा है। एसजीपीसी प्रधान भाई गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने जोर देकर कहा कि, "अपनी गलती के लिए अनुपम खेर को समूची सिख कौम से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने यह गलती जानबूझकर की है।"
पंजाब यूथ कांग्रेस के प्रधान बरिंदर सिंह के निर्देश पर पूरे सूबे में यूथ कांग्रेस अनुपम खेर का कड़ा विरोध कर रही है। बरिंदर सिंह कहते हैं, "श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने सिखों को उत्पीड़न के खिलाफ लड़ने के लिए प्रोत्साहित करते हुए 1699 में उस समय यह छंद कहा था। तब उन्होंने खालसा की रचना की थी। खेर ने इसका गलत इस्तेमाल करके सिखों का अनादर किया है।"
पंजाब के कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा के अनुसार, "अनुपम खेर की इस हरकत केे बावजूद बीजेपी से नाखून-मांस का रिश्ता रखनेे वाले शिरोमणि अकाली दल की चुप्पी शर्मनाक है। आखिर अकाली कब तक पंजाबियों और सिखों का अनादर करने वालों के सुर में सुर मिलाते रहेंगे। अनुपम खेेर की इस हरकत को सिख बर्दाश्त नहीं करेंगे।"
उधर अकाली दल टकसाली ने भी इस मामले में अनुपम खेर की कड़े शब्दों में आलोचना की है। दल के वरिष्ठ नेता करनैल सिंह पीर मोहम्मद ने कहा कि एक व्यक्ति विशेष के लिए गुरबाणी के शब्दोंं का इस्तेमाल करके अनुपम खेर ने बेहद घटिया हरकत की है और इस मामले में श्री अकाल तख्त साहिब और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को कड़ा नोटिस लेते हुए कार्रवाई करनी ही चाहिए।
गौरतलब है कि कड़े विरोध को देखते हुए अनुपम खेर ने ट्विटर हैंडल से आनन-फानन में विवादित ट्वीट को हटा दिया और एक नया ट्वीट कर अपनी गलती स्वीकार करते हुए लिखा कि वह क्षमा प्रार्थी हैं। साथ ही उन्होंने गुरु गोबिंद सिंह जी के शब्दोंं को सही तरीके से भी प्रस्तुत किया।
हालांकि इसके बावजूद पंजाब में उनका विरोध जारी है। इन पंक्तियों को लिखे जाने तक 3 जुलाई को अमृतसर, तरनतारन, गुरदासपुर, लुधियाना, जालंधर, कपूरथला, रोपड़, बटाला, फतेहगढ़़ साहिब, पटियाला, मोहाली, बठिंंडा, फरीदकोट, मानसा, मुक्तसर, नवांशहर और मोगा जिलों और कई कस्बों में अनुपम खेर के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया गया और उनकेेे पुतले जलाए गए। सूबे की राजधानी चंडीगढ़ में भी उनके और उनकी सांसद पत्नी किरण खेर केे खिलाफ विरोध-प्रदर्शन हुए।
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Published: 03 Jul 2020, 4:17 PM